Pregnancy ke Lakshan in First Week in Hindi: जाने फर्स्ट वीक प्रेग्नेंसी के लक्षण

गर्भवती होना एक बहुत ही सुखद अहसास होता है जो की हर महिला का सपना होता है। कौन सी महिला प्रेग्नेंट है इसका पता प्रारम्भ के कुछ समय में लगा पाना थोड़ा कठिन होता है।

पहले के समय में दायी और घर की व्यस्क सदस्य तुरंत पहचान लेती थी की महिला प्रेग्नेंट है की नहीं। आजकल प्रेग्नेंसी का पता लगाने के लिए उपकरणों की मदद ली जाती है।

जब महिला प्रेग्नेंट होती है तो शुरुआत में उसके शरीर में कई परिवर्तन होना शुरू हो जाते है साथ ही कई लक्षण भी दिखने लगते है। प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षणों को पहचानना भी जरूरी होता है ताकि आप उस अवस्था में अपना माइंड सेट कर सके और होने वाले परिवर्तनों का अनुभव अच्छे से कर सके।

इस लेख में हम आपको बता रहे है की प्रेगनेंसी के पहले सप्ताह में आपको किस प्रकार के लक्षण दिखाई दे सकते है। पहले सप्ताह के लक्षणों को जानने के लिए पढ़िए Pregnancy ke Lakshan in First Week in Hindi.

Pregnancy ke Lakshan in First Week in Hindi: इन लक्षणों को पहचाने और बरतें सावधानियां

गर्भधारण के लक्षण: Pregnancy Kitne Din me Pata Chalta Hai

मासिक धर्म के ना होने पर उसके तुरंत या फिर एक दो दिन के बाद से प्रेग्नेंसी का पता किया जा सकता है।

प्रेग्नेंसी के पहले सप्ताह में महिला के बाहरी शरीर में कोई परिवर्तन नहीं होता है बल्कि परिवर्तन उसके आतंरिक शरीर में होता है। इस समय भ्रूण का निर्माण होता है।

मासिक धर्म का बंद होना

  • वैसे तो मासिक धर्म के बंद होने के कई कारण हो सकते है लेकिन इसका मुख्य कारण होता है प्रेग्नेंसी।
  • प्रेग्नेंसी का मुख्य लक्षण होता है मासिक धर्म का बंद हो जाना। इसलिए यह प्रेग्नेंसी का संकेत हो सकता है।
  • इसकी सही पुष्टि करने के लिए आप प्रेग्नेंसी किट का भी उपयोग कर सकती है।

उलटी और जी मचलाने की समस्या

  • इसके प्रारंभिक लक्षणों में बहुत ही महिलाओ को जी मचलाने की समस्या होती है या फिर उलटी की परेशानी भी बनी रहती है।
  • वैसे तो उलटी और जी मचलाना गलत खानपान के कारण भी हो सकता है लेकिन यदि आपके मासिक धर्म बंद हो गए है और उसके 2 वीक बाद आपको उलटी जैसे अनुभव हो रहा है तो यह आपकी प्रेग्नेंसी के संकेत होते है।

मुँह के स्वाद में परिवर्तन

  • बहुत से महिलाओ के मुँह का स्वाद भी बदल जाता है। आप जो कुछ भी खाते है उसका टेस्ट या तो कड़वा लगता है या फिर कोई स्वाद नहीं लगता है।
  • यह भी प्रेग्नेंसी का ही लक्षण होता है।
  • कुछ महिलाओ को प्रारंभिक सप्ताह में खट्टा खाने का भी मन करने लगता है।

बार बार बाथरूम की समस्या

  • प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई हार्मोन्स में परिवर्तन होता है जिसके कारण मूत्राशय में जल्दी पेशाब भरने लगता है और आपको बार बार बाथरूम जाना पड़ता है।
  • यह समस्या भी आपको प्रेग्नेंसी के पहले सप्ताह में देखने को मिल सकती है।

