हर महिला के लिए माँ बनना एक सुखद अनुभव होता है। साथ ही जब माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ रहे तो खुशी में चार चाँद लग जाते है। इसके लिए ज़रुरी है की जब कभी आप माँ बनने की प्लानिंग कर रहे है तो कुछ टेस्ट करवा ले।
यदि महिला हर तरह से स्वस्थ है तो गर्भधारण करने या डिलीवरी के समय परेशानियां भी कम होती है। वही यदि माँ को किसी तरह की समस्या है तो इस प्रोसेस में दिक्कत भी आती है और तो और बच्चे पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।
इसलिए यह बेहद ज़रूरी है कि यदि आप माँ बनने की प्लानिंग कर रही हैं तो आप अपने आप को उस अवस्था में आएं की आपको गर्भधारण के समय किसी तरह की परेशानी ना आये।
जब आपको ये लगे की आप गर्भधारण करना चाहते हैं तो सबसे पहले डॉक्टर से मिलकर कुछ आवश्यक मेडिकल टेस्ट करवा लें क्योंकि इन टेस्ट के द्वारा ही पता चल पायेगा की आपका शरीर माँ बनने के लिए सक्षम है या नहीं। तो आइये जानते है Pregnancy Test In Hindi कौन कौन से होते हैं।
Pregnancy Test In Hindi: प्रेग्नेंट होने से पहले यह टेस्ट जरूर करवाएं
क्यों जरूरी है गर्भधारण से पूर्व टेस्ट
- गर्भधारण से पहले टेस्ट कराना महिला और बच्चे दोनों के लिए अच्छा होता है।
- इससे महिला गर्भधारण करने में कितना सक्षम है इस बात की पुष्टि हो जाती है।
- साथ ही यह भी पता चला जाता है की कोई बीमारी तो नहीं है जिसके कारण बच्चे को खतरा हो या फिर प्रसव में किसी प्रकार की समस्या आये।
- किसी समस्या के होने पर उसका निदान करना भी आसान होता है। इसलिए पहले से जाँच द्वारा इस चीज की पुष्टि करना अच्छा होता है। साथ ही माँ एक स्वस्थ शिशु को भी जन्म दे पाती है और बच्चे को माँ के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती है।
अब आइये जानते हैं कौन कौन से Medical Tests Before Getting Pregnant करवाने जरूरी होते हैं?
क्रोनिक डिजीज टेस्ट: Chronic Disease Test
- इस टेस्ट के जरिये यह पता किया जाता है की महिला डायबिटीज, अस्थमा या उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से प्रभावित तो नहीं हैं।
ब्लड टेस्ट: Blood Test
- इस टेस्ट द्वारा एनीमिया की जांच, थैलेसिमिया, प्लेटलेट्स की मात्रा आदि का टेस्ट किया जाता है। ब्लड टेस्ट के द्वारा आपके रक्त से सम्बंधित हर नकारात्मकता को जांचा जाता है।
हेपेटाइटिस बी: Hepatitis B Test
- हेपेटाइटिस बी एक ऐसा वायरस होता है जो लिवर को संक्रमित करता है। कभी-कभी वायरस दीर्घकालिक संक्रमण का कारण बनता है।
- मेडिकल विशेषज्ञों का सुझाव है कि सभी गर्भवती महिलाओं को हेपेटाइटिस बी का परीक्षण किया जाए।
- यह वायरस माँ से बच्चे में भी पास हो सकता है। लेकिन पहले से जानकारी की स्थिति में संक्रमण को रोकने के लिए आपके बच्चे को शॉट्स दिए जा सकते है।
एसडीआईएस स्क्रीनिंग टेस्ट: SDIS Screening Test
- आप किसी सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन की शिकार तो नहीं है यह देखने के लिए एसडीआईएस स्क्रीनिंग टेस्ट किये जाते है।
- इसमें हेपेटाइटिस बी, क्लमाइडिय, सिफलिस और एच आई वी की जांच की जाती है।
यूरिन का परीक्षण: Urine Test
- इस टेस्ट को करने से यूरिनरी ट्रैक्ट के संक्रमण के बारे में जानकारी मिलती है।
- इस प्रकार के संक्रमण के कारण समय से पहले होने वाले प्रसव की समस्या हो सकती है।
