International Yoga Day in Hindi: नरेंद्र मोदी की पहल पर मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

योग काफी प्राचीन समय से भारत में किया जाता है। इसे योगी अपनी साधना सिद्ध करने के लिए भी करते है। योग को पुराने ज़माने में ऋषि मुनी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक प्रार्थना के रूप में देखते थे।

योग कई प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाने में काफी सक्षम होता है। इसका नियमित रूप से अभ्यास करने से शरीर को कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं से राहत मिल जाती है।

इसलिए योग के अनेक फायदों के बारे में जानने के बाद पूरे विश्व ने इसे माना और तय किया की 21 जून का दिन योग दिवस (International Day of Yoga) के रूप में मनाया जायेगा। जिससे लोगो की योग के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और विश्व को निरोगी बनाने में मदद मिलेगी।

आज के इस लेख में हम आप को विश्व योग दिवस के अवसर पर इस दिवस से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ देने जा रहे है। जिनके बारे में जानना आपके लिए ज़रुरी है। आइये जानते है International Yoga Day in Hindi.

International Yoga Day in Hindi: योग दिवस क्यों मनाते हैं और क्या हैं योग के फायदे?

जाने योग दिवस के इतिहास के बारे में

  • हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस मनाने की संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने 11 दिसंबर 2014 के दिन घोषणा की थी।
  • 2014 में 27 दिसंबर के दिन भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया से आह्वान करते हुए योग दिवस मानाने की बात कही थी।
  • दिनांक 21 जून चुनने के पीछे भी कुछ अहम बातों का ध्यान रखा गया।
  • इस दिन को इसलिए चुना गया क्योंकि इस दिन ग्रीष्म संक्रांति होती है।
  • इस दिन धरती से देखने पर सूर्य उत्तर से दक्षिण की ओर जाता है।
  • योग के नज़रिये से यह समय संक्रमण काल होता है, यानी रूपांतरण एक बेहतरीन समय।
  • यह दिन पूरे साल का सबसे लंबा दिन होता है।

अष्टांग योग के बारे में जाने

  • यह योग आठ अंगो वाला योग माना जाता है।
  • इस योग आठ आयामों वाला मार्ग होता है।
  • इसमें सभी आठ आयामों का अभ्यास एक साथ किया जाता है।

इस योग के आठ अंग निम्लिखित है

  • यम – इसका मतलब नैतिकता होता है। इसमें यह दर्शाया जाता है की वैसे व्यवहार दूसरों के साथ नहीं करना चाहिए जो हम खुद के साथ नहीं चाहते। हमेशा अहिंसा के मार्ग पर चलना शब्दों, विचारों, और कर्मो से किसी को भी हानि नहीं पहुंचाना चाहिए। सत्य बोलने की कोशिश करे। अपने विचारो में भी सत्यता रखे। चोर प्रवृति कभी ना रखे। अपनी चेतना को ब्रम्ह ज्ञान से स्थिर रखे और आवश्यकता से ज्यादा संचय ना करे।
  • नियम – इसमें पांच व्यक्तिगत नैतिकता आती है। शरीर और मन को पूरी तरह से शुद्ध रखे। अपनी स्थिति में संतुष्ट रहना। अपने मन को हमेशा अनुशासित रखे और इसी के साथ आत्मचिंतन करे। ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण और श्रद्धा रखे।
  • आसन – इसका मतलब होता है आसानी से मूर्ति समान बैठ जाए और पूरा शरीर मूर्ति जैसा हो क्योंकि जैसा शरीर होता है मन भी बिलकुल वैसा ही बनता है। अपने मन पर काबू पाए, शरीर को ढीला छोड़ दें।
  • प्राणायाम – यह एक सांसो की टेक्निक होती है जो सिर्फ ध्यान लगाने और अलग अलग प्रकार से साँस लेने से ही शरीर को स्वस्थ रखने में सक्षम होती है।
  • प्रत्याहार – इसका मतलब है की अपनी इन्द्रियों को अंतर्मुखी करना। इसमें इंद्रिय चित्त को चंचल करती है और इन्द्रियों को एकाग्र करना ही प्रत्याहार होता है। इसमें इन्द्रियों को वश में किया जाता है और उन पर विजय प्राप्त की जाती है।
  • धारणा – एकाग्र चित्त और मन को वश में करना।
  • समाधी – इसका मतलब होता है आत्मा से जुड़ना। इस में शब्दों से दूर होना और परम-चैतन्य की अवस्था में रहना होता है। यह समाधि का अनुभव करवाती है।

