50 वर्ष बाद सावन में इस बार विशेष संयोग – भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न

भगवान शिवजी का प्रिय माह सावन 10 जुलाई से शुरू होने जा रहा जा रहा है। जो कि इस बार बहुत ही खास होगा, क्योंकि इस बार Sawan Month 2017 में कई विशेष संयोग बन रहे है। आपको बता दें कि इस बार सावन माह में 5 सोमवार पड़ेंगे। जिसे ज्योतिषियों द्वारा विशिष्ट अवसर माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि सावन में इस तरह के संयोग 50 साल बाद बने हैं।

ज्योतिषियों के अनुसार, इसके अलावा एक ओर दुर्लभ संयोग यह है कि इस साल रक्षाबंधन पर चंद्र ग्रहण रहेगा। 10 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग से सावन की शुरुआत होगी। वहीं इसका समापन भी सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग और चंद्र ग्रहण के साथ होगा। 24 जुलाई को पुष्य नक्षत्र होगा।

Shravan Somvar: विशिष्ट संयोग लेकर आ रहा है 

Shravan Somvar

सर्वार्थ सिद्धि योग

सर्वार्थ सिद्धि योग का समय बहुत ही शुभ माना जाता है। सर्वार्थ सिद्धि योग अर्थात अपने आप में सिद्ध। कहा जाता है कि इस दिन की गई पूजा या हवन-यज्ञ का महत्व बहुत अधिक होता है।

इस बार सावन माह में पांच सोमवार हैं। ऐसे खास संयोग कई वर्षों के बाद ही बनते है। इन पांचो सोमवार को व्रत और पूजा करने से आप शिव जी का विशेष आशीर्वाद प्रपात कर सकते है। ये पवित्र माह सोमवार से ही शुरू होगा और सोमवार को ही समाप्त होगा।

यह सावन जो शुभ नक्षत्र और संयोग से सजा है 10 जुलाई सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग, उत्तरा आषाढ़ नक्षत्र से शुरू होकर 7 अगस्त राखी तक चलेगा।

पहला Shravan Somvar 10 जुलाई को , 17 जुलाई को दूसरा सोमवार 24 जुलाई को तीसरा सोमवार, 31 जुलाई को चौथा सोमवार और 7 अगस्त को पांचवां सोमवार रहेगा जिसमें 24 जुलाई तीसरे सोमवार को पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग भी बन रहा है।

7 अगस्त रक्षाबंधन पर होगा समापन

सावन माह की समाप्ति 7 अगस्त रक्षाबंधन को चंद्र ग्रहण के साथ होगी। इस बार बने विशेष योग से सावन शुभकारी रहेगा। भगवान शिव को इस माह बेलपत्री चढ़ाने से वे प्रसन होते है। श्रावण मास में व्रत रखना सबसे श्रेष्ठ माना गया है। यह पाप को मिटाने वाला और मनोकामना की पूर्ति  करने वाला माह है।

श्रावण मास के सभी सोमवार को भगवान शिव-पार्वती के लिए व्रत रखकर शिवजी की बेलपत्र, दही, दूध, पुष्प,चावल, गंगाजल सहित पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। सावन के प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव के लिए व्रत और उनकी पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।

5 अंक है कुछ खास

ज्योतिषियों की माने तो हिंदु धार्मिक व सांस्कृतिक विचारों में 5 अंक का विशेष महत्व होता है। मसलन पंच भूत, पंच इंद्रीय, पंच कर्म और पंचांग भी पांच योग से मिलकर बनता है। देखा जाये तो हमारे शरीर में भी पांच इन्द्रिया होती है। यहाँ तक की हाथ और पैरों में 5-5 उंगलियां होती है। अगर देखा जाये तो करीब करीब हर अहम् चीज में 5 अंक जुड़ा होता है।

देश के प्रतिष्ठित मंदिरों में विशेष तैयारी

इन विशेष संयोगों को देखते हुए आशा की जा रही है कि इस बार देश में Shravan Somvar के अवसर पर शिवालयों में श्रद्धालुओं की भरी भीड़ देखने को मिलेगी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित विश्वनाथ मंदिर, झारखण्ड के देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम, उज्जैन के महाकाल मंदिर, रांची के पहाड़ी मंदिर, बाबा गरीबनाथ मंदिर, बिहार के हरिहरनाथ मंदिर, सोमेश्वर मंदिर, गुजरात के सोमनाथ मंदिर, उत्तरखंड के केदारनाथ मंदिर, गुप्तधाम मंदिर सहित देश के सभी प्रतिष्ठित शिव मंदिरो में सावन की विशेष तैयारियां शुरू हो चुकी है।

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