दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं पहले मिलनसार और दूसरे शर्मीले। मिलनसार लोग किसी से भी बात करने में संकोच नहीं करते है और आत्मविश्वास के साथ बात करते हैं। ऐसे में उन्हें अपनी जिंदगी में इसके अच्छे परिणाम भी देखने को मिलते हैं। उनका सर्किल बढ़ता है, वो किसी पर भी अपना अच्छा प्रभाव छोड़ सकते हैं।
जब बात शर्मीले लोगों की आती है तो उनमें संकोच का भाव कुछ ज्यादा भरा होता है। किसी से भी बात करने के पहले वो सोचने लग जाते हैं की क्या बात करें, कैसे बात करें, मेरी बात सामने वाले को कैसी लगेगी आदि। अजनबी लोगों से बात करने में तो शर्मीले लोगों को और ज्यादा परेशानी होती है।
अगर आपकी भी अजनबियों से मिलने और बात करने की सोच से ही पसीने छूटने लग जाते हैं तो इसकी वजह शर्मीलापन हीं है। आपके मन मस्तिष्क में ऐसे प्रश्न हमेशा उठते होंगे की ‘आखिर मैं इनसे क्या बात करूँ? किस बात से बातचीत की शुरुआत करूँ? अगर बात शुरू हो गई तो बातचीत को जारी कैसे रखूं?’ आदि।
अति किसी भी चीज का सही नहीं होता, कभी कभी मिलनसार लोग भी बातूनी हो जाते हैं और सामने वाले को कुछ बोलने नहीं देते। हमे ना तो बातूनी होना चाहिए और ना हीं बहुत ज्यादा शर्मिला। आज इस लेख में हम आपको बताएँगे कैसे हम अपने शर्मीलेपन को दूर कर सकते हैं। पढ़ें How to Overcome Shyness In Hindi .
How to Overcome Shyness In Hindi : जाने कैसे दूर कर सकते हैं आप अपना शर्मीलापन
शर्मीलेपन की समस्या से दुनिया के बहुत सारे लोग परेशान रहते हैं। इसे कोई बीमारी नहीं माना जाता इस कारण इस तरफ कोई ध्यान भी नहीं देता। लोग अपना शर्मीलापन दूर करने के लिए कुछ नहीं करते। जबकि हम अपने जीवन और अंदाज़ का आकलन करके इस समस्या से बहुत हद तक निजात पा सकते हैं। जानते हैं How to become Confident and not Shy.
खुद को समझे
बहुत लोग शर्मीलेपन को समस्या ना मान कर शर्मीले व्यक्ति को अंतर्मुखी बता देते हैं और व्यक्ति की समस्या पर ध्यान नहीं देते। अंतर्मुखी होना अलग होता है जबकि शर्मीलेपन के पीछे कोई ना कोई कारण होता है। आखिर आप को शर्म क्यों आती है इसे जानना ज़रूरी है, और इसका पता आप आत्ममंथन कर के हीं लगा सकते हैं।
- हो सकता है की आपने खुद के लिए अपने अंतर्मन में एक शक्तिहीन छवि बना ली हो। अक्सर हम खुद को हीन भावना से ग्रसित कर लेते हैं। हमारे अंदर से आने वाली आवाज़ नकारात्मक विचारों को जन्म देती है। इन आवाज़ों को नकारना मुश्किल होता है परन्तु ये मुश्किल कार्य कर के हीं हम इन विचारों पर विजय पा सकते हैं और नकारात्मकता से दूर रह सकते हैं।
- कभी कभी हीन भावना इतनी गहरी हो जाती है की जब सामने से कोई व्यक्ति आपकी प्रशंसा भी करता है तो आपको इस पर भी विश्वास नहीं होता है और आप सोचते हैं की ये व्यक्ति हमारा दिल रखने के लिए झूठ बोल रहा है। ये सब आत्मविश्वास की कमी की वजह से होता है। अपना सर ऊँचा रखें और अपनी प्रशंसा को स्वीकार करते हुए सामने वाले को धन्यवाद कहें।
- कभी कभी केयरलेस बन जाना भी फ़ायदेमंद होता है। जो लोग बहुत ज्यादा शर्मीले होते हैं वो दरअसल जो भी काम करते हैं उसके लिए फिक्रमंद रहते हैं की उनके द्वारा किया गया काम सही होगा या नहीं, कहीं कोई गलती तो नहीं हो जायेगी आदि। ऐसे में आप अपने काम को एन्जॉय नहीं कर पाते हैं। अपने काम को एन्जॉय करें, अपना 100% दें और फिर उसकी फ़िक्र ना करें।
