महिलाओंं में ओवुलेशन की यह प्रक्रिया एक सामान्य प्रक्रिया मानी जाती है। इस प्रक्रिया में मैच्योर फीमेल एग ओवरी से बाहर निकल जाते है और इस पूरी क्रिया को ओवुलेशन या डिम्बोत्सर्जन कहा जाता है।
ओवुलेशन की यह क्रिया महिलाओंं के मासिक चक्र के समान हर महीने होती है। जिन महिलाओंं के पीरियड्स नियमित और बराबर अंतराल से आते है उनके ओवुलेशन की क्रिया के बारे में पता लगाना काफी आसान हो जाता है।
महिलाओंं के मासिक धर्म का समय 14 से 28 दिनों का होता है जबकि ओवुलेशन का समय 10 से 19 दिनों के बीच का होता है। गर्भधारण के लिए Ovulation Period काफी बेहतर समय होता है। इससे प्रेग्नेंट होने के चांसेज़ बढ़ जाते है।
इस लेख में हम महिलाओंं के लिए ओवुलेशन कैलेंडर के बारे में बताने जा रहे है। जिससे आप आसानी से अपना ओवुलेशन समय कैलकुलेट कर पाएंगे। पढ़े इस लेख में Ovulation Period kab Hota Hai.
Ovulation Period kab Hota Hai: जाने ओवुलेशन और अवधि चक्र से जुड़ी जानकारियां
पीरियड्स से कैलक्युलेशन करें
- जिन महिलाओंं के पीरियड्स रेगुलर होते है उनके लिए ओवुलेशन के पीरियड को कैलकुलेट करना काफी आसान हो जाता है।
- इसके लिए महिलाओं को अपने पिछले पीरियड्स के फर्स्ट डे की डेट को याद रखना होता है।
- अगर आपको डेट याद न हो तो आपको उस डेट को नोट कर लेना चाहिए।
- नियमित रूप से जिन महिलाओंं के पीरियड्स आते है तो उनकी ओवुलेशन प्रक्रिया दो हफ्ते बाद शुरू हो जाती है।
- मतलब की अगर आपका मासिक धर्म पूरे 28 डेज का होता है तो आपको 12वें और 16वें दिन ओवुलेशन प्रक्रिया होने की संभावना रहती है।
- जिन महिलाओंं के मासिक धर्म रेगुलर नहीं होते है उन महिलाओंं का ओवुलेशन पीरियड भी अनिश्चित होता है।
- सामान्य तौर पर Ovulation Calculator में इसी तरह से कैलकुलेशन होती है।
अपना फर्टाइल समय जाने
- अगर आपकी बॉडी आपको कुछ साइन दे आपके पीरियड्स के 12वें से 16वें दिन के बीच तो हो सकता है की आप फर्टाइल फेज में हो।
- अगर आप गर्भवती होती है तो इस वजह से आपकी बॉडी का टेम्परेचर बढ़ जाता है।
- आपकी बॉडी में ओवुलेशन की प्रतिक्रिया स्टार्ट होने के पहले बेसल तापमान कम हो जाता है।
- इसके बाद आप जैसे ही ओवुलेट करती है आपकी बॉडी का टेम्परेचर बढ़ जाता है।
- आपको सामान्य रखने के लिए ओवुलेशन के समय होने वाले सभी परिवर्तनों को ध्यान रखना चाहिए।
- जिससे आप अपने गर्भावस्था की स्थिति को सही तरीके से समझ पाएंगे।
सर्वाइकल म्यूकस परिवतर्न होता है
- आपको अपने सर्वाइकल म्यूकस का भी अच्छी तरह चेकअप करवाना चाहिए।
- जैसे ही आपकी बॉडी में ओवुलेशन की प्रक्रिया होती है तो गर्भाशय से सर्विक्स (cervix) निकलता है।
- जब आपकी बॉडी में यह ओवुलेशन क्रिया होना शुरू हो जाती है तब यह ज्यादा गाढ़ा, चिपचिपा और सफ़ेद रंग का हो जाता है।
- महिलाएं शरीर से निकलने वाले इन गाढ़े म्यूकस से अपनी गर्भावस्था की जांच कर सकती है।
- ओवुलेशन की प्रतिक्रिया के दौरान सेक्स की इच्छा ज्यादा बढ़ जाती है।
