जिस तरह गाड़ी को चलाने के लिए पेट्रोल की आव्यशकता होती है| वैसे ही हमारे शरीर को भी चलने के लिए शारीरिक गतिविधियों का होना जरुरी है| यदि हम यह सब नहीं करते है तो हमारा शरीर बैठ जाता है| यह मोटा होने लगता है, इससे फुर्ती चली जाती है|
शरीर को एक्टिव रखने के लिए और लम्बी आयु तक बीमारी से दूर रखने के लिए आप योग का सहारा ले सकते है| इससे आपके शरीर में ताकत और लचीलापन आता है, साथ ही साथ मानसिक फायदे भी मिलते है|
आज हम आपको पासासन के बारे में बता रहे है| इसे अंग्रेजी में Noose Pose कहा जाता है| यह एक ट्विस्टर पोज़ है जिससे हम यह जान पाते है की हमारा शरीर क्या कर सकता है| यह पोज़ ऊपरी शरीर को स्ट्रेच करता है और ट्विस्ट करता है|
यह एक एडवांस पोस है और इसके कई वेरिएशन मौजूद है, लेकिन इसे स्टार्ट करना आसान है| आपके आसान की शुरुवात के पहले वर्ष इसे करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है| इसे करने से पहले वार्म उप जरूर करे| आइये विस्तार से जानते है Pasasana Yoga के बारे में|
Pasasana Yoga – जानिए इस योगासन से जुड़ी पूरी जानकारी
Noose Pose Steps: पासासन की विधि
- पासासन करने के लिए अपने पैरो पर खड़े हो जाये| आप ताड़ासन की मुद्रा में खड़े हो सकते है|
- अब धीरे से स्क्वैट की मुद्रा में आ जाये| इस दौरान आपके घुटने मुड़े हुए होंगे जबकि तलवे स्थिर रहेंगे|
- इस दौरान आपको अपने तलवों को जमीन पर स्थिर ही रखना है जबकि आपके घुटने मुड़े हुए होंगे|
- शरीर के दाये हिस्से को मोड़े, और शरीर का ऊपरी हिस्सा दाहिने घुन्ने के पास लाने का प्रयास करे|
- अब अपने हाथो को कोहनियों की और से मोड़कर पीछे की तरफ ले जाये और दोनों हाथो को पकड़ ले|
- इस मुद्रा में आपको ऊपर की और देखना है, जैसा की चित्र में आप देख सकते है| अब आप ४ से ५ बार लम्बी गहरी सांस ले|
- कुछ सेकंड्स इसी मुद्रा में बने रहे और फिर सामान्य अवस्था में आ जाये| इसके पश्चात उपरोक्त क्रिया दूसरी और से भी दोहराए|
Pasasana Benefits: पासासन के लाभ
- इसे करने से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है|
- पासासन का अभ्यास पाचन तंत्र सुधारने में मदद करता है| तथा शरीर से फालतू पधार्थ हटा देता है|
- इसे करने से शरीर के अंगो की अच्छी मालिश हो जाती है|
- इससे अस्थमा के लक्षण नियंत्रित रहते है| अस्थमा के मरीजों को इसे करने से फायदा मिलता है|
- महिलाओ में होने वाले मासिक धर्म के दौरान होने वाले पेट दर्द, जी मचलाना इससे दूर होता है|
- यह शरीर के कई हिस्सों के दर्द जैसे पीठ दर्द, कंधे का दर्द और गर्दन का दर्द से छुटकारा दिलाता है|
- जिन लोगो को कब्ज तथा अपचन की समस्या रहती है उन्हें इसका अभ्यास जरूर करना चाहिए|
Preparatory poses: पासासन से पहले किये जाने वाले आसन
- बद्धकोणासना
- गोमुखासन व अन्य
Follow-up poses: पासासन के बाद किये जाने वाले आसन
- हाफ लार्ड ऑफ़ दी फिशेस पोज़
- अर्धमत्स्येन्द्रासन
- मरिचियासन
अस्थमा में फायदेमंद है पासासन
अस्थमा सांसों की बीमारी है| यह बीमारी किसी को भी हो सकती है| इस बीमारी के होने के कई कारण होते है जैसे प्रदूषण का बढ़ना, मौसम में बदलाव आदि| कुछ लोगो को इस बीमारी के होने का कारण आनुवांशिक है| इस बीमारी के कारण फेफड़े तक काम करना बंद कर देते है| योगासन अस्थमा की समस्या से निजात दिलाने का एक अच्छा तरीका है| पासासन का नियमित अभ्यास करके अस्थमा का प्रभावी तरीके से उपचार किया जा सकता है।
पासासन में सावधानियां
- यदि आपकी कमर, गर्दन या घुटने में चोट या दर्द है तो इस आसन को ना करे|
- इस आसन को करने के लिए एकदम जोर ना डाले, इसे सिखने के लिए खुद को समय दे|
ऊपर आपने के Pasasana Yoga बारे में सारी जानकारी देखी| इसे नियमित करने से पेट की कई समस्या दूर होती है| गर्भवती महिलाये इसे ना करे और किसी बीमारी के होने की कंडीशन में पहले चिकित्सक से सलाह ले|