लोग एक लत को छोड़ने के लिए दूसरा लत पकड़ लेते हैं. इसी तरह बहुत सारे लोग सिगरेट की लत से पीछा छुडाने के लिए धुआं रहित तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं. लोगों का ऐसा सोचना होता है की धुआं रहित तंबाकू सेहत के लिए ज्यादा नुकसानदेह नहीं होता हैं, पर ऐसा है नहीं.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार धुआं रहित तंबाकू की लत भी आपके स्वास्थ्य के लिए उतना ही ज्यादा घातक होता है जितना घातक आम सिगरेट या फिर बीड़ी का सेवन होता है.
सामान्य सिगरेट, बीडी के बारे में तो जागरूकता लोगो में है पर धुँआ रहित तम्बाकू जो Tobacco Pouch के रूप में मिलता है के सेवन से होने वाले घातक परिणामों से लोग ज्यादा परिचित नहीं होते है और अनजाने में वो इसका सेवन करते रहते हैं.
आज के इस लेख में हम आपको इसी धुँआ रहित तम्बाकू के घातक परिणामों से जुड़ी कुछ जानकारियाँ बताने जा रहे हैं जिसे जान कर आप इसका सेवन तुरंत छोड़ने पर मजबूर हो जायेंगे. आइये Smokeless Tobacco के बारे में.
Smokeless Tobacco: जाने धुंआ रहित तम्बाकू खाने के नुकसान और बीमारियाँ
कई ऐसे लोग जो Indian Tobacco चबाते है अपने आप को धूम्रपान करने वालों से अधिक सुरक्षित समझते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है तम्बाकू के नुकसानदेह होने के लिए आपको इसका धूम्रपान के तौर पर सेवन करना जरूरी नहीं है। इसे चबाने या फिर मसूड़ों और दांत के बीच दबा कर रखने के भी कई जोखिम होते हैं, इनमे से कुछ निम्नलिखित हैं.
- मुंह में होने वाला कैंसर
- दांत की जड़ों में होने वाली सड़न
- दांत से मसूड़ों का निकल जाना
- मुंह में सफ़ेद धब्बे या फिर लाल दाने आ जान जो कैंसर में बदल जाते हैं
हाल हीं में हुए एक शोध के अनुसार धूम्रपान-रहित तम्बाकू के खतरे सिर्फ मुंह तक सिमित नहीं रह कर इससे आगे भी जा सकते हैं। यह शरीर में दूसरे प्रकार के कैंसरों, हृदय रोग तथा आघात में भी अपनी भूमिका निभा सकते है। Tobacco Effects बहुत हीं घातक होते हैं.
धूम्रपान रहित तम्बाकू में दरअसल सिगरेट की तुलना में घातक नशीली तत्व निकोटीन की मात्रा अधिक होती है। निकोटीन एक बहुत हीं ज्यादा व्यसनी नशा होता है जिसकी लत लग जाने के बाद खुद को इसे करने से रोक पाना बहुत ज्यादा कठिन हो जाता है। इसे छोड़ने का दिन निर्धारित करना और छोड़ने की योजना बनाना इसे सफलतापूर्वक रोकने में सहायता कर सकते हैं।
धुंआ रहित तम्बाकू खाने से होने वाले घातक परिणाम से जुड़ी एक घटना है जिसे जान कर आपको पता चलेगा इससे बच के रहना कितना जरूरी है.
धुआं रहित तंबाकू के इस गंभीर दुष्प्रभाव को 56 साल के विजय तिवारी की वास्तविक कहानी के साथ अच्छे से समझा जा सकता है. जब तिवारी की उम्र महज 12 साल की थी तभी उसने अपनी हीं फैक्ट्री में बन रहे तम्बाकू के गुटखे का चखा और फिर इस गुटखे की उन्हें बुरी तरह से लत लग गई. आठ साल पहले तब तिवारी के पाँव के नीचे से जमीन खिसक गई जब चिकित्सकों ने बताया कि उन्हें मुंह का कैंसर हो गया है. उत्तर प्रदेश राज्य के कन्नौज शहर में रहने वाले तिवारी ने खुद का सालाना करोड़ों रूपये का गुटखे का कारोबार बंद कर दिया.