- कभी कभी जब बच्चों को उनके माता पिता शर्मिला कह कर सम्बोधित करते हैं तब वो बच्चा खुद को शर्मिला समझने भी लगता है और ये समस्या उसका उम्र बढ़ने पर भी साथ नहीं छोड़ती है।
शर्मीलेपन की वजह को स्वीकार करें
- लोग अकसर पूछते हैं की How to get rid of Shyness? अपने शर्मीले व्यवहार पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए सबसे पहले आपको अपने शर्म की वजह को स्वीकार कर के खुद को इसका विश्वास दिलाना होगा।
- अगर आप इस वजह को नकारेंगे या अस्वीकार करेंगे तो यह वजह आपके अंदर और ज्यादा शक्तिशाली होती चली जायेगी।
- अगर आपको शर्म आये तो आप इसे स्वीकार करते हुए लोगों को खुल कर कहें की “हां मैं आम लोगों से थोड़ा ज्यादा शर्मिला हूँ” ।
- इन मामलों में लोग पूछते हैं How to be Self Confident? इसके लिए आपके बार बार इस बात की स्वीकारोक्ति से आपके अंदर आत्मविश्वास का सृजन होगा और शायद आप अपने शर्म पर विजय भी पा लें।
शर्मीलेपन की वजहों पर विजय प्राप्त करें
- आप आत्ममंथन के द्वारा अपने अंदर के उन बातों का पता लगाए जिससे से आपका संकोची स्वभाव शक्तिशाली बनता है। अपने शर्म की वजहों को तलाशें और उनकी एक सूची बना ले।
- इन वजहों की सूची पर विजय प्राप्त करने की कोशिश करें।
- जब आपको पता होगा की इस वजहों के कारण आपका शर्मीलापन आपको परेशान करता है तो आप खुद उन वजहों के आते हीं सतर्क हो जाएंगे और ये वजहें खुद से दूर होने लग जाएंगी।
बच्चों के शुरूआती समय से शर्मीलेपन पर दे ध्यान
बच्चों में शर्मीलापन ज्यादा देखने को मिलता है। जिन बच्चों के बचपन में शर्मीलेपन को दूर नहीं किया जाता है वो आगे चलकर किशोरावस्था और सारी उम्र शर्मीले बने रह जाते हैं। हमे बच्चों के शर्मीलेपन को बचपन में हीं दूर कर देने की जरुरत होती है। बच्चों के शर्मीलेपन को दूर करने के लिए रखें कुछ बातों का ध्यान।
इग्नोर ना करें
- अक्सर देखा जाता है की लोग अपने बच्चों की बातों को इग्नोर कर देते हैं। ऐसा करने पर बच्चे अपनी बातें कहने में संकोच करने लगते हैं और वो शर्मीले हो जाते हैं।
- जब भी बच्चा कुछ कहे तो उसकी बातें सुने और उसकी बातों पर कुछ ना कुछ फीडबैक दें, ऐसा करने से वो खुलकर बात करना शुरू कर देगा।
भेद करना ना सिखाए
- लोग बच्चों के रंग और शारीरिक अवस्था के अनुरूप मोटा, नाटा, काला, गोरा आदि कहते हैं।
- ऐसे सम्बोधनों से बच्चों पर बुरा असर पड़ता है इसलिए जितना हो सके ये शब्द इस्तेमाल करने से बचे।
- अपने बच्चों को शर्मिला कह के भी ना पुकारें। ऐसा कहने से बच्चे खुद को शर्मीला समझने लग जाते हैं।
अतिथियों के साथ बात करवाए
- जब आपके घर में कोई अतिथि आएं तो अपने बच्चों को उनके साथ बात करने के लिए प्रेरित करें। नमस्कार करना सिखाएं।
- इन आदतों से बच्चे का शर्मीला स्वभाव धीरे धीरे खत्म हो जाएगा।
इस लेख में आपने पढ़ा शर्मीले स्वभाव से आप कैसे बाहर आ सकते हैं। अगर आप या आपका बचा भी शर्मिला है तो लेख में बताए गए बातों का ध्यान रखें और अपने शर्मीले स्वभाव से निजात पा लें।