मानसून गर्मी से तो राहत दिलाता है, लेकिन अपने साथ कई सारी बीमारियों का भंडार भी लेकर आता है। जैसे ही पहली बारिश होती है वैसे हीं लोगो के बीच इस प्रकार की डिसकशन शुरू हो जाती है की बारिश में ऐसा करना चाहिए या फिर ऐसा नहीं करना चाहिए।
खासकर के लोग आहार के बारे में बहुत ज्यादा बाते शेयर करते है। जैसे कुछ लोग आपको यह कहने वाले मिलेंगे की बारिश का मौसम है जमकर पकोड़े, चाट खाओ। वही कुछ कहेंगे की इसे ज्यादा खाने पर आपका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
वैसे यह बात बहुत हद तक सही भी है की मौसम के अनुरूप कुछ चीज़ो में परहेज कर के साथ ही साथ अपने आहार में थोड़ा बहुत परिवर्तन ला कर के आप खुद को बीमारियों से दूर रख सकते है।
लेकिन क्या आप जानते है इन सारे सामान्य परिवर्तनों में से कुछ परिवर्तन केवल मिथ अर्थात मिथक होते है। इन परिवर्तनों को लाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है । तो चलिए जानते है ऐसे ही कुछ Monsoon Diet Myths के बारे में।
Monsoon Diet Myths: सुनी सुनाई बातों पर ना करें यकीन, जाने मॉनसून के मिथकों को
मिथ 1: मानसून में दही नहीं खाना चाहिए
- हम सभी जानते है की दही की तासीर ठंडी होती है इसलिए बहुत से लोग ठंड और मानसून के दिनों में इसे खाना शरीर के लिए अच्छा नहीं होता है।
- और इसके साथ ही लोगो का यह कहना भी होता है की मानसून में Monsoon Food वाले आहार खा कर अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को दुरुस्त बना सकते है।
- पर हम आपको जानकारी देना चाहते है की दही में अच्छे बैक्टीरिया मौजूद होते है जो पाचन तंत्र को सुधारते है और इम्यूनिटी सिस्टम को सुचारु चलाने में मदद करते हैं।
- इसके अलावा दही मानसून में होने वाली आम समस्याएँ जैसे की पेट का संक्रमण, डायरिया और फूड प्वॉइजनिंग आदि को दूर रखने में मदद करती है। इसलिए बारिश के मौसम में दही का सेवन करना अच्छा होता है।
मिथ 2: मानसून में आइसक्रीम है सर्दी-जुकाम का कारण
- लोगो का कहना होता है की मानसून में आइसक्रीम नहीं खाना चाहिए नहीं तो आप बीमार हो जाते है।
- लेकिन हम आपको इस बात की जानकारी दे दें की खांसी और सर्दी मुख्य रूप से बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है।
- अधिकांश आइसक्रीम को पॉश्चरीकृत प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है इसलिए इसके सेवन से आपको हानि नहीं होती है।
- लेकिन हां यदि आइसक्रीम गंदी या प्रसंस्कृत अवस्था में बनी है, तो जाहिर सी बात है की इसमें मौजूद सूक्ष्म जीव संक्रमण का कारण बन सकते है।
मिथ 3: बारिश में समुद्री आहारों से दूरी बना लेनी चाहिए
- अधिकतर लोगो को आपने यह कहते सुना होगा की बारिश के दिनों में नदियों, झीलों आदि का पानी दूषित हो जाता है।
- इसी दूषित पानी में रहने के कारण मछली भी दूषित हो जाती है।
- इसलिए इन दिनों यदि आप मछली का सेवन करते है तो आपको संक्रमण होने की संभावना हो जाती है।
- किन्तु हकीकत यह है कि बारिश का मछली के सेहत कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
- इसलिए यदि आप नॉन वेजिटेरियन है और मछली खाना पसंद करते है तो बारिश के दिनों में भी आप बिंदास मछली खा सकते है।
मिथ 4: न करे Monsoon Fruits का सेवन
- ऐसा माना जाता है की बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा संक्रमण का खतरा रहता है खास कर फलों पर।
- इसलिए बारिश के मौसम में Rainy Season Fruits का सेवन नहीं करना चाहिए।
- आपको बता दे की फलों में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के गुण मौजूद होते है।
- हमारी प्रकृति ने हर मौसम से अनुसार फलों को बनाया है इसलिए हम Rainy Season Food का मजा बारिश में नहीं लेंगे तो कब लेंगे।
- सिर्फ इस बात का ध्यान रखे की जब भी आप फलों का सेवन करे तो उसे अच्छी तरह से धो कर खाये और कटे हुए व बासी फल ना खरीदे।
मिथ 5 : चिकन सूप पीने से सर्दी जल्दी ठीक हो जाती है।
- बारिश के दौरान शरीर को गर्म पदार्थों की आवश्यकता होती है। चिकन सूप शरीर को गर्मी प्रदान करता है।
- यदि गले में खराश है तो सूप पीने से गले को राहत मिलती है।
- लेकिन आपको बता दे की बारिश के मौसम में सूप जैसे तरल पदार्थ और पौष्टिक आहार भी सर्दी को ठीक करने में मदद करते है
- साथ ही अदरक की चाय पीने से भी ठंड को कम किया जा सकता है।
खाने को लेकर जो मिथ है इसके आलावा भी लोगो ने बारिश के मौसम में कुछ चीजे नहीं करने को कहा है जैसे –
बारिश में भीगने से बीमार पड़ जाते है-
- यदि आप थोड़ा सा भीगते है और फिर नार्मल टेम्परेचर में आ जाते है तो ऐसा करने से सर्द गर्म की समस्या के कारण ही लोग बीमार पड़ते है इसलिए आप बारिश का पूरी तरह से मजा लीजिये ।
- पूरा भीगने के बाद यदि आप अपना टेम्पेरेचर मेंटेन रखते है तो आप बारिश में कभी भी बीमार नहीं पड़ेंगे।
बारिश में स्वमिंग न करे –
- यह सही है की कई स्वमिंग इंस्टीटियूट बारिश के मौसम में बंद रहते है ।
- ऐसा नहीं है की बारिश के मौसम में स्वमिंग नहीं कर सकते है ।
- स्वमिंग इंस्टीटियूट बारिश के मौसम में इसलिए बंद रहते है क्योंकि बारिश का पानी पूल के अच्छे पनी में मिल जाने के कारण गन्दा हो जाता है जिस कारण उसमे स्वमिंग करना हानिकारक होता है।
बारिश के पानी से बचे –
- ऐसा कहा जाता है की जो बारिश का पानी होता है वह शरीर की स्वच्छ त्वचा पर नहीं पड़ना चाहिए। नहीं तो स्किन की समस्याएं हो जाती है ।
- आज कल के अत्यधिक प्रदूषण के कारण यह बात सही भी है लेकिन बारिश के ठहरे हुए पानी से भी इस प्रकार की समस्याएं होती है । बारिश का पानी तो स्किन की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
उपरोक्त मिथ कुछ हद तक सही हैं पर यह पूर्ण रूप से सही नहीं है इसलिए इन पर पूर्ण रूप से अमल करना भी सही नहीं होगा । हर व्यक्ति का शरीर अलग अलग होता है जिसके कारण कौन सी चीजे किस मौसम में सूट करेंगी यह तय करना कठिन होता है। आप भी इन तथ्यों को समझे और बारिश का भरपूर आनंद ले । साथ ही यह जानकारी अपने परिवारवालों और मित्रों को ज़रुर बताये ताकि वह भी आपके साथ बारिश का भरपूर आनंद उठा सके।