व्यवहार में परिवर्तन

  • प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के व्यव्हार में भी परिवर्तन आता है। उसका स्वाभाव चिड़चिड़ा हो जाता है।
  • छोटी छोटी बातों पर गुस्सा आता है। साथ ही तनाव की स्थिति बनी रहती है और शरीर में थकान भी महसूस होती है।

सिर में दर्द होना

  • प्रेग्नेंसी के शुरुआती वीक में सर में दर्द की समस्या भी बहुत आम होती है। यह हार्मोन्स में आये परिवर्तन के कारण होता है।
  • जो की आपकी प्रेग्नेंसी का संकेत माना जाता है।
  • यदि आपको सर दर्द की समस्या लम्बे समय तक बनी हुयी है तो अपने डॉक्टर को ज़रूर दिखाए।

पेट से जुड़ी समस्याएं

  • प्रेग्नेंसी के शुरुआती वीक में आपको पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती है जैसे की कब्ज की शिकायत होना, गैस बनना, सीने में जलन, अपच आदि। प्रेग्नेंसी के दौरान पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है।
  • जिसके कारण यह समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।

उपरोक्त लक्षणों के अतिरिक्त शुरुआती सप्ताह में पैरों में सूजन भी आ जाती है। महिला के स्तनों में भी परिवर्तन आने लगता है। साथ ही पीठ दर्द की समस्या भी हो सकती है। महिला को साँस लेने में भारीपन महसूस होने लगता है। ऐठन और पेट में मरोड़ होना भी सामान्य होता है। उपरोक्त लक्षणों के दिखने पर आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि वह आपको सही राय दे सके।

प्रेग्नेंसी के पहले वीक में ध्यान रखने योग्य सावधानियां

प्रेग्नेंसी के शुरुआती तीन महीनों में महिला को बहुत ही सावधानी बरतने की जरुरत होती है नहीं तो गर्भपात की समस्या भी आ सकती है।

  • इसके लिए महिला को कोई भी भारी वजन नहीं उठाना चाहिए साथ ही अपने चलने में भी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।
  • महिला को खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए यह महिला और उसके होने वाले बच्चे दोनों के लिए बहुत जरूरी होता है।
  • न ज्यादा ठंडा खाना खाना चाहिए और न ही ज्यादा गरम खाना खाना चाहिए। साथ ही फ्रीज में रखी हुई चीजों को डायरेक्ट नहीं खाना चाहिए। उसे तभी खाना चाहिए जब वह सामान्य अवस्था में आ जाये।
  • ज्यादा से ज्यादा ताजे फलों और हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। ऐसे आहार लेने चाहिए जिनमे विटामिन और प्रोटीन हो।
  • प्रोसेस्ड फ़ूड का उपयोग बिलकुल भी नहीं करना चाहिए यह आपके और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक होता है।
  • बाहर की चीजों को भी नहीं खाना चाहिए जितना हो सके घर का खाना ही खाये।
  • प्रेग्नेंसी के बारे में जानकारी होने पर अपने डॉक्टर से सलाह ले और उनके नियमो का पालन करे। साथ ही आयरन और कैल्सियम की टेबलेट भी खाये जो आपको डॉक्टर के द्वारा दी जाती है।
  • यदि आपको ध्रूमपान और शराब की आदत है तो उसे छोड़ दे। यह भी आपके और बच्चे दोनों के लिए घातक होता है।उपरोक्त लक्षणों के अतिरिक्त यदि आप अपनी प्रेग्नेंसी का पता करना चाहती है तो बाजार में मिलने वाले प्रेग्नेंसी किट का भी इस्तेमाल कर सकती है। यह बहुत ही आसान प्रक्रिया होती है और आपको आपके प्रेग्नेंसी की सही जानकारी भी मिल जाती है।

नोट – गर्भवती होने पर अपना विशेष रूप से ध्यान रखे ताकि आप अपने स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दे सके और आप भी स्वस्थ्य रह सके। उपरोक्त सावधानियों को याद रखे और उसे फॉलो करे साथ ही अपने डॉक्टर की राय को भी माने।

 

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