Asthma in Children: जानिए बच्चे क्यों हो रहे है अस्थमा का शिकार

अस्थमा या दमा कुछ भी कहिये, यह एक साँस संबंधित बीमारी है जो कि साँस लेने से जुडी है। इस समस्या के कारण साँस लेने वाली नलियों में सूजन आ जाती है। जिस वजह से साँस लेने वाला मार्ग पूरी तरह से सिकुड़ जाता है। इस वजह से साँस लेने में दिक्क्त आती है, साँस लेते समय साँस लेने की आवाजे आती है, सीने में जकड़न महसूस होती है, और खांसी आदि की जैसी समस्या होती है।

बच्चो में यह समस्या उन्हें कई प्रकार से परेशान कर सकती है जैसे खेल कूद में, पढ़ने में या फिर उनकी नींद में। वैसे तो बचपन में अस्थमा की बीमारी को ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन अगर आप समय रहते अपने बच्चे में अस्थमा के लक्षणों को पहचान ले तो बढ़ती उम्र के साथ उन पर थोड़ा नियंत्रण कर सकते है।

अस्थमा भी दो प्रकार का होता है पहला बाहरी और दूसरा आंतरिक। बाहरी अस्थमा प्राग, जानवरो, धूल जैसी चीज़ो के कारण होता है और आंतरिक अस्थमा केमिकल तत्वों को साँस के मध्यम से शरीर के अंदर लेने से होता है।

अगर आपका बच्चा अस्थमा से पीड़ित है तो इस लेख को पढ़कर आप इसके कारण, लक्षण और इससे बचाव के विषय में जानकारी प्राप्त कर सकते है। आइये जानते है Asthma in Children.

Asthma in Children: जानिए बच्चों को अस्थमा से कैसे बचाएं

अस्थमा के लक्षण

  • बच्चो में बलगम वाली खांसी होना या फिर सुखी खांसी होना।
  • सीने में जकड़न महसूस होना।
  • बच्चो को साँस लेने में प्रॉब्लम होना और खेलने कूदने में या फिर ऐसे ही कभी कभी साँस फूलने की समस्या होना।
  • साँस लेते समय घरघराहट होना और साथ ही बोलते समय भी ऐसा ही होना।
  • ठंडी हवा से रात को और सुबह हालत ओर ज्यादा ख़राब हो जाना।
  • बच्चो के हार्ट में जलन होना।
  • बच्चो का ज़ोर ज़ोर से साँस लेना और थोड़ी देर में ही शरीर में थकान महसूस करना।
  • ऐसे हालत गंभीर होने पर कई बार उलटी हो जाना।

बच्चो में अस्थमा के कारण

वायु प्रदुषण के कारण

  • साँस के द्वारा प्रदुषण शरीर के अंदर आ जाता है। जिससे की अस्थमा होने का खतरा हो सकता है।
  • साँस लेते समय आपको किसी भी प्रकार के पदार्थ से एलर्जी हो सकती है जो आगे चलकर अस्थमा का रूप लेती है।
  • इन पदार्थो में धूल, धुंआ, धूल में शामिल बारीक़ बारीक़ कण, औघोगिक धुआँ घर के कई अलग अलग प्रकार के केमिकल या फिर कई प्रकार के कास्मेटिक की खुशबू और फूल आदि की खुशबु भी हो सकती है। जिससे की आपको अस्थमा की बीमार होती है।
  • औघोगिक धुओ में आपको अपने बच्चे को सल्फर डाइऑक्साइड वाले धुओ से दूर रखना चाहिए।
  • घरेलु केमिकल में आपको थोड़ा एयर फ्रेशनर और ऐरोसोल का ध्यान रखना चाहिए इससे भी अस्थमा हो सकता है।
  • वैसे तो अस्थमा के कई कारण हो सकते है लेकिन प्रदुषण को एक बड़ा कारण माना जाता है।

