आजकल लोग कई प्रकार की बिमारियों की चपेट में आ रहे है। ऐसे भी कई प्रकार के रोग होते है जिनके बारे में बहुत ही कम लोग जानते है और जानकारी न होने के कारण उनको अपनी जिंदगी से भी हाँथ धोना पड़ जाता है।
कुछ बीमारियाँ ऐसी होती है जो की वायरल होती है। यदि यह किसी एक व्यक्ति को हो जाती है तो आसानी से दूसरे व्यक्ति तक भी पहुंच जाती है।
वायरल बीमारियाँ बहुत ही घातक होती है। यदि इनका समय पर उपचार नहीं किया जाते तो इसके घातक परिणाम सामने आते है।
मच्छरों के काटने से भी कई बीमारियाँ हो जाती है जिसमे से एक है चिकनगुनिया। यह क्या होता है, कैसे फैलता है और इसका उपचार कैसे कर सकते है? इन सब के बारे में भी जानकारी होना आवश्यक है ताकि आप अपना और अपने परिवार वालों का ख्याल रख सके। आईये इस लेख में जानते है Chikanguniya Symptoms in Hindi.
Chikanguniya Symptoms in Hindi : जाने इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
क्या है चिकनगुनिया ?
- चिकनगुनिया एक प्रकार की वायरल बिमारी होती है जो की कुछ विशेष मच्छरों के काटने पर उत्पन्न होती है। खास कर यह एडीज मच्छर के काटने से होता है ।
- चिकनगुनिया शब्द दक्षिणी तंजानिया से लिया गया है जिसका अर्थ होता है मुड़ा हुआ।
- चिकनगुनिया अब भारत सहित कई देशों में फ़ैल चूका है।
कैसे फैलता है चिकनगुनिया?
- यदि कोई व्यक्ति चिकनगुनिया से पीड़ित है और उसे कोई मच्छर काट लेता है।
- फिर वही मच्छर किसी दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो उस व्यक्ति को भी चिकनगुनिया हो जाता है।
- एडीज मच्छर की प्रजातियाँ इस बीमारी को फैलाने में मदद करती है।
- इस प्रकार के मच्छर दिन के समय ही व्यक्ति को अपना निशाना बनाते है।
कैसे पहचाने चिकनगुनिया के लक्षणों को?
चिकनगुनिया के लक्षण मच्छर के तुरंत काटने के बाद नहीं पता चलते है, यह लगभग 2 से 7 दिनों के उपरांत ही देखने को मिलते है। इसके लक्षण डेंगू से मिलते जुलते है जैसे –
- सर में दर्द होना
- ठंड लग कर बुखार का आना
- जोड़ों में अधिक दर्द होना
- कमजोरी का होना
- भूख की कमी
- शरीर में चकत्ते दिखाई देना
- उल्टी होना
- जोड़ों में सूजन होना
ज्यादातर लोगो में जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या लम्बे समय तक बनी रहती है। इसके लिए डॉक्टर से दवा ले लेना चाहिए।
किन कारणों से फैलता है चिकनगुनिया?
