Symptoms and Diagnosis of Hemophilia: जानिए हीमोफीलिया के लक्षण और निदान

हीमोफीलिया यह एक प्रकार की आनुवंशिक बीमारी होती है। इस बीमारी में रक्तस्राव बहुत लंबे समय तक होता है। इस प्रकार की बीमारी जन्म-जात होती है।

हीमोफीलिया आमतौर पर पुरुषों में होने वाली समस्या होती है। शोध के दौरान पता चला है की इस प्रकार की समस्या होने का प्रतिशत बहुत कम होता है। इस रोग में शरीर के बाहर बहता हुआ रक्त जम नहीं पाता। इस कारण चोट या दुर्घटना होने पर यह बीमारी जानलेवा हो सकती है क्योंकि इसमें खून का बहना जल्दी बंद नहीं होता।

इस रोग का कारण रक्त प्रोटीन की कमी होती है, जिसे ‘क्लॉटिंग फैक्टर’ कहते है। इस फैक्टर की विशेषता यह होती है कि यह बहते हुए रक्त के थक्के जमाकर उसका बहना रोकने में मदद करता है।

हीमोफीलिया में टखने, घुटने और कोहनी में भी रक्तस्राव हो सकता है। रक्तस्राव के कारण जोड़ों में दर्द होता है। यदि इसका इलाज समय पर नहीं होता तो गठिया रोग होने की सम्भावनाये बढ़ जाती है। जानते है Symptoms and Diagnosis of Hemophilia के बारे में।

Symptoms and Diagnosis of Hemophilia: हीमोफीलिया बीमारी से सम्बंधित जानकारी

हीमोफीलिया के मुख्य लक्षण

  • जोड़ों में दर्द या सूजन का होना
  • मूत्र में रक्त का आना
  • मल में खून का आना
  • बच्चों में चिड़चिड़ापन होना
  • आसानी से घायल होने की प्रवृत्ति
  • नाकस्राव होना जो आसानी से बंद नहीं होते
  • दंत के उपचार जैसे दांत निकालना, रूट कैनाल थेरेपी आदि के दौरान ज्यादा रक्तस्राव

हीमोफीलिया का निदान और ध्यान रखने योग्य बाते

रोगी को दिया जाता है क्लॉटिंग फैक्टर

  • हीमोफीलिया के रोगियों को उपचार के लिए क्लॉटिंग फैक्टर भी दिया जा सकता हैं। परन्तु यह नियमित रूप से दिया जाना चाहिए।
  • इसके उपचार से शरीर में धीरे धीरे रक्त का थक्का जमना शुरू हो जाता हैं।

क्लॉट बढाने वाली दवाइयाँ

  • यदि हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्ति को चोट लगने के कारण ज्यादा खून बहने लगे तो इस परिस्थिति में उसे खून जमाने और घाव को जल्द ठीक करने के लिए क्लॉट बढाने वाली तथा हीलिंग वाली दवाईयां दे सकते हैं।

दर्द होने पर ले डॉक्टर की सलाह

  • इस बात का ध्यान देना चाहिए की हीमोफीलिया के रोगी को दर्द से राहत पाने वाली दवाइयों का सेवन करने से बचना चाहिए।
  • इन दवाईयों का सेवन करने से मरीज के शरीर पर विपरीत असर हो सकता हैं।
  • दर्द होने पर अपने दो डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही दवाओं का सेवन करे।

व्यायाम करे

  • व्यायाम करना हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्ति के लिए अच्छा होता है। इसलिए नियमित रूप से व्यायाम करे।
  • व्यायाम करते रहने से जोड़ो में दर्द नहीं होता और चोट लगने पर शरीर से ज्यादा खून भी नहीं बहेगा।
  • यदि आपको खेलना कूदना अच्छा लगता है तो ऐसे खेल खेले जिसमे चोट लगने की सम्भावना कम होती है ।
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