Yoga for Bronchitis: इन आसनो के अभ्यास से करे ब्रोंकाइटिस को दूर

आजकल लोग कई प्रकार के रोगों से पीड़ित रहते है। अनेक बीमारियाँ लोगो के शरीर में अपना घर बना रही है। ऐसी ही एक बीमारी है ब्रोंकाइटिस। लाखों लोग ब्रोंकाइटिस से ग्रसित हैं। ब्रोंकाइटिस की समस्या बच्चे, बूढ़ो और प्रौढ़ किसी को भी हो सकती है।

यह साँस से संबंधित एक इन्फेक्शन होता है जिसके कारण साँस लेने में परेशानी होती है। साथ ही इसमें बलगम आने लगती है और साथ हीं खांसी भी होने लगती है। ब्रोंकाइटिस होने पर फेफडों तक ऑक्सीजन को ले कर जाने वाली नली में सूजन और दर्द होने लगता है।

ब्रोंकाइटिस की समस्या का उपचार दवाओं से करने पर भी यह कई महीनो तक बनी रहती है इसके पूर्ण रूप से निदान के लिए योग एक बहुत ही अच्छा माध्यम होता है। ब्रोंकाइटिस की सम्पूर्ण जानकारी के लिए पूरा लेख पढ़ें ।

योग रोगों को दूर करने और शरीर को स्वस्थ व् निरोगी बनाये रखने में सक्षम होता है, इसलिए आईये जानते है Yoga for Bronchitis कौन कौन से होते है?

Yoga for Bronchitis: जानिए ब्रोंकाइटिस रोग को दूर करने वाले आसन

ब्रोंकाइटिस की समस्या को दूर करने के लिए कई योग किये जा सकते है जो की निम्न है।

सलंब सर्वांगासन

  • सलंब सर्वांगासन को All Limbs Pose और shoulder stand भी कहा जाता है। इसे सभी आसनो की रानी भी कहा जाता है।
  • इस आसन का अभ्यास सुबह और शाम के समय खाली पेट करने पर लाभकारी होता है।
  • इस आसन को 30 से 60 सेकंड के लिए करना चाहिए।
  • ब्रोंकाइटिस रोगी के लिए यह आसन बहुत ही लाभकारी होता है। इस आसन को करने से तंत्रिकाओं को शांत किया जा सकता है।
  • यह आपके मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को सुधारता है और आपके आत्मविश्वास को बढ़ाता है ।
  • यह आसन फेफड़ों के क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को भी सुधारता है। साथ ही तनाव और अवसाद से भी मुक्ति मिल जाती है।

अर्धपिंछा मयूरासन

  • अर्धपिंछा मयूरासन को Dolphin pose के नाम से भी जाना जाता है।
  • इस आसन को करने पर यह एक उलटे V के सामान दिखाई देता है।
  • यह खड़े होकर की जाने वाली मुद्राओ में से एक होती है।
  • ब्रोन्काइटिस रोगी यदि इस आसन को करते है तो उन्हें इस रोग में फायदा मिलता है। यह आसन कंधों को बढ़ाता है, हाथों और पैरों को भी मजबूत बनाता है।
  • अर्धपिंछा मयूरासन मस्तिष्क को शांत रखने में सहायक होता है और अवसाद से राहत देता है। यह मुद्रा अस्थमा के रोगियों के लिए भी सुखदायक होती है।
  • अर्धपिंछा मयूरासन सिरदर्द, पीठ दर्द, थकान आदि परेशानियों को भी दूर करने में मदद करता है।

सिंहासन

  • सिंहासन को Lion pose भी कहते है। इस आसन में शरीर की स्थिति एक शेर के समान होती है।
  • यह ब्रोंकाइटिस रोगी को गले में होने वाले खराश से बाचता है । अन्य साँस से सम्बंधित बीमारियों से भी दूर रखने में मदद करता है।
  • यह अस्थमा रोगियों के लिए भी लाभकारी होता है। सिंहासन को करने से वोकल कॉर्ड्स सही रहती है।
  • आंखो, चेहरे और गर्दन को इस आसन द्वारा स्वस्थ रखा जा सकता है।साथ ही इसे करने से आवाज भी मधुर होती है।
  • सिंहासन के नियमित अभ्यास से सारी गले की समस्या को दूर किया जा सकता है।
  • इसका नियमित अभ्यास करने से गले में होने वाले संक्रमण से भी निजात मिल जाता है।

