Pran Mudra: अपने अंदर के क्रोध, ईर्ष्या तथा बेचैनी को दूर करे प्राण मुद्रा के अभ्यास से

आपने हस्त मुद्राओं के बारे में तो सुना होगा। यह Yoga Mudra अंतर्गत ही आते हैं और अलग अलग हस्त मुद्राएं आपको अलग अलग प्रकार के लाभ देते हैं। आज के इस लेख में हम आपको इसी प्राण मुद्रा के बारे में बताने जा रहे है।

प्राण मुद्रा Prana Yoga की एक महत्वूर्ण मुद्रा है। आप नाम से ही इसके महत्व को समझ सकते है। यह मुद्रा आपके जीवन तथा स्वास्थ्य की रक्षा करती है। इस मुद्रा में पानी, पृथ्वी और आग जैसे तत्व शामिल होते है जिसके चलते रक्त में उपस्थित बाधाओं और दोषों को दूर करने में सहायता मिलती है। इससे रक्त संचार भी सुचारु रूप से चलने लगता है।

Prana Mudra Benefits बहुत फ़ायदेमंद होते हैं और आपको यह जानकर आश्चर्य होगा लेकिन इस मुद्रा के अभ्यास द्वारा आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन की भी प्राप्ति होती है। इस मुद्रा के नियमित अभ्यास से आपके अंदर विटामिन ए, बी, सी, डी, ई, आदि की कमी दूर होती है।

Prana Mudra को नियमित करके आप मानसिक तनाव, क्रोध, ईर्ष्या, चिड़चिड़ापन, बेचैनी जैसी भावनाओं को नियंत्रित कर सकते हैं। तो चलिए आज के लेख में हम विस्तार से Pran Mudra के बारे में जानते है।

Pran Mudra: जाने प्राण मुद्रा से मिलने वाले फायदे क्या हैं तथा इसे करने का तरीका

Pran Mudra

प्राण मुद्रा कैसे करे?

सबसे पहले अपने हाथों की अनामिका (रिंग फिंगर) और कनिष्ठिका (छोटी ऊँगली) उंगली के सिरे को, अंगूठे के अगले भाग से मिलाये। यही प्राण मुद्रा कहलाती है।

इसका अभ्यास आप कही भी कर सकते है। इसे करने के लिए सुखासन की मुद्रा में बैठ जाए और ध्यान अपनी साँसों पर लगाए। अभ्यास के दौरान साँस को सामान्य रखना है। आप दिन में तीन बार, 10-10 मिनट तक इसका अभ्यास कर सकते है।

Pran Mudra Benefits: इसके फायदे

एकाग्रता को बढ़ाने में सहायक

  • प्राण मुद्रा करने से एकाग्रता की शक्ति बढ़ती है और व्यक्ति तेजस्वी बना रहता है।
  • एकाग्रता के बढ़ने से दिमाग भी तेज होता है।

श्वास नली के लिए फ़ायदेमंद

  • प्राण मुद्रा द्वारा, प्राण शक्ति की कमी को बढ़ाया जाता है।
  • इससे श्वास नली अच्छी रहती है।

प्रतिरोधक क्षमता में विकास

  • शरीर की प्रतिरोधक क्षमता का होना बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि बड़ों की तुलना में बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है जिसके कारण वह जल्दी बीमार हो जाते है।
  • प्राण मुद्रा के नित्य अभ्यास से प्रतिरोधक तंत्र मजबूत होता है। जिससे शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है और शरीर भी स्वस्थ्य रहता है।

हृदय को रखे स्वस्थ्य

  • यदि हृदय कमजोर होता है तो इससे हृदय को कई तरह की परेशानियां आती है है और हृदय रोग गंभीर हो जाते है।
  • प्राण मुद्रा को नियमित करने से हृदय रोग की संभावना को कम किया जा सकता है।साथ ही हृदय भी मजबूत रहता है।

अनिंद्रा

  • प्राण मुद्रा को करने से अनिंद्रा की समस्या को भी दूर किया जा सकता है।
  • अनिंद्रा की समस्या के कारण व्यक्ति को सिरदर्द जैसी समस्या भी आ सकती है साथ ही दिमाग भी फ्रेश नहीं रहता है।

