Environmental Pollution in Hindi: जानें पर्यावरण प्रदुषण के क्या हैं मुख्य कारक

पर्यावरण प्रदूषण एक ऐसी समस्या है जिससे आज हमारा देश बुरी तरह से जूझ रहा है । इंडिया का कोई भी शहर हो हर शहर के लिए पर्यावरण प्रदूषण एक विकट समस्या बनती जा रही है । यहां पर सभी स्कूलों, कॉलेजों में सिखाया तो जाता है पर्यावरण को Pollution से बचा के रखना पर ऐसे बहुत ही कम लोग है जो शायद इस बात पर अमल भी करते होंगे ।

शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की होड़ में कितने ही पेड़ो का बलिदान दिया जा रहा है उनकी जगह नये पौधे तो लगाये जाते है पर किसी ने ये नही सोचा उन पौधों को पेड़ बनने में कितना समय लगेगा और तब तक पर्यावरण का हाल क्या हो जाएगा ।

पर्यावरण प्रदूषण के एक कारण नही है ऐसे अनगिनत कारण है जिनसे हमारा पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। फिर चाहे नदियों का पानी हो या वायु में फैलने वाले धुएँ के कारण प्रदूषण हो या प्लास्टिक का इस्तेमाल हो जो हमारी मिट्टी में मिलने के बाद उसके पोषक तत्वों को नष्ट कर रही है। ऐसे कितने ही कारण है जिनसे हमारा पर्यावरण बुरी तरह प्रदूषित हो रहा है ।

अगर हम सब मिलकर पर्यावरण प्रदूषण पर सिर्फ बहस करने और बोलने के बजाय उसे बचाने के लिए एकजुट हो जाएँ तो शायद सचमुच इसे बचाया जा सकता है, बस जरुरत है कुछ कठोर कदम उठाने की। आइये जानते है Environmental Pollution in Hindi:

Environmental Pollution in Hindi: जाने पर्यावरण प्रदूषण किन कारणों से होते हैं

Types of Pollution:

पर्यावरण प्रदूषण मुख्यतः चार प्रकार के होते है:

  1. जल प्रदूषण
  2. वायु प्रदूषण
  3. ध्वनी प्रदूषण
  4. भूमि प्रदूषण

आइये विस्तार से जानते है इन सभी पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार के बारे में की ये किस तरह हमारे पर्यावरण को प्रदूषित करते है और कैसे हम जाने अनजाने में इनके माध्यम से अपने पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहे है ।

  1. Water Pollution : जल प्रदूषण सबसे हानिकारक और गंभीर कारकों में से एक है जिससे पर्यावरण प्रदूषण होता है। पर जल प्रदूषण के कारण भी एक नही बल्कि अलग अलग हैं और भारत के लगभग सभी शहर इस प्रदूषण का सामना कर रहे है । चाहे नदी हो या तालाब हो शहर हो या गाँव हो हर जगह लोगो ने पानी को दूषित कर दिया है । शहरों में जहाँ भी बड़ी बड़ी नदियाँ अवस्थित है वहां बड़े बड़े कल कारखानों और नालों की गंदगी डाल दी जाती है जिसकी वजह से नदियों का जल प्रदूषित हो जाता है ।  इसके अलावा गंगा यमुना जैसी प्राचीन नदियों में अक्सर व्रत त्योहारों पर होने वाले धार्मिक उत्सवों के कारण प्रदुषण बढ़ जाता है। हमें नदी किनारे होने वाले आयोजनों के दौरान इस बात का ध्यान रखना चाहिए की किसी प्रकार की गंदगी नदियों में ना जाने पाए।

ये तो शहरों की बात हुई, गाँवों में तो लोग नदी और तालाब में अपने पशुओं को नहलाने के लिए ले कर जाते है और फिर वही पानी महिलायें भी भरकर पीने के लिए घर ले कर जाती है। जिस पानी में पशुओं को नहलाया गया हो उसे पीने के बाद गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। हर जगह सरकार को दोष नही दिया जा सकता जल प्रदूषण को लोगो के द्वारा ही रोका जा सकता है और इसके लिए जनता को जागरूक होना पड़ेगा, जहाँ भी आप अपने आस पास ऐसा कुछ देखे उसे वही रोके तो ही हम हमारी नदियों के जल को सुरक्षित रख सकते है ।

