Weight Gain Reasons In Female In Hindi: हारमोन जो बढ़ाते हैं महिलाओं का वज़न

Weight loss के लिए केवल स्वस्थ भोजन आपकी मदद नहीं कर सकता है, इसके लिए आपको अपने उस हार्मोन के बारे में भी पता होना चाहिए जिसकी वजह से आपका वज़न बढ़ता है। आपको बता दें की यदि आपके हार्मोन संतुलित नहीं हैं तो जिद्दी वसा को कम करना बहुत मुश्किल हो सकता है।

तभी तो कहा जाता है वजन घटाना आसान नहीं है। हार्मोन आपके शरीर में महत्वपूर्ण प्रतिक्रियाओं को जैसे की चयापचय, सूजन, रजोनिवृत्ति, ग्लूकोज तेज गति आदि को नियंत्रित करते हैं। लेकिन तनाव, उम्र का बढ़ना, खराब जीवन शैली हार्मोन को असंतुलित कर देती है।

जैसा की हमने ऊपर बताया की हार्मोनल असंतुलन मेटाबोलिज्म बिगाड़ना, इनडाइजेशन, हंगर बढाती है जिससे वजन बढ़ता है। असंतुलित हार्मोन के चलते महिलाओ को मोटापे से संबंधित कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

आप भी वजन घटाने की कोशिशों में लगे है लेकिन वजन घटने का नाम ही नहीं ले रहा है तो आप पहले पता करिये की कही कोई हार्मोन तो इसके पीछे जिम्मेदार नहीं हैं। आइये Weight Gain Reasons In Female In Hindi के बारे में विस्तार से जानते है।

Weight Gain Reasons In Female In Hindi: क्यों बढ़ता है महिलाओं में वजन

Hormones Responsible for Weight Gain in Women

एस्ट्रोजन

एस्ट्रोजन का हाई और लो लेवल दोनों वजन बढ़ने के पीछे जिम्मेदार है। एस्ट्रोजन हॉर्मोन दो कारणों से बढ़ सकता है जब ओवेरियन सेल्स इस हॉर्मोन का उत्पादन ज्यादा करने लगता है या फिर जब आप एस्ट्रोजन से भरपूर डाइट लेने लगते है।

एस्ट्रोजेन लेवल को सही कैसे बनाए रखे

  • अल्कोहल का सेवन कम करे।
  • रोज व्यायाम करे और स्ट्रेस फ्री रहने के लिए योग करे।
  • साबुत अनाज, सब्जिया और फलो को अपनी डाइट में शामिल करे।
  • प्रोसेस्ड मीट ना खाये, यदि मीट खाते है तो इसे लोकल मार्किट से ख़रीदे।

थाइराइड

थाइराइड ग्रंथि, जो आपकी गले में मौजूद होती है, तीन हार्मोन-टी 3, टी 4, और कैल्सीटोनिन पैदा करता है। ये हार्मोन मेटाबोलिज्म, नींद, हृदय गति और मस्तिष्क के विकास आदि को विनियमित करते हैं।

कभी-कभी थायरॉयड ग्रंथि थायराइड हार्मोन उत्पन्न करती है जिससे हाइपोथायरायडिज्म होता है। हाइपोथायरायडिज्म होने पर अवसाद, कब्ज, थकान, उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल और वजन बढ़ने जैसी चीज़े देखने को मिलती है।

थायराइड असंतुलन का इलाज कैसे करे

  • थायराइड उत्तेजक हार्मोन (टीएसएच) टी 3 और टी 4 की जाँच करे। अपनी रिपोर्ट्स चिकित्सक को दिखाए।
  • कच्ची सब्ज़ियाँ खाने से बचे, अच्छी तरह से पकाया गया खाना खाएं।
  • आयरन युक्त नमक का इस्तेमाल भोजन में करें।
  • मछली के तेल और विटामिन डी की खुराक लें
  • थायराइड की दवाएं लें यदि आपका डॉक्टर आपको कहता है।

कोर्टिसोल

कोर्टिसोल एक स्टेरॉयड हार्मोन है जो अधिवृक्क ग्रंथियों द्वारा बनता है। जब आप तनावग्रस्त, उदास, चिंतित, नाराज होते है या फिर आपको चोट लग जाती है तो यह बढ़ता है। कोर्टिसोल के दो मुख्य कार्य ऊर्जा विनियमन और ऊर्जा जुटाना होता है। इसके बढ़ने पर यह वसा कोशिकाओं को और बढ़ाता है।

