यह तो हम सभी जानते है की हमारे शरीर को आयरन की आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति हम अपने अलग अलग खाद्य पदार्थों और दवाओं के माध्यम से करते है।
परन्तु किसी भी चीज की अति अर्थात अधिकता अच्छी बात नहीं होती है। यदि शरीर में आयरन की मात्रा ज्यादा हो जाए तो भी यह शरीर के लिए हानिकारक होती है, जो की बीमारी का रूप ले लेती है।
शरीर में आयरन ज्यादा मात्रा में एकत्रित हो जाने पर हेमोक्रोमैटोसिस जैसी बीमारी हो जाती है। Haemochromatosis को हिंदी भाषा में रक्तवर्णकता के नाम से भी जाना जाता है। इसके होने पर आयरन शरीर के उतकों खासकर यकृत, अग्न्याशय और हृदय में इकट्ठा हो जाता है।
शरीर में आयरन की अधिकता से निजात पाने का कोई भी प्राकृतिक उपाय अभी तक संभव नहीं हो पाया है। जानकारी ही इसका बचाव होती है इसके लिए जानते है Hemochromatosis के बारे में विस्तार से।
Hemochromatosis Disease: हेमोक्रोमैटोसिस क्या है, इसके लक्षण और उपचार
What is Hemochromatosis: हेमोक्रोमैटोसिस क्या है?
- यह एक प्रकार की बीमारी है जो की शरीर में आयरन की अधिकता के कारण उत्पन्न होती है।
- जब शरीर में आयरन बहुत ज्यादा मात्रा में उपस्थित हो जाता है तो यह शरीर के कई अंगो को प्रभावित करता है।
Types of Hemochromatosis: हेमोक्रोमैटोसिस के प्रकार
हेमोक्रोमैटोसिस का यदि उपचार नहीं किया गया तो इसके कारण शरीर के अंग कार्य करना बंद कर देते है। यह दो प्रकार के होते है- प्राथमिक हेमोक्रोमैटोसिस और गौण हेमोक्रोमैटोसिस।
- प्राथमिक हेमोक्रोमैटोसिस बीमारी एक आनुवंशिक बीमारी होती है।
- गौण हेमोक्रोमैटोसिस थैलेसीमिया, एनीमिया, यकृत रोग आदि के कारणों से होती है।
Hemochromatosis Symptoms: हेमोक्रोमैटोसिस के लक्षण
सभी लोगो में हेमोक्रोमैटोसिस के लक्षण अलग अलग प्रकार के होते हैं और कुछ लक्षण दूसरी बीमारियों के जैसे भी हो सकते है। हेमोक्रोमैटोसिस में कुछ सामान्य लक्षण भी होते है जैसे:-
थकान होना
- काम की अधिकता और भोजन की कमी से भी थकान हो सकती है साथ ही थकान के अन्य कारण भी हो सकते है।
- लेकिन यदि आप कम कार्य करने में भी थकान महसूस कर रहे है तो यह आपके लिए चिंता का कारण बन सकती है।
जोड़ों में दर्द
- उम्र बढ़ने के साथ साथ शरीर कमजोर होता है और साथ ही जोड़ों में भी दर्द रहने लगता है।
- लेकिन यदि आपकी उम्र अधिक नहीं है और आपके जोड़ों में लगातार दर्द बना रहता है तो इसके लिए डॉक्टर से संपर्क करे, यह हेमोक्रोमैटोसिस का लक्षण भी हो सकता है।
वजन में कमी
- वजन की कमी कई कारणों से हो सकती है लेकिन यदि आपका वजन लगातार घटता जा रहा है तो उसे अनदेखा न करे।
- यह शरीर में आयरन की अधिकता की वजह से भी हो सकती है। इसका सही कारण जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें।
पेट में दर्द
- गलत खानपान और अपच के कारण पेट में दर्द की समस्या होती है
- परन्तु यदि पेट दर्द की समस्या लम्बे समय तक बनी हुयी है तो यह आयरन की अधिकता की वजह से भी हो सकती है।
सामान्य कमज़ोरी
- शरीर में लोहे की अधिकता होने से शरीर दुर्वल होने लगता है जिसके कारण कमजोरी महसूस होने लगती है।
मधुमेह का होना
- मधुमेह रोग होने के भी कई कारण हो सकते है।
- इसलिए इसकी जाँच ज़रूर करवानी चाहिए ताकि सही स्थिति का पता चल सके और हेमेट्रोमैटोसिस का उपचार भी सही समय पर किया जा सके।
हड्डी में दर्द
- कैल्शियम की कमी के कारण कई लोगो की हड्डियों में दर्द होता है।
- यदि कैल्शियम का सेवन करने से भी हड्डी का दर्द ठीक नहीं हो रहा है तो हेमेट्रोमैटोसिस के लिए डॉक्टर से जाँच ज़रूर करवाए।
- क्योंकि लोहे की अधिकता के कारण भी हड्डियों में दर्द बना रहता है।
अन्य लक्षण
उपरोक्त लक्षणों के अतिरिक्त भी कई लक्षण देखने को मिलते है जैसे –
- सेक्स ड्राइव का नुकसान
- नपुंसकता
- हृदयगति का रुक जाना
- लीवर फेलियर
- गठिया
उपरोक्त लक्षणों की जानकारी होने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करे ताकि सही समय पर इसका सही उपचार किया जा सके।
कब नजर आते है इसके लक्षण?
