हिन्दी पंचांग के सभी बारह महीनों में श्रावण मास का एक विशेष महत्व माना जाता है। यह महीना शिवजी की भक्ति का महीना होता है। इसे सावन माह भी कहा जाता है।
लोगों की मान्यता है कि इस माह में जो लोग शिवजी की पूजा करते हैं उनके सारे दुख दूर हो जाते हैं। कार्यों में आ रही बाधाएं खत्म हो जाती हैं, साथ ही देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। इसी कारण से देशभर के सभी शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है।
सावन का महीना भक्ति का महीना होता है। जिसके चलते कुछ ऐसे काम शास्त्रों में बताए गए हैं जो हमें इस माह में भूलकर भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि जो लोग ये काम करते हैं, उन्हें शिवजी की कृपा प्राप्त नहीं हो पाती है और परेशानियां बनी रहती हैं। आइये जानते है Shravan Maas में कौन से ऐसे काम है जिन्हे नहीं करना चाहिए –
Shravan Maas: ये काम ना करें भोलेनाथ होंगे प्रसन्न
शिव को न चढ़ाये हल्दी
सावन के महीने पर अगर आप शिव जी की पूजा कर रहे है तो ध्यान रहे कि शिवलिंग पर हल्दी न चढ़ाये। हल्दी स्त्री से सम्बंधित वस्तु है इसलिए ये जलधारी पर चढ़ानी चाहिए। जबकि शिवलिंग पुरुष तत्व से सम्बंधित है जो शिव का प्रतिक है। इसी के कारण उन पर हल्दी नहीं चढ़ती है। जबकि जलाधारी स्त्री तत्व से संबंधित है और ये माता पार्वती का प्रतीक माना जाता है।
किसी का अपमान ना करें
अगर आप श्रावण मास में भगवान् शिव की विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते है तो इस बात का ध्यान रखें कि बुजुर्ग व्यक्ति, भाई-बहन, गुरु, माता-पिता, जीवन साथी, ज्ञानी और मित्र लोगों का अपमान बिलकुल ना करें। इस बात का पालन शिवजी के माह में अवश्य करना चाहिए, अन्यथा शिवजी की कृपा प्राप्त नहीं हो पाती है। हर स्थिति में ये सभी लोग सम्मान के पात्र हैं, हमेशा इनका सम्मान करना चाहिए।
दूध के सेवन से बचें
श्रवण माह में दूध के सेवन से बचना चाहिए। यही बात बताने के लिए सावन में भगवान् शिव को दूध चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई होगी। वैज्ञानिको के मुताबिक इस दिनों दूध वात को बढ़ाता है। अगर आप दूध का सेवन करना चाहते है तो उसे ज्यादा उबालकर कर ही करे।ध्यान रहे की कच्चा दूध का उपयोग ना करे। चाहे तो दूध का दही बनाकर इसका सेवन आप कर सकते है। परन्तु भाद्र मास के समय दही न खाये, क्योंकि भाद्र मास में दही हानिकारक होती है।
हरी पत्तेदार सब्जियां न खाये
हरी पत्तेदार सब्जियां भी सावन में नहीं खानी चाहिए, क्योंकि सावन के महीने में वात बढ़ाने वाले तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है। इसी कारण से सावन में साग खाना वर्जित माना गया है। अन्य कारण यह भी है कि इन दिनों कीट पतंगों की संख्या अधिक हो जाती है और साग के साथ घास-फूस भी उग आते हैं जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। इसलिए भी साग खाने को सावन में मना किया गया है।
बैंगन खाना वर्जित
Shravan Maas में बैंगन खाना वर्जित माना गया है। इसके पीछे का धार्मिक कारन यह है कि शास्त्रों में इसे अशुद्ध माना गया है इसलिए सावन में इसे नहीं खाया जाता है। अगर वैज्ञानिक तर्क को देखें तो इस महीने में बेंगन में कीड़े ज्यादा मात्रा में लगते है। जिससे स्वास्थ्य खराब हो सकता है, इसलिए सावन में बेंगन नहीं खाना चाहिए।
क्रोध ना करें
क्रोध हमारी सोचने-समझने की शक्ति और मन की एकाग्रता समाप्त करता है। साथ ही ऐसे में लिए गए फैसलों से नुकसान ही होता हैं। ये एक तरह की बुराई है और इससे बचना चाहिए। खुद को शांत रखना शिवजी की कृपा पाने के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि क्रोध करने से मन अशांत हो जाता है और ऐसे में अशांत भाव से पूजा नहीं की जा सकती है।
पति-पत्नी के ध्यान रखने योग्य बाते
पति-पत्नी के बीच वाद-विवाद अधिकतर परिवारों में होता है। उनके बीच छोटी-छोटी लड़ाइयां अक्सर होती रहती हैं। ये आम बात है, परन्तु जब छोटी-छोटी बातें बढ़ जाती हैं तो पूरा घर अशांत हो जाता है। सावन माह में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि आपके घर में किसी तरह का क्लेश ना हो।
माना जाता है कि जिन घरों में क्लेश होता है, अशांति रहती है, वहां देवी-देवताओं का वास नहीं होता। यदि शिवजी की कृपा सावन माह में चाहते हैं तो घर में प्रेम बनाए रखें और एक-दूसरे की गलतियों को भूलकर आगे बढ़ने का प्रयत्न करे। यदि घर में शांति होगी तो जीवन भी सुख दायक रहेगा। प्रसन्न मन से पूजा करेंगे तो मनोकामनाएं भी पूर्ण होंगी।
मांसाहार ना करें
इस महीने में मांसाहार खाने से बचना चाहिए, क्योंकि जीव हत्या पाप होता है। सावन में वर्षा ऋतु रहती है। बारिश के चलते हमारी पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। मांसाहार खाना पचाने के लिए पाचन तंत्र का मजबूत होना आवश्यक है, इसलिए अगर मांसाहार खाना ठीक तरीके से नहीं पचा तो कई तरह की बीमारियां भी हो सकती है, इसलिए इस समय इसे खाने से जितना हो सके बचे।
सुबह देर तक ना सोयें
सुबह-सुबह का समय पूजा के लिए सबसे अच्छा रहता है यदि आप शिवजी की कृपा पाने की इच्छा रखते हैं तो सुबह बिस्तर से जल्दी उठना चाहिए। जल्दी उठे उसके बाद स्नान आदि कार्यों के बाद शिवजी की पूजा अर्चना करें। सुबह के समय मन शांत रहता है जिसकी वजह से पूजा पूरी एकाग्रता से कर पाते है। एकाग्रता से की गई पूजा जल्दी शुभ फल प्रदान करती है।
बुरे विचारों को दूर रखें
किसी भी प्रकार के बुरे विचार से इस माह में बचना चाहिए। बुरे विचार जैसे की अधार्मिक काम करने के लिए सोचना, दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए योजना बनाना, स्त्रियों के लिए गलत सोचना आदि। इस तरह के विचार मन में नहीं लाना चाहिए, अन्यथा शिवजी की अर्चना में मन नहीं लगा पाएंगे। आपका मन व्यर्थ की बातों में ही उलझा रहेगा।
नंदी महाराज को न मारे
यदि आपके घर के दरवाजे पर नन्दी महाराज आ जाये तो उसे मारना नहीं चाहिए, क्योंकि सांड को मारना भगवान् शिव की सवारी नंदी का अपमान माना जाता है।