यदि हम पुराने समय की बात करे तो उस जमाने में लोगो का स्वास्थ्य बहुत अच्छा रहता था। हर कोई बीमारियों का इलाज करने के लिए कुदरती तरीकों का इस्तेमाल करते थे जो की दुष्प्रभावरहित हुआ करते थे।
अगर बात आज के जमाने की करें तो आजकल के लोग अपने दैनिक कार्यों में इतने ज्यादा व्यस्त हो गए हैं कि उनके पास खुद का ख्याल रखने के लिए भी समय नहीं रहता है और इसी वजह से ज्यादातर लोग तनाव में रहते है और इसी तनाव की वजह से बार बार बीमार भी पड़ते रहते हैं।
आजकल अधिकतर लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं और इसमें बढ़ती उम्र के लोग ही नहीं बल्कि कॉलेज में कदम रखने वाले किशोर किशोरी भी शामिल है। जब लोग डिप्रेशन की समस्या से ग्रषित होते हैं तो वे इससे राहत पाने के लिए ज्यादातर एलोपैथिक दवाओं का सेवन करते हैं जो कई सारे साइड इफ़ेक्ट देता है इसलिए डिप्रेशन के लिए दवाओं का सेवन सही नहीं होता।
आज हम आपको Green Therapy के बारे में बताने जा रहे हैं। इसमें आपकी तकलीफों का इलाज पर्यावरण के करीब ले जा कर किया जाता है। यह आपको बिलकुल नया जीवन देने के समान है तो चलिए इसके बारे में जानते है विस्तार से।
Green Therapy in Hindi: कई बीमारियों से छुटकारा दिलाने में सहायक है ग्रीन थेरेपी
नेचुरल थेरेपी बच्चों से लेकर बड़ों सभी के लिए फ़ायदेमंद होती है, यह व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक सभी तरह से लाभ देती है। आइये जानते है इसके बारे में।
क्या है ग्रीन थेरेपी: Green Nature Therapy
- ग्रीन थेरेपी का मुख्य मकसद इंसान को प्रकृति के समीप लेकर जाना होता है।
- आजकल Green Care शहरों में ही नहीं गावों में भी उपलब्ध है।
- ग्रीन थेरेपी के चलते जब व्यक्ति नेचर के करीब जाता है तो उसे खुशी महसूस होती है और उसका मन अपने आप शांत रहने लगता है।
- इस थेरेपी का मरीज़ पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
किसे लेना चाहिए ग्रीन थेरेपी
- जब भी काम से ब्रेक लेकर किसी नेचुरल जगह पर घूमने जाते हैं तो आप बहुत शांति महसूस करते है साथ ही अलग ही तरह की उर्जा से भी भर जाते हैं। इसलिए ग्रीन थेरेपी सामान्य व्यक्ति भी ले सकता है।
- इसके अतिरिक्त जो लोग बहुत लम्बे समय से तनाव में है या फिर उनके परिवार या ऑफिस में हमेशा दिक्कतें चलती रहती है उन्हें ग्रीन थेरेपी ज़रूर अपनाना चाहिए।
- यदि आपके परिवार में कोई डिप्रेशन का शिकार है तो उसे भी इस थेरेपी के लिए ज़रूर ले जाना चाहिए।
ग्रीन थेरेपी के फायदे: Natural Health
एक बेहतर स्वास्थ्य के लिए
- आजकल पर्यावरण प्रदूषण इतना अधिक बढ़ गया है की कई लोगो को फेफड़ों की बीमारियाँ हो रही है।
- इसके लिए जरूरी है कि आप ग्रीन थेरेपी आज़माए ताकि आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे।
- ग्रीन थेरेपी का मतलब यह नहीं है की आपको अपना काम छोड़कर हिल स्टेशन जाना होगा।
- आप सुबह के वक्त किसी नज़दीकी पार्क में जाकर भी टहल सकते है। यह फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- इस थेरेपी को करने से फेफड़ों में शुद्ध हवा पहुँचती है और वह सही तरह से कार्य करने लगता है।
अकेलापन दूर करे
- अकेला व्यक्ति कई बार डिप्रेशन का शिकार हो जाता है, यदि आपके साथ कोई नहीं है तो आपको ग्रीन थेरेपी का लाभ उठाना चाहिए।