- यह फर्टाइल फेज होता जिस में सेक्स की इच्छा काफी प्रबल हो जाती है।
- अगर आपको पता चल जाता है की ओवुलेशन प्रक्रिया शुरू हो गयी है तो आप प्रेडिक्टर किट से इसकी जांच कर सकते है।
प्रेडिक्टर किट
- यह एक ऐसी किट है जो आपको ओवुलेशन होने वाली प्रक्रिया की जांच कर के बताती है की यह क्रिया स्टार्ट हुई है या नहीं।
- आप इस किट को आसानी से किसी भी मेडिकल शॉप से खरीद सकते है।
- आपको इस किट को खरीदने के लिए किसी भी प्रकार के प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत नहीं होती है।
- इस ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट को प्रेगनेंसी डिटेक्शन किट के नाम से भी जाना जाता है।
- इस किट के परिणाम काफी हद तक सही होते है कई लोग सिर्फ इस प्रेडिक्टर किट के परिणामों को हीं सही बताते है।
- यह टूल यूरीन में ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन की जाँच करता है जिससे की महिलाएं आसानी से यह पता लगा सकती है की ओवुलेशन हुआ है की नही।
- इसकी मदद से आप ओवुलेशन का पता 12 से 24 घंटो के बीच में लगा सकते है।
- यह किट आपके लिए एक बहुत अच्छा Ovulation Tracker साबित होता है।
ओवुलेशन के दौरान स्वस्थ रहने के लिए क्या करे
जंक फूड से दूरी बनाए
- आपको ओवुलेशन के दौरान जंक फूड, पैक्ड फूड और फ़ास्ट फूड नहीं खाना चाहिए।
- क्योंकि जंक फूड में ट्रांसफैट होता है जो की बॉडी के लिए काफी हानिकारक होता है।
- एक शोध में यह पाया गया है की ओवुलेशन के दौरान अगर जंक फूड का सेवन किया जाए तो पॉली सिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम होने की संभावना हो जाती है।
- जिसके परिणाम के रूप में महिला बाँझ भी हो सकती है।
एक्सरसाइज जरूर करें
- बॉडी में हार्मोन्स को बैलेंस करने के लिए आपको एक्सरसाइज जरूरी करनी चाहिए।
- बॉडी में ओवुलेशन की प्रक्रिया पूरी तरह से हार्मोन्स पर निर्भर करती है।
- एक्सरसाइज करने से ओवुलेशन के दौरान प्रेग्नेंट होना आसान हो जाता है।
स्प्राउट का सेवन करें
- अगर आपको अपने बॉडी में ओवुलेशन की प्रक्रिया को नियमित करना है तो इसके लिए प्रोटीन का सेवन काफी ज़रूरी होता है।
- आपको प्रोटीन भरपूर मात्रा में स्प्राउट से मिल सकता है।
- यह महिलाओंं में मासिक धर्म की प्रक्रिया को भी नियमित करने में मदद करता है।
- साथ ही अगर बॉडी में एक सही मात्रा में प्रोटीन होता है तो यह महिलाओंं को प्रेग्नेंट होने में भी मदद करता है।
कैफीन से दूर रहे
- ओवुलेशन के दौरान कैफीन की मात्रा कम रखे।
- जहाँ तक हो सके कैफीन से दूरी बनाए।
- कैफीन ज्यादा मात्रा में कॉफ़ी या चाय के माध्यम से ही लिया जाता है।
- इस वजह से महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है।
इस लेख में आज हमने आपको बताया की किस तरह से अपने ओवुलेशन की कैलकुलेशन कर सकते है और साथ ही यह बताया की आपको ओवुलेशन के दौरान स्वस्थ रहने के लिए क्या करना चाहिए। आप भी ऊपर दिए लेख के अनुसार अपने ओवुलेशन को ट्रैक कर सकते है।