कोर्टिसोल के स्तर को कम कैसे करें

  • रोज गहरी साँस लेने का अभ्यास, योग और ध्यान करे ताकि आपके अंदर तनाव कम हो।
  • हर रात 7 से 8 घंटे की नींद लें।

प्रोजेस्टेरोन

प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स के कारण भी वजन में वृद्धि होने लगती है । लेकिन यह कह पाना मुश्किल है की प्रोजेस्टेरोन की कमी वजन को पूरी तरह से बढ़ाती है।
शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर रजोनिवृत्ति के दौरान कम होने लगता है । साथ ही ब्‍लॉटिंग और वॉटर रिटेंशन भी वजन के लिए जिम्मेदार होते है ।

प्रोजेस्टेरोन के स्तर को कैसे बढ़ाये

प्रोजेस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने के लिए कुछ सुपर फ़ूड का सेवन किया जा सकता है जैसे

  • अखरोट
  • मीट
  • अंडा
  • विटामिन सी युक्त पदार्थ
  • जिंक उपस्थित पदार्थ आदि
  • प्रोजेस्टेरोन के स्तर को नियंत्रित करने के लिए आप अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से
  • परामर्श ले सकते है।
  • प्रोसेस्ड मीट से जितना हो सके दूरी बना कर रखे ।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें यह शरीर को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है ।
  • योग के माध्यम से गहरी साँस लेने का अभ्यास करे।
  • तनाव से खुद को दूर रखे ।

इंसुलिन

इंसुलिन नामक हार्मोन का उत्पादन अग्न्याशय में उपस्थित बीटा कोशिकाओं के द्वारा होता है। इन्सुलिन भी शरीर में वजन को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है । यह कार्बोहाइड्रेट का नियमन भी करता है । शरीर में इन्सुलिन के द्वारा ही ग्लूकोज का इस्तेमाल किया जाता है।
यदि रक्त में हाई इंसुलिन का स्तर होता है तो उसके कारण वजन में भी वृद्धि होती है।

इंसुलिन को कैसे नियंत्रित करे

  • संतुलित भोजन का सेवन करना चाहिए साथ ही इस बात का भी ध्यान दे की आप जो भोजन करे वह पौष्टिक होना चाहिए ।
  • नियमित रूप से योग और व्यायाम करना चाहिए इससे इंसुलिन नियंत्रित रहता है ।
  • नियमित रूप से रक्त शर्करा की जांचो को करवाए और अपने डॉक्टर से परामर्श करे।
  • प्रोसेस्ड फ़ूड का सेवन कम से कम करे । शराब का सेवन भी न करे साथ ही देर रात को स्नेक्स भी ना खाये ।
  • हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ और मौसमी फलो का अधिक से अधिक सेवन करे ।
  • जितना हो सके कम कैलोरी वाले भोजन का सेवन करे ।
  • 3 से 4 लीटर पानी को नियमित रूप से पिए ।

इसके अतिरिक्त अन्य हार्मोन्स भी जिम्मेदार होते है जैसे –

टेस्टोस्टेरोन –

  • शरीर में हड्डियों को मज़बूती देने का कार्य टेस्टोस्टेरोन का होता है साथ ही यह फेट को भी बर्न करता है ।
  • जैसे जैसे महिलाओ की उम्र में वृद्धि होती है टेस्टोस्टेरोन की मात्रा में कमी आने लगती है ।
  • टेस्टोस्टेरोन के बढ़ने से वजन में वृद्धि होती है साथ ही महिलाओ को चेहरे पर मुंहासे, चेहरे पर बाल और मासिक सम्बन्धी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है ।

घ्रेलिन-

  • यह एक हंगर हार्मोन होता है जो की भूख को बढ़ने का कार्य करता है साथ ही यह शरीर में वसा को भी एकत्रित करता है ।
  • इसलिए यदि इसकी मात्रा भी शरीर में बढ़ती है तो वजन अपने आप बढ़ने लगता है।

ध्यान रखने योग्य कुछ सावधानियां

  • वजन को कम करने के लिए अपने से कोई भी दवाएं ना ले । इसके उपयोग से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करे। क्योंकि यह स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते है ।
  • अपने डॉक्टर से बात करें और यह पता लगाने के लिए आवश्यक परीक्षण करें कि आपका वजन बढ़ना हार्मोनल है या नहीं।

उपरोक्त जानकारी से आप समझ ही गए होंगे की केवल खाने से वजन नहीं बढ़ता है इसके और भी अन्य कारण हो सकते है ।

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