Lakshmi Chalisa – वैदिक हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार माँ लक्ष्मी को धन की देवी कह कर संबोधित किया जाता है। माँ लक्ष्मी का प्रदुर्भाव या आगमन देवता और दानवों द्वारा मिलकर किये गए ऐतिहासिक समुद्र मंथन से हुआ था। हिन्दू मान्यताओं में प्रसिद्ध एक कथा के अनुसार देवताओं की शक्ति के क्षीण हो जाने के पश्चात उसकी पुनः प्राप्ति करने के लिए देवताओं और दानवों ने भगवान श्री नारायण विष्णु के कहने पर अनंत समुद्र का मंथन किया था।
समुद्र मंथन से 14 रत्नों की प्राप्ति हुई। इन में प्रमुख अमृत, विष और माता लक्ष्मी इत्यादि थे। जहाँ अमृत का सेवन स्वर्ग के सभी देवताओं ने किया। वहीं विष के कोप से पृथ्वी को भगवान भोलेनाथ खुद विष ग्रहण करके बचाया। अमृत और विष के संग निकली माता लक्ष्मी के एक हाथ में धन का कलश और दूसरे में अभय की मुद्रा थी। माता लक्ष्मी से भगवान विष्णु ने विवाह कर के उन्हें अपनी अर्धांग्नी बना लिया।
वैसे तो माता लक्ष्मी की आराधना कई तरह से उनके उपासक करते हैं। कई उपासक लक्ष्मी पूजन में बहुत सारी कठिन मंत्रोचार आदि का उच्चारण करते हैं, परन्तु संस्कृत ना जानने वाला आम आदमी इस तरह के मंत्रोचार में परेशानी महसूस करता है, वो इतने कठिन उच्चारण को पढ़ते समय ग़लतियाँ कर देता है।
इन उच्चारण सम्बन्धी गलतियों से निजात पा कर बिना किसी फ़िक्र के भी माता लक्ष्मी की पूजा इत्मीनान से की जा सकती है। ये आसान पूजन विधि सिर्फ लक्ष्मी चालीसा के चालीस आसान छंद पढ़ कर भी किये जा सकते हैं। माता लक्ष्मी की आराधना में लक्ष्मी चालीसा का भी विशेष महत्व है। यहाँ पढ़े Lakshmi Chalisa in Hindi.
Lakshmi Chalisa in Hindi: माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए
माता लक्ष्मी जी को धन, सम्पदा, समृद्धि और वैभव की देवी माना जाता है। माँ लक्ष्मी का स्वभाव बहुत ही चंचल होता है। जिस भी इंसान के ऊपर माँ लक्ष्मी अपनी कृपा दृष्टि रखती है। उस इंसान के जीवन में धन और वैभव की कभी भी कोई कमी नहीं होती है। मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक दिन लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना करने से मनुष्य को जीवन भर दरिद्रता का सामना नहीं करना पड़ता है। माता लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना में कई तरह के मंत्रों और श्लोकों का प्रयोग किया जाता है।
हर साल दीपावली के त्यौहार पर माता लक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस पूजा में माता लक्ष्मी के साथ प्रथम पूज्य सिद्धि विनायक भगवान गणेश तथा विद्या और बुद्धि की देवी माता सरस्वती की उपासना बड़े धूम धाम से की जाती है। जहाँ माता लक्ष्मी को धन की देवी और माता सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा जाता है वहीं भगवान गणेश बुद्धि के देवता कहलाते है।
चालीसा पाठ कर के देवी देवताओं की पूजा अर्चना का भी अपना अलग और व्यापक महत्व होता है। साधू संतों और महर्षियों द्वारा ऐसा कहा गया है कि गृहस्थ जीवन में अपना जीवन यापन कर रहे मनुष्य सिर्फ चालीसा पाठ कर के भी देवी देवताओं से उतना ही फल प्राप्त कर सकते हैं। जितना संन्यास प्राप्त सन्यासी पूरा जीवन पूजा अर्चना में लगा कर प्राप्त करते हैं।
आजकल बहुत कम लोग संस्कृत भाषा को समझ और पढ़ पाते हैं, और वृहत पूजन विधियों में लम्बे लम्बे और कलिष्ट मन्त्रों का उच्चारण जरुरी होता है। आम लोग इन मन्त्रों का सही उच्चारण नहीं कर पाते हैं। इन्हीं आम लोगो के लिए चालीसा पाठ विधि के द्वारा की गई पूजा एक रामवाण पूजन की विधि है।
कहा जाता है कि कलयुग में सबसे ज्यादा पूजी जाने वाली देवी हैं माता लक्ष्मी। आज लोग सबसे ज्यादा कामना धन और वैभव की ही करते हैं। इसलिए धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा सबसे ज्यादा की जाती है। अगर आप भी धन और वैभव की प्राप्ति करना चाहते है तो जरूर पढ़े माता लक्ष्मी की चालीसा –