भगवान शिव जिन्हे महादेव के नाम से भी जानते हैं, हिन्दू धर्म के सर्वप्रमुख देवताओं में एक कहे जाते हैं। वो त्रिदेव ब्रह्मा विष्णु और महेश में भी गिने जाते हैं। उन्हें लोग देवों के देव भी कहते हैं। इसके अलावा उनके और भी कई नाम है, जैसे शंकर, रूद्र, महेश, नीलकंठ इत्यादि।
तंत्र विद्या के साधक भगवान शिव को भैरव के नाम से भी बुलाते हैं, वहीं वेदों में इन्हे रूद्र के नाम से जाना जाता है। इनकी अर्धांगिनी माँ पार्वती और दो पुत्र कार्तिकेय तथा गणेश हैं। भगवान् शिव की पुत्री के रूप में अशोक सुंदरी को जाना जाता है।
भगवान् शंकर अपनी ज्यादातर चित्र में योगी की मुद्रा में बैठे नजर आते हैं वहीं उनकी पूजा अर्चना शिवलिंग और मूर्ति दोनों हीं रूपों में की जाती है। भगवान् शिव के गर्दन में नाग देव लिपटे रहते हैं साथ हीं उनके हाथों में त्रिशूल के साथ डमरू भी रहता है। भगवान् शिव कैलाश पर्वत पर रहते हैं ऐसा उनके श्रद्धालु मानते हैं।
भगवान् शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है, वे अपने भक्तों द्वारा की गयी पूजा अर्चना से बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते है। इनकी पूजा विधि में बहुत साड़ी पवित्र वस्तुएं चढ़ाई जाती हैं जैसे- भांग, बेलपत्र आदि। भगवान् शंकर की सामन्य पूजा में भी बहुत ध्यान रखने की जरुरत होती है। आइये जाने शिव पूजा से जुड़ी ध्यान देने योग्य बातें विस्तार से।
Shiv Puja: जाने शिव पूजा में को कौन सी चीजें चढ़ाने से होते हैं भगवान खुश
भगवान शिव की पूजा वैसे तो किसी भी दिन किया जा सकता है और हर दिन भगवान आपकी मनोकामनाएं पूर्ण कर सकते हैं परन्तु सप्ताह के एक दिन “सोमवार” को शिव पूजा का अपना विशेष महत्व होता है। सोम (सोमनाथ) भगवान शंकर को हीं कहा जाता है, और इसी कारण सोमवार को भगवान शिव का दिन माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से मनुष्य को कभी भी किसी विपत्ति का सामना नहीं करना पड़ता है।
दिन के अलावा हिन्दू वर्ष का एक पूरा महीना भी भगवान शंकर के पूजनोत्स्व के लिए अनुकूल माना जाता है। हिन्दू कैलेण्डर के श्रावण महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व होता है। श्रावण महीने में आने वाले सोमवार को शिव जी की पूजा करने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते है।
कहा जाता है की श्रावण माह के सोमवार को शिवलिंग पर यदि कुछ विशेष चीजे चढ़ाएंगे तो भगवान शिव भक्तों की सारी इच्छाओं की पूर्ति कर देते हैं । कोई भक्त अगर सच्ची श्रद्धा से शिव जी को सिर्फ एक लोटा पानी भी अर्पित करे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए उन्हें भोले भंडारी भी कहा जाता है।
भगवान शिव की पूजा करते समय इन चीजों को चढाने का अपना अलग महत्व होता है।
जल: शिवलिंग पर जल चढ़ाने से शिव जी प्रसन्न होते है। ॐ नमः शिवाय बोलते हुए अगर भक्त शिवलिंग पर जल चढ़ाते है तो हमारा स्वभाव शांत और मन प्रसन्न होता है।
बिल्व पत्र: शिव जी की बिल्प पत्र बहुत पसंद है। यदि शिव जी को बिल्वपत्र चढ़ाते है तो इससे हमारी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
दूध: भगवान् शिव का अभिषेक दूध से करना चाहिए। शिवलिंग पर दूध का अभिषेक करने से आपका स्वास्थ्य अच्छा रहता है। साथ ही शारीरिक शक्ति प्राप्त होती है।
घी: शिव जी को घी चढाने का भी अपना अलग महत्व होता है। यदि शिव लिंग पर घी अर्पित करते है तो शारीरिक कमजोरी ख़त्म हो जाती है और ताकत में वृद्धि होती है।
शहद: शिव पूजन के समय शहद भी चढ़ाया जाता है। यदि आप शिवलिंग पर शहद चढ़ाते है तो इससे आपकी वाणी में मधुरता आती है और इसकी मिठास बढ़ जाती है।
इत्र: शिवलिंग पर इत्र चढाने का भी चलन है। शिवलिंग पर इत्र चढ़ाने से हमारे विचार पवित्र होते है। शांति प्राप्त होती है और साथ ही बुरे विचार नष्ट हो जाते है।
चन्दन: चन्दन तो सभी भगवान पर चढ़ाया जाता है। इसे भगवान् शिप पर भी चढ़ाते हैं। यदि हम शिवलिंग पर चन्दन चढ़ाते हैं तो इससे घर परिवार में सम्मान की प्राप्ति होती है और इससे हमारा व्यक्तित्व भी आकर्षक बनता है।
केसर: केसर का चढ़ावा भी शिव पूजा का एक मुख्य अंग है। अगर शिवलिंग पर हम जल में केसर मिलाकर चढ़ाते है तो इससे हमारे चेहरे की सुंदरता में वृद्धि होती है।
भांग: भांग भगवान् शंकर को बहुत प्रिय है। शिव लिंग पर भांग चढ़ाने से हमारे अंदर की बुराइयां ख़त्म हो जाती है, और हमारे सारे विकार दूर हो जाते है।
दही: दही चढाने की भी परंपरा है शिव पूजा में। शिवलिंग पर दही का अर्पण करने से आपके कार्यो में सफलता मिलती है और सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही इससे आपका स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
शक्कर: शिव पूजा में शक़्कर भी चढ़ाते हैं। शिवलिंग पर शक्कर चढ़ाने से हमारी सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है।
धतूरे के फूल: धतूरा शंकर भगवान् को बहुत प्रिय होता है। धतूरे के फूल से शिव जी का पूजन करने पर सुयोग्य पुत्र की प्राप्ति होती है, जो आपके कुल का नाम रौशन करता है।
चावल, तिल, जौ और गेहूं: भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की वृद्धि होती है। तिल चढ़ाने से पापों का विनाश होता है। जौ अर्पित करने से सुख में बढ़ोतरी होती है, और गेहूं चढ़ाने से संतान उतपत्ति होती है।
शिव जी को ये चीजे न चढ़ाये: हल्दी, केतकी और केवड़े के फूल, कुमकुम या रोली, नारियल पानी और तुलसी दल ये चीजे शिव को नहीं चढ़ाई जाती है।