सुखासन

  • सुखासन Easy pose भी कह सकते है। क्योंकि इस आसन को कोई भी व्यक्ति बड़ी सरलता के साथ कर सकता है।
  • सुखासन ब्रोन्काइटिस रोगी के मन को शांत रखने में मदद करता है। साथ ही छाती को भी बढ़ाता है।
  • यह आपके मानसिक थकान को ठीक करता है। सुखासन के द्वारा रक्त का संचार पूरे शरीर में अच्छे से होता है।
  • मोटापा, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं से भी निजात दिलाता है।
  • रीड की हड्डियों में होने वाली परेशानियों को भी इस आसन द्वारा दूर किया जा सकता है।

उत्तानासन

  • उत्तानासन को अंग्रेजी में Standing Forward bend कहते है।
  • यह ब्रोंकाइटिस रोगी में होने वाले तनाव और चिंता को दूर करता है। साथ ही इस आसन के नियमित अभ्यास से मन को शांत रखा जा सकता है।
  • उत्तानासन नसों को शांत रखने में भी मदद करता है। यह आसन अस्थमा और अनिद्रा रोग में भी सहायक होता है।
  • उत्तानासन के अभ्यास से रक्त का प्रवाह तंत्रिका तंत्र में सही ढंग से होता है जिसके कारण शरीर स्फूर्तिवान बना रहता है।
  • उत्तानासन के दवारा रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है।साथ ही यह पेट के अंगों को भी सक्रिय करने में सहायक होता है।
  • यह आसन सिरदर्द और अनिंद्रा जैसी समस्याओ से भी निजात दिलाने में मदद करता है।

शवासन

  • शवासन Corpse पोज़ भी कहते है। यह मुद्रा बहुत ही आराम दायक मुद्रा होती है। इसमें शरीर की स्थिति एक मृत शरीर के तरह होती है।
  • इस आसन को किसी भी समय किया जा सकता है। और इसके लिए खाली पेट रहना भी आवश्यक नहीं होता है।
  • अपनी आवश्यकता के आधार पर लगभग 5 से 15 मिनट के लिए मुद्रा में आराम कर सकते है।
  • ब्रोन्काइटिस रोगी के लिए यह पूर्ण शरीर को आराम देता है। साथ ही इसे करने से थकान भी दूर हो जाती है।
  • शवासन एकाग्रता में सुधार करने में भी सहायक होता है। यह मुद्रा शरीर में रक्त के प्रवाह को उत्तेजित करता है और अस्थमा के रोगियों के लिए भी उपयुक्त होता है।
  • इस आसन द्वारा मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है और आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है।

अर्धमत्स्येन्द्रासन

  • अर्धमत्स्येन्द्रासन को अंग्रेजी में Half-Spinal Twist कहते है। यह रीढ़ की हड्डी वाला आसन होता है जिसे मत्स्येंद्रनाथ नामक ऋषि के नाम पर रखा गया है।
  • इसे खाली पेट सुबह से समय करना लाभकारी होता है। इसे कम से कम 30 से 60 सेकंड के लिए करे।
  • ब्रोन्काइटिस रोगी के लिए या आसन फेफड़ों में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाता है।
  • अर्धमत्स्येन्द्रासन पीठ को बढ़ाता है और कब्ज को ठीक करता है। यह मुद्रा फेफड़ों को उत्तेजित करता है और आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।
  • इस आसन द्वारा मेरुदंड को मजबूती प्रदान होती है और मेरुदंड में लचीलापन आता है।
  • इस आसन को करने से छाती को फ़ैलने में मदद मिलती है जिसके कारण फेफड़ों को ऑक्सीजन सही मात्रा में पहुँचाती है।

ऊपर दिए गए आसनो के अभ्यास से ब्रोन्काइटिस रोग को दूर किया जा सकता है इसके लिए इसका नियमित अभ्यास करे और अपने शरीर को स्वस्थ व् तंदरुस्त रखे।

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