एसिडिटी एक बहुत कॉमन समस्या है जो की हर उम्र के लोगो को प्रभावित करती है। इसे गैस्ट्रो इसोफेगल रिफ्लक्स डिज़ीज़ भी कहा जाता है।
पेट में स्टमक एसिड खाने को पचाने में सहायता करते है। जब हम खाना खाते है तो यह एसिड खाने को पचाता है। यह एक प्राकृतिक क्रिया होती है। लेकिन जब यह एसिड ज्यादा मात्रा में बढ़ जाता है तो पेट में जलन होने लगती है जिसे एसिडिटी कहते है।
एसिडिटी होने से कई प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है। जैसे की पेट में जलन होना, मुँह में छालो का हो जाना, खट्टी डकारे आना, घबराहट और उलटी जैसा महसूस होना, गले में लगातार जलन महसूस होना, पेट फूलना आदि।
एसिडिटी अक्सर देर रात तक जागने, असमय भोजन ग्रहण करने , तीखा मसालेदार व गरिष्ठ भोजन ग्रहण करने आदि के कारण भी हो सकती है। एसिडिटी जैसी समस्या को हम योग के द्वारा भी दूर कर सकते है। आइये जानते है Acidity Ke Liye Yoga.
Acidity Ke Liye Yoga – कौनसे योग है एसिडिटी में फायदेमंद
उत्तानपादासन
- उत्तानपादासन करने से पेट, पैर और कमर को मजबूती मिलती हैI
- इस आसन के नियमित अभ्यास से अपच और गैस्ट्रिक की समस्या भी ठीक हो जाती है।
- यह आसन पुराने कब्ज रोग में भी बहुत लाभदायक होता है।
- इससे पेट की चर्बी भी कम हो जाती है। इसे Raised Feet yoga भी कहा जाता है।
भुजंगासन
- भुजंगासन को नियमित रूप से करने से पेट में गैस, कब्ज आदि नहीं होते हैं।
- इसके अतिरिक्त इस आसन से गर्दन, कंधे और मेरुदंड से जुड़ी समस्याएं से भी दूर हो जाती है।
- इसे कोबरा पोज़ भी कहा जाता है।
- इस आसन को करने से उदर से सम्बंधित रोग जैसे लिवर और किडनी रोग में सहायता मिलती है।
मत्स्यासन
- इस आसन को करने पर शरीर का आकर मछली की तरह होता है, इसलिए इसे मत्स्यासन कहा जाता है।
- इस आसन को करने से गैस और एसिडिटी की समस्या दूर होती है और कब्ज दूर होता हैI
- यह आसन पेट के रोगो के लिए बहुत उपयोगी होता है इससे पाचन शक्ति मजबूत होती है।
सर्वांगासन
- सर्वांगासन को करने से शरीर का पूर्ण विकास होता है
- इस आसन को करने से थायरॉयड ग्रंथियों की क्रियाशीलता बढ़ती है।
- इस आसन के नियमित अभ्यास से पाचन शक्ति बढ़ती है। जिसके कारण गैस और एसिडिटी की समस्या से निजात मिलता है।
वज्रासन
- वज्रासन करने से पाचन तंत्र से सम्बंधित रोगो से छुटकारा मिलता है।
- यह भोजन को पचाने में सहायक होता है।
- इसे भोजन के बाद करने से कब्ज जैसी समस्या से निजात मिलता है।
इसके अतिरिक्त हलासन, मयूरासन, धनुरासन, अनुलोम विलोम प्राणायाम और मंडूकासन आदि का भी नियमित अभ्यास कर सकते हैं। ये सभी आसन भी गैस और एसिडिटी की समस्या को दूर करते हैं।