पेट के लिए लाभकारी

  • पेट यदि सही नहीं रहता है तो इससे आपका मन किसी काम में नहीं लगता है साथ ही शरीर की अन्य क्रियाएं भी सही से नहीं हो पाती है इसलिए पेट का स्वस्थ्य होना भी ज़रुरी होता है।
  • प्राण मुद्रा पेट के लिए भी बहुत लाभकारी होती है इसे करने से कब्ज, गैस, पेट की जलन आदि को दूर किया जा सकता है।

थायराइड से बचाव

  • बहुत से लोग थायराइड की समस्या से ग्रसित रहते है। जिसके कारण उन्हें कई तरह की परेशानी भी होती है।
  • लेकिन इस मुद्रा को करने से थायरॉइड का बढ़ना कम हो जाता है।

ऊर्जा प्रदान करे

  • शरीर में ऊर्जा का होना आवश्यक है तभी आप दैनिक कार्यो को अच्छी तरह से कर सकते है साथ ही कई अन्य गतिविधियों को भी पूरा कर सकते है।
  • प्राण मुद्रा को नियमित रूप से करने से शरीर में ताकत आती है, जिसके चलते लकवे से आयी कमज़ोरी भी दूर हो जाती है।
  • कार्यो को करने के लिए ऊर्जा का भी विकास होता है।

बुढ़ापा रोके

  • मूत्र मार्ग में जलन, पीलिया जैसे समस्याओं को दूर करने में भी यह मुद्रा असरकारी होती है साथ ही इस मुद्रा को करने से समय से पहले बुढ़ापा आने की समस्या ठीक हो जाता है।
  • इससे आप अधिक समय तक जवान बने रह सकते है और यह पुरानी चक्कर की समस्या को भी दूर करने में मदद करता है।

आत्मविश्वाश बढ़ता है

  • प्राण मुद्रा को नियमित करने से घबराहट कम होती है और आत्मविश्वास बढ़ जाता है।

आँखों के लिए फ़ायदेमंद

  • प्राण मुद्रा आँखों की समस्या में बहुत फ़ायदेमंद है। इससे आँखों की कमजोर दृष्टि व आँखों से सम्बंधित अन्य बीमारी जैसे आँखों का जलना, सूजी हुई आँखे और मोतिया बिन्द में फायदा मिलता है।
  • यदि किसी व्यक्ति को आँखों में चश्मा लगा है तो यह उसके नंबर को भी कम करने में मदद करता है।

विटामिन प्रदान करे

  • इस मुद्रा को करने से शरीर में विटामिनों की कमी भी पूरी हो जाती है।
  • इसका अभ्यास करने से विटामिन ए, बी, सी, डी और ई तथा के प्राप्त होता है जो शरीर के लिए बहुत लाभकारी होते है।

वजन कम करने में सहायक

  • इसके अभ्यास से वजन भी कम होता है क्योंकि यदि इस मुद्रा का अभ्यास नियमित रूप से किया जाए तो यह दिमाग को नियंत्रित कर सकती है।
  • इससे यदि आपके खाने की आदत ज्यादा है तो वह भी नियंत्रित हो जाती है और वजन में कमी आने लगती है।

प्राण मुद्रा को करते समय बरतने योग्य सावधानियां

  • यदि किसी व्यक्ति को सर्दी खांसी हुई है तो उसे प्राण मुद्रा का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  • यदि आप पहली बार इसका अभ्यास कर रहे हैं तो इस मुद्रा का अभ्यास आप किसी कुशल प्रशिक्षक की उपस्थिति में भी कर सकते है जिससे आपको इसे करने का सही तरीका मालूम हो सकता है और आप इसके नियमो को भी अच्छे से फॉलो कर सकते है।

उपरोक्त लेख को पढ़ने के बाद आप समझ गए होंगे की प्राण मुद्रा आपके लिए कितनी लाभकारी होती है। इसका अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए तभी आप इसके फ़ायदों का लाभ ले सकते है। साथ ही यह मुद्रा बहुत ही आसान होती है इसलिए आपको इसे करने में कठिनाई भी नहीं आती है। आप इसका अभ्यास करे साथ ही अपने परिवारवालों को भी इस स्वास्थ्यकारी मुद्रा के बारे में जानकारी दें ताकि वह भी इसे अपना सके और अपने शरीर को फिट रख सके।

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