- वंशानुगत हेमोक्रोमैटोसिस जन्म से ही होता है। बहुत से लोगो को इनके लक्षणों का अनुभव नहीं हो पाता है।
- आमतौर पर पुरुषों में यह 50 से 60 वर्ष में दिखाई देता है और महिलाओ में 60 वर्ष की उम्र दिखाई देता है।
- रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं को लक्षण विकसित होने की अधिक संभावना होती है।
डॉक्टर को कब चेक करवाए
ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण यदि आप अनुभव करते है तो तुरंत ही अपने डॉक्टर को दिखाए। यदि आपके परिवार में पहले से भी हेमोक्रोमैटोसिस से पीड़ित है तो डॉक्टर से आनुवंशिक परीक्षणों के बारे में ज़रूर पूछे क्योंकि यह बीमारी वंशानुगत भी हो सकती है, जिसके कारण हेमोरेक्रोमैटोसिस का खतरा बढ़ जाता है।
Hemochromatosis Treatment: हेमोरेक्रोमैटोसिस का इलाज
- हेमोक्रोमैटोसिस के उपचार के लिए सबसे पहले चिकित्सक आपके चिकित्सीय और पारिवारिक इतिहास जानने की कोशिश करता है।
- शारीरिक परीक्षण और प्रक्रियाओं के परिणामों के जरिये भी इसका निदान किया जाता है।
- उपचार के लिए शरीर से रक्त और आयरन निकालना होता है ताकि बीमारी की जाँच कर सके।
- जाँच के अनुसार ही दवाएँ और आहार में परिवर्तन करके इसका उपचार किया जाता है।
हेमेट्रोमैटोसिस आपके अंगों को कैसे प्रभावित करता है?
लोहा हमारे शरीर में महत्पूर्ण भूमिका निभाता है लेकिन यदि यह शरीर में अधिक मात्रा में होता है तो यह शरीर के लिए किसी जहर से कम नहीं होता है।
अतिरिक्त लोहा आपके प्रमुख अंग यकृत में संग्रहीत होता है। जो की कुछ वर्षो के बाद गंभीर क्षति का कारण बन सकता है। इसके कारण ही पुरानी बीमारियाँ जैसे सिरोसिस, मधुमेह और दिल की विफलता हो सकती है।
हेमेट्रोमैटोसिस कई जटिलताओं को जन्म दे सकता है। खासकर आपके जोड़ों में और उन अंगों में जहां अधिक आयरन जमा होता है जैसे यकृत, अग्न्याशय और दिल।
- यकृत की समस्याएं सिरोसिस – सिरोसिस, यकृत कैंसर और अन्य जटिलताओं के जोखिम को बढ़ाता है।
- अग्न्याशय समस्याएं – अग्न्याशय के नुकसान से मधुमेह हो सकता है।
- हृदय की समस्याएं – दिल में ज्यादा आयरन होने से शरीर की आवश्यकताओं के लिए रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है। इसे कंजेस्टिव हार्ट फेलियर कहते है।
- प्रजनन समस्याएं- अधिक आयरन के कारण नपुंसकता और पुरुषों में सेक्स ड्राइव का नुकसान हो सकता है और महिलाओं में मासिक धर्म चक्र की कमी हो सकती है।
- त्वचा के रंग में बदलाव- शरीर में लोहे की अधिकता होने से त्वचा का रंग भी बदल जाता है। त्वचा कोशिकाओं में लोहे की जमावट होने से त्वचा कांस्य या भूरे रंग की दिखाई देने लगती है।
- Pancreas की समस्याएं-लोहे की अधिकता से Pancreas को नुकसान पहुँचता है जिसके कारण मधुमेह की सम्भावनाये बढ़ जाती है।
आज के लेख में आपने हेमेट्रोमैटोसिस की समस्या से महत्वपूर्ण तथ्य पढ़े। साथ हीं आपने इस समस्या ले लक्षण एवं उपचार के बारे में भी जाना।