इसके मुख्य कारण निम्न है जैसे –
- पानी का जमाव होना
- घर के आसपास गंदगी का होना
- मच्छरों का पनपना
चिकनगुनिया का उपचार
- नारियल पानी का सेवन ज्यादा करे यह पेट को राहत देगा।
- जितना हो सके अधिक मात्रा में गुनगुना पानी पिए।
- चिकनगुनिया पीड़ित व्यक्ति को जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या बनी रहती है इसके उपचार के लिए अपने डॉक्टर से दवा ज़रूर ले।
- पीड़ित व्यक्ति को नीम के पत्तों का रस पिलाये।
- साफ सफाई पर विशेष ध्यान दे।
- रोगी के लिए पपीता और करेला के पत्तों के रस का सेवन करना भी लाभकारी होता है।
- यदि बुखार आये तो उसमे ऐस्प्रिन कभी नहीं खानी चाहिए यह समस्या उत्पन्न कर सकता है।
- रोगी को दूध से बने पदार्थों का सेवन अधिक करवाए।
चिकनगुनिया से बचाव
- चिकनगुनिया से बचने के लिए जितना हो सके उतना मच्छरों के काटने से बचे क्योंकि यह मच्छरों के काटने से ही फैलता है।
- जब भी कभी बाहर जाए तो शरीर को पूरा ढकने वाले कपड़े ही पहने। खास कर बच्चों के लिए भी इस बात का ध्यान रखे।
- अपने घर के आसपास सफाई रखे और पानी को भी जमा न होने दे।
- चिकनगुनिया के मच्छर दिन के समय काटते है इसलिए दिन में भी मच्छरदानी का उपयोग करे। आप चाहे तो गुड नाईट या फिर मच्छरों वाली क्रीम का भी इस्तेमाल कर सकते है।
- बच्चे खुली जगह में खेलते है इसलिए अपने बच्चों पर भी विशेष ध्यान रखें ।
चिकनगुनिया का घरेलु उपाय
चिकनगुनिया के लिए कुछ घरेलु उपाय भी है जिसके मदद से इस बीमारी को दूर किया जा सकता है।
तुलसी का सेवन:
- तुलसी औषधीय गुणों से भरपूर होती है ।
- चिकनगुनिया जैसे बीमारी के लिए भी यह बहुत ही फ़ायदेमंद है ।
- तुलसी का उपयोग करने से बुखार कम हो जाता है और शरीर को राहत मिलती है। इसलिए इसका उपयोग करना उत्तम होता है।
पपीते की पत्ती का उपयोग:
- पपीते की पत्ती डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के लिए लाभकारी होती है।
- पपीते के पत्ते बुखार के कारण गिरते हुए प्लेटलेट्स को तेजी से बढ़ाने में मदद करते है।
- इसके सेवन के लिए आप इसके पत्तों का जूस बना कर पी सकते है।
गाजर का जूस
- गाजर का जूस भी चिकनगुनिया को कम करने में मदद करता है।
- इसका सेवन करने से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है । जिसके कारण शरीर को राहत महसूस होती है। इसलिए चिकनगुनिया के रोगी को इसका सेवन करना चाहिए।
नारियल का तेल
- चिकनगुनिया के रोगी को जोड़ों में दर्द की समस्या बनी रहती है, इसके निवारण के लिए जोड़ों पर हलके हांथो से नारियल के तेल से मालिश करने पर आराम मिलता है।
- नारियल के तेल की नियमित रूप से मालिश करे। साथ ही आप जोड़ों के दर्द और शरीर के दर्द को दूर करने के लिए हल्का व्यायाम भी कर सकते है।
लौंग का उपयोग
- लौंग का उपयोग करना भी चिकनगुनिया को कम करता है।
- इसके लिए लहसुन को पीसकर उसे लौंग के तेल में मिला ले और जोड़ों व सूजन वाली जगह पर इसे लगाए ।
- ऐसा करने से राहत मिलती है। साथ ही इसके उपयोग से शरीर का तापमान भी नियंत्रित रहता है।
उपरोक्त उपायों के अतिरिक्त अंगूर, अजवायन, एप्सम साल्ट आदि का भी उपयोग चिकनगुनिया को कम करने में किया जा सकता है। आपको बता दे की उपरोक्त उपायों के साथ साथ आराम भी जरूरी होता है साथ ही अच्छी नींद भी ले तभी चिकनगुनिया से छुटकारा मिल सकता है।
नोट-
- चिकनगुनिया के रोगी को खाने में नॉन वेज खाना नहीं खाना चाहिए यह रोगी के लिए नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए जितना हो सके सिंपल खाना ही खाये।
- चिकनगुनिया घातक बीमारी नहीं है लेकिन यह शरीर को कमजोर बना देती है जिसके कारण रोगो से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। इसलिए चिकनगुनिया से बचाव करे अपने बच्चों और परिवार वालों का और साथ इस इस जानकारी को अपने पड़ोसियों व मित्रों के साथ भी शेयर करे ताकि हम सब चिकनगुनिया से सुरक्षित रह सके।