सर्दी के फ्लू के कारण

  • सामान्य सर्दी में होने वाला फ्लू, ब्रोंकाइटिस और साइनस के संक्रमण अस्थमा को बढ़ावा देते है और साथ ही साँस लेने में भी तकलीफ पहुंचाते है।
  • और यह बच्चो के बीच अस्थमा होना का सबसे सामान्य कारण माना जाता है।

धूर्मपान की वजह से

  • सिगरेट के धुएं से कई प्रकार की समस्या होती है लेकिन इससे अस्थमा की समस्या भी बढ़ जाती है।
  • सिगरेट के धुएं में कई प्रकार के केमिकल होते है जो फेफड़ो की बीमारियाँ पैदा करती है।
  • जब भी कभी अस्थमा के मरीज धूर्मपान करते है तो घबराहट और खासी जैसे अस्थमा के लक्षण ज्यादा गंभीर हो जाते है।
  • बहुत से बच्चो के अंदर घबराहट वाला लक्षण बचपन से हो सकता है। क्योकि हो सकता है गर्भावस्था के समय उनकी माँ ने धूर्मपान का सेवन किया हो। लेकिन यह जरुरी नहीं की ऐसा धूम्रपान की वजह से ही हो।

जेनेटिक्स भी हो सकती एक वजह

  • अगर आपके परिवार में भी अस्थमा के रोगी है तो उससे भी अस्थमा हो सकता है।
  • अगर बच्चे के माता पिता को अस्थमा है तो बच्चे को भी अस्थमा होने की संभावना होती है।

अस्थमा से बचाव के लिए

बच्चो को सही आहार

  • बढ़ते बच्चों के लिए एक सही आहार बहुत जरूरी होता है लेकिन अगर बच्चे को अस्थमा है तो उसे अपने भोजन पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
  • एक संतुलित आहार शरीर में अस्थमा के लक्षणों को रोकता है और साथ ही उन को नियंत्रित भी रखता है।
  • जिन बच्चो को अस्थमा की शिकायत है उन्हें आराम से और चबा कर भोजन करना चाहिए जल्दी जल्दी नहीं खाना चाहिए।
  • एक सिमित ही मात्रा में भोजन करे वरना कलेजे में भारीपन महसूस होता है।
  • बच्चो के आहार में हर तरह की हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करे।
  • गाजर और पालक का रस अस्थमा के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है। इसका सेवन जरूर करें।
  • अस्थमा के मरीजों को विटामिन ए, विटामिन सी, और विटामिन इ से युक्त चीज़ो का सेवन करना चाहिए।
  • आहार में एंटी ऑक्सीडेंट वाली चीज़ो को ज्यादा खाना चाहिए और साथ ही ओमेगा 3 फैटी एसिड से युक्त आहार का सेवन भी करना चाहिए।
  • और भोजन को लहसुन, काली मिर्च, हल्दी और अदरक से बनाये।
  • अस्थमा के मरीजों को प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट और फैट वाली चीज़ो का सेवन नहीं करना चाहिए और बच्चो को ज्यादा चॉकलेट का भी सेवन नहीं करना चाहिए।

गर्म पानी का सेवन

  • अस्थमा से ग्रसित बच्चो को हमेशा गर्म पानी ही पीने के लिए देना चाहिए।
  • अस्थमा के कारण नींद की समस्या हो जाती है इसलिए बच्चो को सोने के पहले गर्म पानी दे, लाभ होगा।

व्यायाम करे

  • बच्चो को सुबह जल्दी उठ कर वॉक पर जाना चाहिए।
  • सुबह की ताज़ी हवा उनके लिए काफी फायदेमंद होगी।
  • चाहे तो बच्चो को योग करवाए जिससे की उन्हें अस्थमा की परेशानी से छुटकारा मिल सके।

अगर आपके बच्चे को भी अस्थमा की समस्या है या फिर आप भी अपने बच्चो में ऊपर दिए गए कोई अस्थमा के लक्षण को देखते तो आपको भी इस लेख में दिए गए बचावो का उपयोग करना चाहिए। जिससे की आपके बच्चे स्वस्थ रह सके।

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