मंदिर का अर्थ होता है, मन से दूर कोई जगह। ‘मंदिर’ का शाब्दिक अर्थ ‘घर’ है। मंदिर को द्वार भी कहते हैं जैसे रामद्वार और गुरुद्वार होते है। मंदिर को आलय भी कहा जाता है। जैसे कि शिवालय और जिनालय।
हर व्यक्ति को मंदिर जाना इसलिए जरुरी है कि वह मंदिर में जाकर यह सिद्ध करता है कि वह देव और देवी शक्तिओं में विश्वास रखता है। तो देव और देवी शक्तियां भी उस पर विश्वास रखती है|
यदि व्यक्ति अच्छे मन से प्रतिदिन मंदिर जाता है तो उस व्यक्ति की हर समस्या ख़त्म हो जाती है। मंदिर जाने से व्यक्ति के मन में दृढ़ विश्वास, साहस और उम्मीद की ऊर्जा पैदा होती है। जब व्यक्ति के अंदर विश्वास की शक्ति आती है तो उसे धन,समृद्धि और पुत्र पुत्री रत्न की प्राप्ति होती है।
आमतौर पर मंदिर जाना धार्मिकता से जोड़ा जाता है| किन्तु मंदिर जाने के कुछ साइंटिफिक हेल्थ बेनिफिट्स भी हैं। हम सब यदि रोज़ मंदिर जाते है तो इससे किस प्रकार की हेल्थ प्रॉब्लम को कंट्रोल किया जा सकता है। आइये जानते है Health Benefits of Visiting a Temple.
Health Benefits of Visiting a Temple: रोज मंदिर जाने से मिलते है यह फायदे
उच्च रक्तचाप कण्ट्रोल करने के लिए
- मंदिर में नंगे पैर जाने से वहां की पॉजिटिव एनर्जी हमारे पैरों के जरिए शरीर में प्रवेश करती है।
- नंगे पैर चलने से हमारे पैरों में मौजूद प्रेशर प्वाइंट्स पर दवाब पढता है जिससे हाई ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम कंट्रोल होती है।
कंसंट्रेशन पावर बढ़ती है
- नित नियम से मंदिर जाने पर और हमारे भौहों के बीच माथे पर तिलक लगाने से हमारे ब्रेन के ख़ास हिस्से पर दवाब पड़ता है।
- जिससे हमारा कॉन्सेंट्रेशन पावर बढ़ता है।
रोग प्रतिरोधक तंत्र सुधरता है
- आप सब लोग जब भी मंदिर में दोनों हाथ जोड़कर पूजा करते समय आप की हाथ की हथेलियों और उंगलियों के उन प्वॉइंटस पर दवाब बढ़ता है।
- जो आपकी बॉडी के कई पार्ट्स से जुड़े होते हैं, इससे आपकी बॉडी फंक्शन सुधरता हैं।
- और आपके बॉडी का रोग प्रतिरोधक तंत्र सुधरता है|
एनर्जी लेवल बढ़ता है
- जब भी हम सब मंदिर की घंटी या घंटा बजाते है। तो इन घंटी या घंटा की आवाज़ हमारे कानों में 7 सेकण्ड्स गूंजती रहती है।
- इस समय हमारी बॉडी में सुकून पहुंचाने वाले 7 प्वाइंट्स एक्टिव हो जाते हैं। जिससे हमारे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है|
बैक्टीरिया से लड़ने में मदद
- मंदिर में कपूर और हवन का धुआँ बैक्टीरिया को ख़त्म करता है।
- कपूर से वायरल इन्फेक्शन्स का खतरा को टलता है।
स्ट्रेस दूर होता है
- मंदिर में मौजूद शांत माहौल और शंख की आवाज़ से हमें मानसिक शांति मिलती है|
- इसकी मदद से हमारा स्ट्रेस भी दूर होता है।
डिप्रेशन दूर होता है
- जिन लोगों को डिप्रेशन में है उन लोगों को रोज़ मंदिर जाना चाहिए।
- भगवान की आरती करने से हमारे मस्तिष्क के फंक्शन सुधरते है।
चाहे कारण धार्मिक हो या सइंटफिक| भगवान के लिए कुछ समय निकालने में कोई बुराई नहीं है| मंदिर में शंख, घंटिया और घंटा की आवाज़ आपके मन को शुद्ध और मस्तिष्क को शांत करती है। पूजा में उपयोग होने वाली वास्तु धूप और दीप हमारे मन और मस्तिष्क की हर प्रकार की नकारात्मकता को हटा देता है और पूरे शरीर में पॉजिटिव एनर्जी को पैदा करता है।