हार्ट डिजीज के बारे में तो लगभग सभी लोगो को पता होता है लेकिन रूमेटिक हार्ट डिजीज थोड़ी अलग है। यह हृदय संबंधित ज़रूर है लेकिन यह गले में संक्रमण होने के कारण होती है।
रूमेटिक हार्ट डिजीज तब होती है जब गले का यह संक्रमण काफी ज्यादा बढ़ जाता है और इस वजह से हार्ट वाल्व संक्रमित हो जाती है जिससे यह रोग उत्पन्न होता है।
वैसे रूमेटिक हार्ट डिजीज एक सूजन की समस्या होती है जो हार्ट की समस्या को काफी पीड़ादायक बना देती है। इस रूमेटिक हार्ट डिजीज का समय पर इलाज करवाना बहुत ज़रूरी है वरना यह समस्या काफी गंभीर और जानलेवा भी हो जाती है।
इस लेख में आज हम आपको बता रहे की रूमेटिक हार्ट डिजीज क्या होती है और इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए क्या करना चाहिए। इस लेख में पढ़े Rheumatic Heart Disease.
Rheumatic Heart Disease: जाने क्या होता है रूमेटिक हार्ट डिजीज
रूमेटिक हार्ट डिजीज क्या होती है ?
- रूमेटिक हार्ट डिजीज की समस्या रूमेटिक फीवर से जुड़ी हुई है।
- रूमेटिक हार्ट डिजीज एक ऐसी अवस्था होती है जिसमे हार्ट वाल्व एक बीमारी से ग्रसित हो जाता है।
- इस अवस्था में हृदय की वाल्व की प्रक्रिया इफ़ेक्ट होती है।
- यह प्रक्रिया गले में होने वाले स्ट्रेप्टोकोकल के संक्रमण के कारण प्रभावित होता है।
- रूमेटिक हार्ट डिजीज की शुरुआत गले में हुए स्ट्रेप्टोकोकल के संक्रमण से होती है।
- अगर गले के इस संक्रमण का इलाज सही समय पर नहीं करवाया जाए तो यह बढ़ जाता है।
- गले का यह संक्रमण बढ़ने पर रूमेटिक फीवर में परिवर्तित हो जाता है।
- और शरीर में बार बार रूमेटिक फीवर के आने से यह रूमेटिक हार्ट डिजीज में बदल जाता है।
- रूमेटिक फीवर एक सूजन वाली समस्या है जो की शरीर के किसी भी हिस्से को सुजा देती है और ख़ास कर के यह हार्ट को ज्यादा प्रभावित करती है।
- यह सूजन जोड़ो, त्वचा और मस्तिष्क के टिश्यू को काफी ज्यादा प्रभावित करती है।
Rheumatic Heart Disease Symptoms: रूमेटिक हार्ट डिजीज के लक्षण
- रूमेटिक हार्ट डिजीज का एक सामान्य लक्षण है साँस फूलने का। लेटने या फिर कोई एक्सरसाइज करने पर दूसरे लोगो के मुकाबले ज्यादा साँस फूलने की समस्या रहना।
- रूमेटिक हार्ट डिजीज में बार बार बुखार आने की परेशानी भी होती है।
- एकदम से गहरी नींद का टूट जाना और साथ ही खड़े होने या बैठने की इच्छा होना।
- इस बीमारी का एक अहम लक्षण होता है जोड़ो में दर्द के साथ साथ सूजन और लालिमा का होना।
- जोड़ो के दर्द में विशेष कर के घुटने और कोहनियों के जोड़ काफी ज्यादा प्रभावित होते है।
- इसके अलावा चेहरे पर पैरों में भी काफी सूजन का आना भी इसका एक लक्षण है।
- स्किन में कही कही पर गाँठ का होना।
- शरीर में हमेशा थकान और कमजोरी महसूस होना।
- बेहोशी की समस्या का उत्पन्न होना।
- हमेशा छाती में दर्द बना रहना।
- दिल की धड़कनो का अनियमित होना, मजबूत होना और साथ ही दिल की धड़कन का तेज़ हो जाना।
- कभी कभी हृदय गति का रुक जाना भी इस समस्या का एक लक्षण माना जाता है।
- हार्ट वाल्व में संकरण के कारण क्षतिग्रस्त होना।
- हार्ट में खून के थक्कों का जमना और जिससे हार्ट अटैक का खतरा होता है।
- इसी के साथ यह दिमाग की ब्लड वेसल्स को भी ब्लॉक कर देता है।
Rheumatic Heart Disease Causes: रूमेटिक हार्ट डिजीज होने के कारण
- स्ट्रेप्टोकोकल का बैक्टीरिया से संक्रमित होना भी इसका एक कारण होता है।
- इस गले के संक्रमण का सही समय पर उपचार ना करवाने से यह रूमेटिक फीवर का कारण बनता है।
