कथा: क्यों चढ़ाया जाता है हनुमान जी को सिंदूर

हिन्दू धर्म में सिंदूर को सुख और सम्पन्नता का प्रतिक माना जाता है। इसे महिलाओं के लिए सुहाग का प्रतीक भी माना जाता है। पूजा अर्चना करने के लिए हम भगवान को पुष्प, फल-फूल, प्रसाद आदि चढ़ाते है। लेकिन क्या आप जानते है कि एक भगवान् ऐसे है जिनको इन वस्तुओं के अलावा कुछ और भी चढ़ाया जाता है, अन्यथा उनकी आराधना पूर्ण नहीं मानी जाती। जी हाँ, हनुमान जी को अगर आपने सिंदूर नहीं चढ़ाया तो आपकी पूजा अपूर्ण रहेगी।

Hanuman ji ko Sindoor: जानिए क्या है सिंदूर की कथा

हनुमान जी को आखिर सिंदूर इतना प्रिय क्यों है। इसके पीछे रामायण जी में एक कथा प्रचलित है। इस कथा के अनुसार, एक बार जगजननी सीता माता मांग में सिंदूर लगा रही थी। तभी श्री हनुमान जी ने उनसे आश्चर्यपूर्वक पूछा कि माता यह लाल द्रव्य आपने मस्तक पर क्यों लगाया है? ब्रह्मचारी हनुमान की इस बात पर मुस्कुराते हुए सीता जी ने कहा कि पुत्र सिंदूर लगाने से मेरे स्वामी की दीर्घायु होते है और वह मुझ पर सदा प्रसन्न रहते हैं।

हनुमान जी ने लगाया सिंदूर

यह बात तो आप भी जानते है कि हनुमान जी प्रभु श्री राम के परम भक्त है। माता सीता की सिंदूर वाली बात सुनकर हनुमान जी अति प्रसन्न हुए और विचार किया कि जब उंगली भर सिंदूर लगाने से आयुष्य वृद्धि होती है तो फिर क्यों न सारे शरीर पर इसे लगाकर  अपने स्वामी को अजर-अमर कर दूं और सदा उनकी प्रसन्नता का पत्र बना रहू।

फिर क्या था हनुमान जी अपने पुरे शरीर पर सिंदूर लगाकर प्रभु राम जी की सभा में पहुंच गए। हनुमान जी को इस स्थिति में देख वहां मौजूद हर व्यक्ति हंसने लगा। यहाँ तक की भगवान राम भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए, लेकिन प्रभु हनुमान जी से अति प्रसन्न भी हुए। जब राम जी ने हनुमान जी से पूछा कि तुमने ऐसा क्यों किया, तो हनुमान जी ने बड़े ही आदर-भाव से कहा, प्रभु जब माता चुटकी भर सिंदूर लगाती है तो वो आपको प्रिय है और आप उनसे प्रसन्न होते है।

इसलिए मैंने अपने पुरे शरीर पर सिंदूर लगाया है ताकि मै सदैव आपका प्रिय बनकर रह सकू। हनुमान जी इन बातों को सुन सभा में मौजूद हर व्यक्ति उनकी भक्ति भावना को देखकर आश्चर्यचकित रह गया। बस इसी के बाद से हनुमान जी की इस स्वामी-भक्ति की स्मृति में उनके शरीर पर सिंदूर चढ़ाया जाने लगा।

हनुमान चालीसा में भी उल्लिखित है कि राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा। इस बात से तो यही सिद्ध होता है कि हनुमान जी जीवनदायिनी बूटी के समान हैं। जिनकी उपासना से शारीरिक रूप से निर्बल भक्त में भी ऊर्जा का संचार होता है और वह स्वस्थ रहता है।

सिंदूर एक रसायन

सिंदूर रसायन की भाषा में ‘लेड आॅक्साइड’गर्मी में ‘आॅक्सीजन’ देता है। हम जानते है कि भारत देश एक गर्म देश है। मंदिरों में जहां सिंदूर चढ़ाया जाता है। उसके आसपास के वातावरण में आक्सीजन बहुतायात मात्रा में होती है। जिसके कारण से स्फूर्ति आती है और वह स्वास्थ्य रहता है।

Hanuman ji ko kaise khush Kare: ये उपाय आजमाएं

  • यदि शनि के दोषो से मुक्ति पाना चाहते है तो हनुमान जी को शनिवार वाले दिन चोला चढ़ाये।
  • हनुमान जी के दाएं पैर का टीका ले ले और इसे अपने माथे पर लगाए।
  • सरसो का तेल और सिंदूर का टीका घर के मुख्य द्वार पर लगाने से कोई बुरी शक्ति घर में नहीं आ सकती है। इसके अलावा वास्तु दोष भी दूर हो जाता है, घर में लक्ष्मी का वास होता है और साथ ही शनि के प्रकोप से बचा जा सकता है।
  • हनुमान जी के चरणों के सिंदूर मंगलवार को ले और इससे सफ़ेद कागज पर स्वस्तिक बना ले। ध्यान रहे कागज मुड़ना नहीं चाहिए। इस कागज को हमेशा अपने पास रखे। नियमित रूप से इसे प्रणाम करे। इसे करने से नौकरी से सम्बंधित समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।
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