Asthma Treatment: अब यन्त्र करेगा अस्थमा का जड़ से खात्मा

अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो आमतौर पर धूल-मिट्टी और प्रदुषण की वजह से होती है। इसे आम भाषा में दमा भी कहा जाता है। इसे अनुवांशिक और पर्यावरणीय संयोजन माना गया है। इससे घबराहट, खांसी, सीने में जकड़न, साँस लेने में तकलीफ आदि होने लगती है। जो कभी-कभी बहुत ज्यादा दुःख दायी साबित है।

अस्थमा श्वसन नलिकाओं को प्रभावित करता है, क्योंकि नलिकाएं फेफड़ो से वायु का आदान प्रदान करती है। इससे पीड़ित व्यक्ति में फेफड़ो में सूजन की समस्या बहुत सामान्य होती है। जिससे साँस लेने में तकलीफ होने लगती है और जब धूल या प्रदुषण के कण नलिकाओं में प्रवेश करते है तो बैचेनी होने लगती है।

परन्तु अब ऐसा लगता है कि आपकी इस समस्या का निदान बहुत जल्दी होने वाला है। दरअसल, शोधकर्ताओं ने एक ऐसे सेंसर का निर्माण किया है, जो दमा के रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगा। आइये जानते है क्या है इस Asthma Treatment में.

Asthma Treatment: शोधकर्ताओं ने किया सेंसर का निर्माण

हाल ही में शोधकर्ताओं ने ग्रैफीन-आधारित सेंसर का निर्माण किया है। इसकी मदद से फेफड़ो में सूजन का पता लगाना बहुत आसान हो जायेगा। यह पहनने योग्य यंत्र बनाने की दिशा में एक बहुत बड़ा  कदम है, जिससे दमा को नियंत्रित कर सकते है।

शोधकर्ताओं का दावा है कि यह उपकरण अस्थमा का दौरा पड़ने का पूर्वानुमान लगाने में और अस्थमा तथा अन्य श्वसन रोगों के प्रवंधन में इम्प्रूवमेंट कर सकता है। साथ ही इन रोगों के कारण अस्पताल में भर्ती होने से भी जा सकेगा।

अमेरिका के न्यूजर्सी की रटगर्स यूनिवर्सिटी-न्यू ब्रुंसविक के सहायक प्राध्यापक मेहदी जवांमर्द के अनुसार ” उनका मकसद एक ऐसा यन्त्र बनाने का है जिसे अस्थमा या अन्य श्वसन रोग से पीड़ित व्यक्ति अपने गले या कलाई में आसानी से पहन सके और समय रहते ही यह अस्थमा के दौरे तथा अन्य श्वसन सम्बन्धी  समस्याओं का पूर्वानुमान लगा सके।

इन बातों का रखें ध्यान

  • ज्यादातर अस्थमा अचानक ही आता है इसलिए घर से निकलते समय मुँह को कवर कर ले।
  • बाहर से आने के तुरंत बाद पानी या ठंडी चीजे न खाये।
  • मौसम के बदलने पर खुद का रखे विशेष ध्यान और अपने खान पान पर भी ध्यान दें।
  • ठन्डे स्थान या ज्यादा गर्मी में ये तेज हो जाता है।
  • रात और सुबह के समय ज्यादा होता है। साथ ही इसकी शुरुआत किस्तों में होती है।
  • कुछ ऐसे कारक भी है जो अस्थमा को बढ़ाते है जैसे की धूल के कण, जानवरों के बाल, कॉकरोच और फफूंद आदि।
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