असामान्य तथा अनियंत्रित तरीके से विभाजित हो चुकी कोशिकाओं के कारण तिवारी के बॉडी के उत्तकों के नष्ट हो जाने की इस रोग से अपनी लड़ाई के बारे में बताते हुए तिवारी ने कहा ‘‘48 वर्ष की आयु में कैंसर की बीमारी होने की बात जान कर मेरा होश एकदम से उड़ गया’’ उन्होंने आगे कहा ‘‘महज 12 वर्ष की आयु में अपनी फैक्ट्री में टेस्टिंग सेशन के दौरान गुटखा खाया था. तब पता नहीं था कि यह पहले लत बनेगा और फिर कैंसर का रूप ले लेगा. ’’
तिवारी ने अब हालांकि अपनी कैंसर से लड़ाई जीत ली है लेकिन उनमे यह अपराध भावना आज भी बनी हुई है कि उनके फैक्ट्री से बने गुटखे के कारण से जाने कितने लोगों की जिंदगियां तबाह हो गई होंगी.’’ विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि तंबाकू को लेकर जागरूकता होने के बाद भी भारत में हर रोज लगभग 2,739 लोगों की कैंसर से मृत्यु हो जाती है. चिकित्सकों का कहना है कि भारतीयों में यह एक आम धारणा है कि धुंआ रहित तंबाकू को चबाने वाले तंबाकू से सिगरेट और बीड़ी की तुलना में कम हानि होता है.
31 मई को मनाया जाता है ‘‘वर्ल्ड नो टोबैको डे’’
हर साल के मई महीने के 31 तारिख को ‘‘वर्ल्ड नो टोबैको डे’’ पूरी दुनिया में मनाया जाता है. इस साल की थीम ‘‘टोबैको एंड हार्ट डिजीज़’’ थी जो तंबाकू तथा हार्ट डिजीज के बीच रिलेशन को रेखांकित करता है. वैसे भी हार्ट फेल्युअर सारी दुनिया में मौत का एक प्रमुख कारण माना जाता है. राजस्थान के जोधपुर स्थित एम्स अस्पताल में ऑर्निथोलैरिंगोलॉजी डिपार्टमेंट के अमित गोयल बताते हैं की ‘‘तंबाकू खाने से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाने के बारे में हर कोई जानते हीं हैं लेकिन यह भी एक ज्ञात तथ्य है कि धुंआ रहित तंबाकू भी उतना ही घातक होता है और बीमारियों का कारण होता हैं.
तंबाकू का सेवन करने से आपका शरीर लगभग 7,000 से भी ज्यादा घातक केमिकल्स के मिश्रण के संपर्क में ले आता है. तंबाकू का किसी भी प्रकार से खाया जाना मानव शरीर के लिए किसी भी प्रकार से सही नहीं होता है और शरीर के कई हिस्से पर दुष्प्रभाव भी डालता है. ’’जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में ईएनटी के एक सर्जन पवन सिंघल के अनुसार ‘‘तंबाकू का सेवन करने से आपका शरीर लगभग 7,000 से भी ज्यादा घातक केमिकल्स के मिश्रण के संपर्क में ले आता है. और इनमें से कम से कम 70 मिश्रण तो घातक कैंसर कारक ही होते हैं. ’’
आज के इस लेख में आपने पढ़ा धुंआ रहित तम्बाकू के सेवन से होने वाले नुक्सान के बारे में. अगर आप भी इसका सेवन करते हैं तो इसका सेवन तुरंत बंद कर दें और भविष्य में कैसर की संभावनाओं से बचे रहें.