भोजन हमारे जीवन के लिए आव्यशक है| और इसी जीवन को आप पूर्णतः स्वस्थ रहकर बिताना चाहते है तो संतुलित आहार लेना जरुरी है| यही वजह है की बाहर चाहे कितना ही स्वादिष्ट भोजन क्यों न मिले, घर की महिलाये अपने बच्चे और परिवार वालो के लिए घर पर ही भोजन बनाती है|
लेकिन आजकल बहुत से लोगो को खासकर बच्चो को बाहर मिलने वाला वेस्टर्न फ़ूड बहुत पसंद आने लगा है| इन्हे वेस्टर्न फ़ूड मतलब मांस, पुडिंग्स, ब्रेड, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक्स आदि ज्यादा अच्छे लगते है| इन वेस्टर्न फ़ूड में कोलेस्ट्रोल, वसा और शर्करा की बहुत अधिक मात्रा होती है|
पर क्या आप जानते है कोलेस्ट्रोल, वसा और शर्करा की उच्च मात्रा वाले पश्चिमी आहार न्यूडीजनरेटिव रोग से जुड़े एपोई4 जीन वाले लोगों में अल्जाइमर के विकास पर असर डाल सकता है?
दरहसल एपोई4 और एपोई3, जीन के 2 प्रकार प्रोटीन और एपोलिपोप्रोटीन के कोड हैं| यह वसा और कोलेस्ट्रॉल को बांधने का कार्य करते है| एपोई4 जहा सूजन, अल्जाइमर और ह्रदय रोग की वृद्धि से जुड़ा हुआ है, वही एपोई3 रोग के जोखिम में वृद्धि नहीं करता है| आइये विस्तार से जानते है Why Western Diet Increases Alzheimer’s Risk.
पश्चिमी आहार से क्यों बढ़ता है अल्जाइमर का खतरा?
शोध में साबित हुए पश्चिमी खानपान के खतरे
किये गए शोध में एपोई4 जीन वाले चूहों को पश्चिमी आहार से परिपूर्ण भोजन दिया गया तो| इसके बाद इन चूहों में बीटा एम्लॉइड प्रोटीन प्लेक की वृद्धि दिखाई दी, जो उनके दिमाग में सूजन का संकेत देती है|
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के प्रोफेसर व इस अध्ययन के मुख्य लेखक क्रिस्चियन पाइक का कहना है की, “इस शोध से प्राप्त निष्कर्ष बताते हैं कि यह जोखिम हर किसी को समान रूप से प्रभावित नहीं करता है, लेकिन अधिक जोखिम कारकों में यह अपना प्रभाव डाल सकता है.”
पाइक ने यह भी कहा, “आपके साथ क्या होता है, इसमें आपके जीन्स की बहुत बड़ी भूमिका होती है| लेकिन इसमें आपके वातावरण और परिवर्तनीय जीवनशैली की भी भूमिका होती है| आप कितना व्यायाम करते हैं और क्या खाते हैं, यह सब भी महत्वपूर्ण है|
अल्जाइमर क्या है यह भी जान ले
अल्जाइमर रोग को भूलने का रोग कहा जाता है। यह बीमारी ज्यादातर 50 की उम्र के बाद होती है| इसके लक्षणों की बात करे तो याददाश्त की कमी होना, निर्णय न ले पाना, बोलने में परेशानी आदि इसके लक्षण है| आप अल्जाइमर के लक्षण और उपचार के बारे में यहाँ और विस्तार से जान सकते है|
यह बीमारी एक तरह से लाइलाज है| इसके होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, आदि| भारत में 50 लाख से भी अधिक लोग मानसिक बीमारी से ग्रसित है जिसमें 80 प्रतिशत लोगों को अल्जाइमर है। डॉक्टरों के मुताबित 2030 तक यह संख्या दोगुनी हो सकती है।