कुछ प्रमुख योग आसन

स्वस्तिकासन (Swastikasana)

स्टेप्स –

  • इस आसन को करने के लिए पहले अपनी मैट पर आरामदायक अवस्था में बैठ जाए।
  • अब अपने बाँये पैर को मोड़ कर दाँये पैर की जांघ और पिंडलियों पर रखे।
  • अब दाँये पैर के पंजे और पिंडलियों को बांये पैर की नीचे की जांघ के मध्य में रखे।
  • अपने दोनों हाथों को पैरों के घुटनो पर रखे और अंगूठे से पहली ऊँगली को मोड़ कर स्पर्श करे।
  • अब आप ध्यान की स्थिति में बैठ जाए। ध्यान रखे की आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी हो।
  • इसे करने के लिए लंबी लंबी सांसे लें।

लाभ –

  • इससे पैरों का दर्द और पसीना दूर होता है।
  • यह आसन एकग्रता बढ़ाने के लिए काफी फ़ायदेमंद है।
  • इसी के साथ यह पैरों की गर्मी और ठंडापन दूर करता है।

गोमुखासन (Gomukhasana)

स्टेप्स –

  • इस आसन को करने के लिए अपनी मैट पर दोनों पैरों को सामने की ओर फैला कर बैठे।
  • अब बांये पैर को मोड़ें और पंजो को दांये नितम्ब के पास रखे।
  • अब दांये पैर को मोड़ कर बांये पैर की जांघ के पास रखे बस ध्यान रखें की दोनों पैरों के घुटने एक सिद्ध में आए।
  • अब अपने एक हाथ को ऊपर उठा के पीठ के पीछे ले जाए।
  • दूसरे हाथ को नीचे से मोड़ते हुए पीठ के पीछे ले जाए और आप दोनों हाथों को जोड़ लें।
  • इस दौरान पीठ एकदम सीधी रखे साथ ही गर्दन भी सीधा रखें।
  • अब इस पूरी प्रक्रिया को दूसरी ओर से भी करे।

लाभ

  • धातु रोग, बहुमूत्र रोग और स्त्री रोग में फ़ायदेमंद होता है।
  • इसके साथ ही यह रीढ़ की हड्डी सम्बन्धी समस्या, बवासीर, सर्वाइकल स्पॉेण्डिलाइटिस, सेक्सुअल प्रोब्लेम्स, कमर दर्द, गठिया, डायबिटीज के साथ साथ गुर्दे आदि की समस्या में भी फ़ायदेमंद होता है।

गोरक्षासन (Gorkshasan)

स्टेप्स –

  • अपनी मैट पर दोनों पैरों को मोड़ कर इस प्रकार बैठे की दोनों पैरों के पंजे एक दूसरे से चिपके और साथ ही ऐड़ियो को भी मिला लें।
  • ध्यान रखें की ऐसा करते समय दोनों पैरों के घुटने ज़मीन पर टिके हुए हो।
  • आप अपने दोनों हाथों को दोनों पैरों के घुटनो पर रखे।
  • इसके लिए अपने दोनों हाथों से ज्ञान की मुद्रा बनाये।
  • ध्यान रखे की रीढ़ की हड्डी और गर्दन सीधी हो साथ ही आंखे बंद कर लें।
  • सांसे गहरी और लंबी लें।

लाभ

  • इससे मांसपेशियों में ब्लड सही प्रकार से पहुँच पाता है।
  • यह आसन नियमित रूप से करने पर किडनी की समस्या में भी फायदा मिलता है।
  • इस आसन से घुटनो को मज़बूती मिलती है।
  • यह पाचन क्रिया को सुधारता है और साथ ही शरीर को संतुलित रखता है।
  • यह आसन गर्भवती महिलाओं के लिए काफी फ़ायदेमंद होता है।

इस लेख में माध्यम से आपने Yoga Day in Hindi के बारे में विस्तार से जाना की किस तरह से विश्व योग दिवस मनाया जाता है और विश्व योग दिवस मनाने के पीछे क्या उद्देश्य है। इस के अलावा आपने कुछ प्रमुख योग के बारे में भी जाना जिसे करने से शरीर को काफी फायदा होता है। इन योगासनों को करना भी काफी आसान होता है।

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