अपान वायु मुद्रा को मृत-संजीवनी मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसका सम्बन्ध हृदय से होता है।
यह मुद्रा वायु और अपान दो मुद्राओ के समायोजन से होता है। जिसमे वायु मुद्रा का कार्य पेट की बड़ी हुई गैस को कम करने का होता है और अपान मुद्रा हृदय को ठीक रखती है। इस मुद्रा के द्वारा पाचन शक्ति मजबूत होती है। इस कारण इसे ह्रदय मुद्रा भी कहा जाता है।
व्यक्ति को हार्ड अटैक के दौरान यदि वह इस मुद्रा को करता है तो उसे इससे तुरंत लाभ मिलता है। ह्रदय की तेज गति या फिर धीमी गति के लिए भी अपान वायु मुद्रा फायदेमंद होती है।
अपान वायु मुद्रा से शरीर की पीड़ा भी दूर हो जाती है। साथ ही घुटने के दर्द से भी राहत मिलती है। जानते है Apan Vayu Mudra In Hindi के बारे में विस्तार से।
Apan Vayu Mudra In Hindi: जानिए इसे कैसे करते है इसके फायदे और सावधानियां
अपान वायु मुद्रा करने के विधि
- इस आसन को करने के लिए एक समतल जमीन पर मेट बिछा ले और उस पर पद्मासन या सिद्धासन की मुद्रा में बैठ जाए।
- यह आसन करते समय इस बात का ध्यान रखे की आपकी पीठ और रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।
- इसके बाद अपने दोनों हांथो को घुटनो पर रखे। साथ ही हाथ की हथेलियों की दिशा ऊपर की तरफ होनी चाहिए।
- फिर अपने हाथ की तर्जनी अंगुली को मोड़े और उसे अंगूठे की जड़ से लगा दें।
- मध्यमा व अनामिका अंगुली को मिलाकर अंगूठे से स्पर्श कराये और कनिष्ठिका अंगुली को सीधा रखे।
- इतना करने के बाद अपना ध्यान सांसो पर लगाए। ध्यान रहे की आपकी साँस सामान्य होनी चाहिए।
- इस मुद्रा में कम से कम 48 मिनट तक रहे।
- इस मुद्रा को प्रतिदिन कर सकते है।
- इसका अभ्यास सुबह और शाम के समय 16-16 मिनट कर सकते है।
अपान वायु मुद्रा करने के फायदे
- अपान वायु मुद्रा हृदय रोगियों के लिए बहुत ही लाभकारी होती है।
- इस मुद्रा के नियमित अभ्यास से रक्तचाप को नियंत्रित रखा जा सकता है और इसके अभ्यास से आधे सिर का दर्द भी ठीक हो जाता है।
- अस्थमा रोगियों को अपान वायु मुद्रा का अभ्यास रोज करना चाहिए। अपान वायु मुद्रा वात-पित्त-कफ तीनों दोषों को दूर करने में मदद करती है।
- इसे करने से घबराहट की समस्या दूर हो जाती है साथ ही स्नायु तंत्र के सभी रोग भी दूर हो जाते है।
- फेफड़ों को स्वस्थ बनाये रखने में यह मुद्रा सहायक होती है। पेट से जुड़ी समस्याओं को भी इस मुद्रा के द्वारा दूर किया जा सकता है।
अपान वायु मुद्रा को करते समय ध्यान रखने योग्य सावधानियां
- इस मुद्रा का अभ्यास एक निश्चित समय के अंदर ही करे। उससे ज्यादा करने का प्रयत्न न करे।
- अपान वायु मुद्रा को खाली पेट ही करना चाहिए।
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