- साथ ही संक्रमण होने से गर्भपात होने का भी खतरा रहता है।
- यदि इस प्रकार का संक्रमण होता है तो बच्चे के वजन में भी परेशानी आती है। इसलिए यह टेस्ट कराना ज़रूरी होता है।
रूबेला: Rubella Test
- रूबेला एक प्रकार की संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है, इसके होने से कोई गंभीर समस्या नहीं होती परन्तु भ्रूण को इसके होने से हानि पहुंच सकती है।
- इस बीमारी के होने पर हल्का बुखार और शरीर पर दाने हो जाते हैं जो चेहरे से लेकर पूरे शरीर पर फैल जाते हैं। इसके इलाज के लिए महिला को वैक्सीन दिया जाता है।
- वैक्सीन देने के एक महीने तक माँ बनने के लिए रोक होती है। इसके बचाव के लिए बचपन में ही एम. एम. आर. का वैक्सीन दिया जाता है।
जेनिटल हर्पीस: Genital Herpes Test
- यह एक आम और अत्यधिक संक्रामक संक्रमण है जो आमतौर पर सेक्स के माध्यम से फैलता है।
- यह संक्रमण आमतौर पर हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस -2 (एचएसवी -2) या हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस -1 (एचएसवी -1) के कारण होता है, जो आमतौर पर ठंडे घावों के लिए जिम्मेदार वायरस होता है।
- इसके उपचार में दवाओं का इस्तेमाल होता है जिससे कि घावों को तेजी से ठीक करने और प्रकोपों को रोकने में मदद मिलती है।
ग्लूकोज टेस्ट: Glucose Test
- इस टेस्ट के द्वारा शरीर में रक्त शर्करा के स्तर के बारे में पता चलता है। रक्त शर्करा के कारण मधुमेह रोग हो सकता है। जो की शिशु के लिए भी हानिकारक हो सकता है।
- मधुमेह होने से गर्भवती महिला को ऑपरेशन में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
- इसलिए यदि आपका वजन अधिक है तो आपको इस टेस्ट को करवाना चाहिए ताकि आपकी सही परिस्थिति का पता चल सके और उसका उपचार हो सके।
थायराइड टेस्ट: Thyroid Test
- थायराइड की जांच करना भी ज़रुरी होता है। अगर थाइरॉइड हार्मोन का प्रोडक्शन ज्यादा हो तो यह स्थिति हाइपरथाईरोइडिस्म होती है।
- वहीं यदि हार्मोन का स्तर कम है तो यह डिसऑर्डर हाइपोथाईरोइडिस्म कहलाता है। दोनों ही परिस्थितियों में माँ बनने पर रोक होती है जब तक ट्रीटमेंट नहीं होता है।
अन्य जानकारी
- टेस्ट के साथ साथ खुद के स्वास्थ पर भी ध्यान देना जरूरी होता है यदि आप स्वास्थ रहते है तो आपका होने वाला शिशु भी स्वस्थ जन्म लेता है। इसलिए गर्भधारण से पहले आप अपने डॉक्टर से अपना संपूर्ण चेकअप भी करवा सकती है।
- आपको बता दे की गर्भवती महिला को आयरन, विटामिन, कैलशियम आदि की आवश्यकता होती है। इसलिए अपने आहार में ऐसे पोषक तत्वों को ज़रूर शामिल करे जिनसे यह चीजे आपको मिल सके।
- आप अपने डॉक्टर की सलाह से भी विटामिन और कैल्शियम की दवाओं का भी सेवन कर सकते है। बाजार में इनके सप्लीमेंट्स मिलते है जिन्हे आप सलाह अनुसार ले सकते है।
अपने खानपान को नियमित रखे साथ ही पौष्टिक आहार ले। अपने दैनिक क्रियाकलाप में व्यायाम और योग व ध्यान को भी शामिल करे यह बीमारियों को कम करने में मदद करती है साथ ही आपको स्वस्थ रखने में भी सहायक होती है। आप तनाव और चिंता को अपने से दूर रखे इससे भी आपको बीमारियाँ होने का खतरा रहता है और आपको गर्भावस्था में परेशानी भी आ सकती है। कुछ भी समस्या होने पर अपने डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करे। स्वस्थ्य जीवन अपनाये और एक स्वस्थ्य शिशु को जन्म दे।