 

  1. Air Pollution : वायु प्रदूषण ही एक मात्र ऐसा प्रदूषण है जिसने पूरे पर्यावरण को सबसे ज्यादा प्रदूषित किया हुआ है । वायु प्रदूषण हवा में घुलने वाले ऐसे तत्वों के कारण होता है जो हमारी पूरी हवा को प्रदूषित कर देते है और ये तत्व लोगो द्वारा ही आते है जैसे धुँआ आज के समय में कोई भी पैदल चलना नही चाहता हम छोटी से छोटी दूरी तक जाने के लिए भी वाहनों का इस्तेमाल करते है और इन वाहनों के कारण ही सबसे ज्यादा धुँआ होता है जो हमारी शुद्ध हवा को पूरी तरह प्रदूषित कर देता है और फिर वही प्रदूषित हवा हमारी सांसों में घुलती है जिसके कारण न जाने कितनी गंभीर बीमारियाँ होने लगी है । बड़े-बड़े उद्योगों और कारख़ानों से निकलने वाला धुँआ भी वायु को प्रदूषित करता है । वायु प्रदूषण के कारण को हम सब जानते है पर इसे रोकने या कम करने में कोई मदद नही करते। वायु प्रदूषण के जिम्मेदार कोई और नही बल्कि हम खुद है इसे रोकने के लिए सभी को ये प्रण लेना चाहिए की जहाँ तक हो सके हम वाहनों का कम इस्तेमाल करे और हमारी वायु को प्रदूषित होने से बचाए ।

 

  1.  Sound Pollution : ध्वनि प्रदूषण के भी कई कारण होते है जैसे की आपने देखा होगा आज कल मैरिज गार्डन, धर्मशालाएं, होटल ये सभी शहरों व बस्तियों के बीचो बीच बनने लगे है। जब भी कोई शादी समारोह होता है या कोई भी आयोजन होता है तो यहाँ पर जोरो से शोर शराबा होता है जो ध्वनी प्रदूषण का कारण बनता है । कई ऐसे धार्मिक आयोजन व रैलियां भी होती है जहाँ जोर शोर से म्यूजिक बजाया जाता है, जो ध्वनि प्रदूषण का कारण बनती है । साथ ही इनके कारण पढ़ने वाले विधार्थियों और बीमार लोगो व बुजुर्गों को भी असुविधा का सामना करना पड़ता है । ध्वनि प्रदूषण उद्योगों और कारखानों से निकलने वाली तेज आवाज़ों के कारण भी होता है और वाहनों से निकलने वाली आवाज़ों के कारण भी ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है। इस तरफ हमे ध्यान देने की जरुरत है ।

 

  1. Land Pollution : आपने देखा होगा अब हमारे गाँवों और शहरों की मिट्टी वैसी नही रही जैसी पहले हुआ करती थी । जाने अनजाने में हम ही हमारी धरती को भी प्रदूषित करते जा रहे है आप जानते है जो प्लास्टिक आप इस्तेमाल करते है वो फ़िल्टर नही हो पाता, मतलब उसका कोई रीयूज नही होता है, वो ऐसे ही हमारी मिट्टी में मिल जाता है और हमारी मिट्टी के उपजाऊ पोषक तत्वों को नष्ट कर देता है । जो कचरा आप कहीं भी मिट्टी या सड़क पर फेक देते है वो भी भूमि प्रदूषण का एक मुख्य कारण है । प्रदूषित रासायनिक तत्व या कूड़ा आदि जो भी सामग्री मिट्टी में मिल जाती है वो मिट्टी को प्रदूषित कर देती है । हम लोगो को जागरूक कर के Soil Pollution को रोक सकते है। वैसे सरकार ने इस तरफ बहुत अच्छे कदम उठाये है पर ये सरकार का ही नही हम सबकी भी जिम्मेदारी है की हम अपनी मिट्टी को प्रदूषित होने से बचाए ।

अगर देश की जनता मिलकर Environmental Problems को रोकना चाहे तो हमारे पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है । आज के इस लेख में आपने पर्यावरण प्रदूषण के अनेक कारकों के बारे में जाना। साथ हीं अपने जाना की कैसे हम प्रदूषण की समस्या से बच सकते हैं।

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