- रूमेटिक फीवर कुछ ही हफ्तों में बढ़ कर रूमेटिक हार्ट डिजीज में परिवर्तित हो जाता है।
- इस में होने वाले गले के संक्रमण में गले की अंदरूनी परत पर जलन होने के साथ साथ सूजन भी आ जाती है।
- रूमेटिक डिजीज होने पर यह शरीर में सूजन की समस्या को अनियंत्रित तरीके से शरीर में फैला देता है।
- साथ ही इस के कारण शरीर में इम्युनिटी सिस्टम भी काफी ज्यादा वीक हो जाता है।
- स्ट्रेप्टोकोकल का बैक्टीरिया शरीर में काफी ज्यादा मात्रा में फ़ैल जाते है जिस वजह से यह पूरे शरीर में सूजन कारण उत्पन्न करती है।
- साथ ही इम्युनिटी वीक होने के कारण यह इस बैक्टीरिया को शरीर में फैलने से नहीं रोक पाती है जिस वजह से यह रूमेटिक हार्ट डिजीज का कारण बनती है।
- कई लोगो को यह समस्या आनुवांशिक होने के कारण भी हो जाती है। गले के संक्रमण को बढ़ाकर इस बीमारी की आशंका को भी बढ़ाता है।
रूमेटिक हार्ट डिजीज बचाव के लिए
- रूमेटिक हार्ट डिजीज के लक्षण पाए जाने पर दिल की जाँच समय समय पर करवाते रहिए।
- दिल की जाँच के लिए दिल के डॉक्टर (कार्डियोलॉजिस्ट) से ही जाँच करवाए।
- गले के संक्रमण को रोकने के लिए नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह से एंटीबायोटिक की दवाइयाँ लेते रहिए।
- शुरुआत में में ही इस समस्या को रोकने के लिए एंटीबायोटिक की दवाइयो का इस्तेमाल करे।
- इसके अलावा हमेशा अपने दांतो को स्वस्थ और स्वच्छ रखे जिससे की बैक्टीरिया की समस्या उत्पन्न न हो।
- साथ ही थोड़े थोड़े समय में दांतो के डॉक्टर से चेक अप करवाते रहना चाहिए।
- क्योंकि जब भी यह संक्रमण खून में मिल जाते है तो हार्ट में सूजन का कारण बनते है।
Rheumatic Heart Disease Treatment: रूमेटिक हार्ट डिजीज में होने वाली कुछ महत्वपूर्ण जांचे
इकोकार्डियोग्राम
- इसे कई लोग सिर्फ इको जांच के नाम से भी जानते है।
- इस चेकअप में हार्ट चैम्बर और वाल्व की जांच की जाती है। इस जांच से आसानी से पता लगाया जा सकता है की वाल्व कही लीक तो नहीं हो रहा।
- साथ ही कही हार्ट के शेप में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन तो नहीं हो रहा।
- हार्ट वाल्व की समस्या को समझने के लिए यह काफी जरूरी टेस्ट होता है।
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम
- इस टेस्ट को इसीजी के नाम से भी जाना जाता है।
- इस टेस्ट से हार्ट में इलेक्ट्रिक एक्टिविटी को समझा जाता है और एक्टिविटी का समय रिकॉर्ड किया जाता है।
- इस टेस्ट से दिल की असामान्य लेयर और मांसपेशियों की क्षति के बारे में पता गया जा सकता है।
- इस टेस्ट में छोटे छोटे सेंसर होते जिसे बॉडी पर लगाया जाता है और इलेक्ट्रिक एक्टिविटी को ट्रैक किया जाता है।
एक्स रे
- यह एक आम और सामान्य टेस्ट होता है।
- यह दिल के आकार और फेफड़ों की जानकारी के लिए जरूरी टेस्ट होता है।
एमआरआई
- एमआरआई एक इमैजिन टेस्ट होता है।
- यह दिल की डिटेल तस्वीरों को दिखाता है की इसमें कही कोई समस्या या सूजन है या नहीं।
- इस टेस्ट को हार्ट की वाल्व और माँसपेशिओ के बारे में जानने के लिए किया जाता है।
ब्लड टेस्ट
- संक्रमण और सूजन का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट काफी जरूरी होते है।
इस ऊपर दिए लेख में आज अपने जाना की रूमेटिक हार्ट डिजीज क्या होती है और इसके ट्रीटमेंट के लिए कौन सी जांचे ज़रुरी होती है। साथ ही इसके बचाव के लिए क्या करना चाहिए और इस बीमारी के कारण क्या होते है।