- इस थेरेपी में कई लोग ग्रुप में शामिल होते हैं जिससे आपके सोशल कांटेक्ट भी बढ़ते है।
- साथ ही जब आप अलग अलग तरह के लोगों से मिलते हैं तो आपको काफी कुछ सीखने को भी मिलता है।
- नेचुरल थेरेपी लेने से आपके और नेचर के बीच भी अच्छा सम्बन्ध बन जाता है जिससे आपका अकेलापन भी दूर हो जाता है।
आप खुश महसूस करते है
- यदि आप अक्सर तनाव में रहते है और छुट्टियों में भी आपका मन केवल काम के बारे में ही सोचता है तो आपको इस थेरेपी के बारे में सोचना चाहिए।
- ग्रीन थेरेपी में एडवेंचर थेरेपी भी शामिल है जिसमे आपको रॉक क्लाइम्बिंग, ट्रेकिंग आदि करना होता है।
- इन एक्टिविटीज को करने से दिमाग इन कामों को करने में इतना व्यस्त हो जाता है की काम की फ़िक्र दिमाग से फुर्र हो जाती है।
- साथ ही इन्हें करने से शरीर में ऐसे हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है जिससे आप अच्छा और हैप्पी महसूस करते है।
मधुमेह रोगी के लिए उपयोगी
- नेचुरल थेरेपी मधुमेह रोगियों के लिए भी बहुत ही फ़ायदेमंद होती है। जो लोग हरियाली के बीच बैठते है और उसे देखते है उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
- यदि मधुमेह रोगी हरियाली के बीच रहकर साँस लेते है तो उससे ऑक्सीजन की पूर्ति होती है जिससे उनको बहुत फायदा होता है।
आँखों के लिए लाभकारी
- हरियाली में रहने से आँखों को भी फायदा होता है। हरी सब्जियों का सेवन करने से आँखों की रोशन बढ़ती है ठीक उसी प्रकार यदि आप सुबह सुबह घास पर चलते है तो उससे भी आँखों की रौशनी बढ़ती है।
- यदि ऐसा वे लोग करते है जिनको चश्मा लगा है तो नियमित रूप से घास पर चलने से चश्मे का नंबर भी कम होने लगता है।
शरीर में ऊर्जा का संचार
- नेचुरल थेरेपी की मदद से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। यदि आप नेचर के बीच रहते है तो आप ऊर्जा से भरे रहते है।
- हरियाली में रहने से शरीर में ऑक्सीजन अच्छी तरह से पहुंच पाता है जिससे फेफड़े भी सही के कार्य करते है और शरीर भी स्वस्थ रहता है।
अन्य फायदे
- हरियाली में नंगे पाँव चलने से एलर्जी और छींक आने जैसी समस्याएं नहीं होती है।
- इस थेरेपी के मदद से व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इससे आपका मन और तन दोनों ही स्वस्थ और खुश रहते है। साथ ही मानसिक शांति भी मिलती है।
- नेचुरल थेरेपी को लेने के लिए आपको घूमने जाना चाहिए और हो सके तो अपने परिवार वालों को भी साथ ले लेकर जाना चाहिए ताकि आपका परिवार भी नेचुरल थेरेपी का लाभ ले सके।
नेचुरल थेरेपी हर किसी के लिए फ़ायदेमंद होती है। आज के इस युग में पेड़ पौधों की संख्या में कमी आ रही है। इसके लिए चाहिए की आपको अपने आसपास हरियाली लगाई जाए ताकि आप इस नेचुरल थेरेपी का इस्तेमाल कर सके। हरियाली रहने से वायु प्रदूषण भी कम होता है जिसके कारण आप खुली और साफ हवा में साँस ले सकते है और स्वस्थ रह सकते हैं। पेड़ पौधे जितने ज्यादा होंगे वातावरण भी उतना ही अच्छा रहेगा। आप हर मौसम का आनंद खुल कर ले पाएंगे। आज पेड़ो की संख्या कम हो रही है जिसके कारण गर्मी भी बढ़ रही है। इसलिए आपको हरियाली को बचाने का प्रयास करना चाहिए ताकि हरियाली के साथ साथ आपको भी फायदा मिल सके।