आज का युग टेक्नोलॉजी का युग है। समय के अनुसार हम इन पर बहुत ज्यादा निर्भर होते जा रहे है। अब आप स्मार्टफोन को ही ले लीजिये, हम लोग इसके आदि हो चुके है कि एक मिनट के लिए भी इससे दूर होना हमारे लिए संभव नहीं है। हम लोग अपने स्मार्टफोन का प्रयोग केवल कॉलिंग के लिए नहीं करते है।
बल्कि इसके जरिये हम अपने स्वस्थ्य से जुडी समस्याओं का हल भी ढूंढ़ते है। यह बहुत सामान्य बात है कि फैशन या लाइफस्टाइल के साथ-साथ हमारे फोन में स्वस्थ्य से संबंधित एप्स भी मौजूद रहती है। इससे यह साबित होता है कि नई-नई तकनीक का हम कई तरफ से इस्तेमाल कर सकते है।
ऐसी ही एक नई तकनीक के बारे में वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका आपके स्मार्टफोन की रहेगी। जी हां, वैज्ञानिकों की एक टीम स्मार्टफोन के द्वारा डायबिटीज को कण्ट्रोल करने की कोशिश में लगी है। आइये जानते है How to Control Diabetes.
How to Control Diabetes: डायबिटीज कंट्रोल करेगा स्मार्टफोन
अगर आपके घर-परिवार में किसी को डायबिटीज है, तो अब घबराने की कोई जरुरत नहीं है, क्योंकि वैज्ञानिकों का एक ऐसा प्रयोग सफल रहा है। जिसके जरिये अब आप घर बैठे अपने स्मार्टफोन से डायबिटीज को आसानी से कंट्रोल कर पाएंगे।
वैज्ञानिकों की माने तो, अगर यह प्रयोग पूरी तरह से सफल रहा, तो बहुत जल्द ही हर व्यक्ति अपने स्मार्टफोन से ही डायबिटीज का इलाज कर सकेगा। हालांकि, यह सुनने में बहुत आसान लगता है, परन्तु ऐसा है नहीं। लेकिन वाकई में यह प्रयोग पूरी तरफ से ठीक रहा तो यह एक कमाल ही होगा।
जानिए रिसर्च में क्या पाया?
आप सोच रहे होंगे कि आखिर यह कैसे संभव है? दरअसल, वैज्ञानिकों की टीम ने यह प्रयोग चूहों पर करके देखा। उन्होंने बताया कि “इस प्रकार की प्रणाली चूहों में प्रत्यारोपित कर चूहों में डायबिटीज को टच स्क्रीन के माध्यम से नियंत्रित करने में हम सफल रहे।”
बीबीसी के अनुसार, “वैज्ञानिकों ने डायबिटीज से पीड़ित चूहों में जीवित कोशिकाओं की गतिविधियों को कंट्रोल करने के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल किया। ऐसा उन्होंने शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए किया।” साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन में छपे शोध के हवाले से बीबीसी ने लिखा कि इससे डायबिटीज के उपचार में मदद मिल सकती है।
वैज्ञानिकों ने क्या किया?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, उन्होंने पहले सामान्य कोशिकाओं में अनुवांशिक परिवर्तन करने की कोशिश की, ताकि ऐसी दवा का निर्माण संभव हो सके, जो इन्सुलिन की तरह ही डायबिटीज को नियंत्रित कर सके।
उन्होंने आगे बताया कि, यह प्रयास संभव हो पाया स्मार्टफोन की स्क्रीन से निकलने वाली रौशनी के द्वारा। इसे ऑटो जेनेटिक्स कहा जाता है। इन कोशिकाओं को सक्रिय करने के लिए, लाल लाल रंग में विशिष्ट तरंगों को लाया जाता है। अगर यह प्रयोग पूर्णतः सफल होता है तो भविष्य में आपका स्मार्टफोन केवल स्मार्टफोन नहीं बल्कि एक हेल्थ डिवाइस बन जायेगा।