ज्योतिष अनुसार भगवान सूर्य को पिता का कारक और मंगल को रक्त का कारक माना जाता है। और जब भी किसी की कुंडली में सूर्य और मंगल के पाप का प्रभाव हो, तो इससे पितृदोष का निर्माण होता है।
जब भी हम अपने कुल के पितृ देवी और देवता की पूजा नहीं करते, या फिर उन्हें सम्मान नहीं देते| इसके अलावा यदि किसी भी शुभ कार्यो अपने कुल देवी और देवता को याद नहीं करते है। तो वे हमसे नाराज़ हो जाते है।
और यही वजह है की हमें पितृदोष का सामना करना पड़ता है। इस पितृदोष के चलते परिवार में सुख-शांति नहीं रहती| साथ ही आर्थिक समस्या होना शुरू हो जाती है|
जो भी हमारे पितृ है वह सिर्फ मान सम्मान चाहते है। हम सब को कभी भी नहीं भूलना चाहिए। और उन्हें पूर्ण श्रद्धा के साथ पूजते रहना चाहिए। आज हम आपको बता रहे है Pitra Dosh Nivaran करने के तरीके|
Pitra Dosh Nivaran – पितृ दोष से मुक्ति कैसे पाए?
जिस किसी भी व्यक्ति के कुंडली में पितृदोष होता है। उस व्यक्ति को इसके निवारण करना होता है और इसके लिए श्राद्ध पक्ष का समय बहुत ही विशेष होता है। क्योंकि इन 16 दिनों में पितृदोष का निवारण करने से शीघ्र पितृदोष से मुक्ति मिल जाती है।
पितृदोष निवारण के उपाय
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मांगलिक कार्य के दौरान पितरो को याद करे
जब भी आपके घर में किसी प्रकार का शुभ कार्य, मांगलिक कार्य और पूजा हवन हो रहा हो तो आप लोगो अपने पितर को याद करे और पूर्ण आदर सम्मान से उनका भी पूजन करे। क्योंकि आपके पितर आपके स्नेह के भूखे होते है।
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भगवान से उनकी गलती की क्षमा मांगे
जब भी आप अपने घरो में पूजा करते है तो बाद में भगवान से अपने ज्ञात और अज्ञात पितरो के हित के लिए कामना करे। साथ ही यदि अपने पितरो से कोई भी भूल चूक या फिर उनसे कोई भी अपराध हुआ हो तो उसकी भगवान से क्षमा मांग ले।
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ब्राह्मण को तिल दान में दे
इस दोष से मुक्ति पाने के लिए आप लोग विद्वान ब्राह्मण को एक मुट्ठी काली तिल का दान भी दे सकते है| इससे भी पितर खुश हो जाते है।
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पीपल के पेड़ के नीचे सरसों का दिया जलाये
हर दिन नित नियम से शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल से दीपक अपने पितरो के नाम से जलाए और उनसे अपने लिए आशीष मांगे। मगर याद रखे कि रविवार के दिन दीपक न जलाए। क्योंकि रविवार के दिन पीपल की पूजा नहीं होती है।
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गौ माता को पांच फल खिलाये
अमावस्या के दिन गौ माता को पांच फल या फिर चारा खिला सकते है। ऐसा करने से भी आपके पितृ खुश हो जाएंगे।
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पवित्र नदी में तिल अर्पण करे
अगर कोई व्यक्ति गरीब है। या फिर उस इंसान के पास धन की कमी होने के कारण वह उपाय करने में समर्थ नहीं है। तो वह इंसान किसी पवित्र नदी के जल में काला तिल डालकर अर्पण कर दे।
इस उपाय को करने से भी उस इंसान के पितर खुश हो जाएंगे और उसके दोष भी कम हो जाएंगे।
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हलवा और खीर का भोग
अमावस्या के दिन अपने पितरों को हलवा और खीर का भोग लगाए।
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स्वर्गीय पूर्वजों की तस्वीर पर माला चढ़ाये
जिस भी व्यकित की कुंडली में पितृ दोष बन रहा हो उस जातक को अपने घर में दक्षिण दिशा पर अपने स्वर्गीय पूर्वजों की तस्वीर पर माला चढ़ाकर उनकी नित नियम से रोज़ाना पूजा अर्चना और उनकी स्तुति करना चाहिए। अपने पितरों के आशीर्वाद मिलने पर पितृदोष से मुक्ति मिलने लगती है|
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बबूल के पेड़ पर भोजन समर्पित करे
अमावस्या वाले दिन आप लोग किसी बबूल के पेड़ पर शाम की समय में अपने पितरो को भोजन समर्पित करते हुए रखे।
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शिवलिंग पर नियमित जल चढ़ाये
जो भी इंसान पितृदोष से पीड़ित है। उस इंसान को रोज़ाना भगवान शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद महामृत्यूंजय मंत्र का जाप,नाग स्तोत्र, रुद्र सूक्त या पितृ स्तोत्र व नवग्रह स्तोत्र करना चाहिए। ऐसा करने से उस इंसान के पितृदोष कम होते है।