Gum Disease In Hindi: मसूड़ों में तकलीफ़ बन सकती है कई अन्य रोगों का कारण

मसूड़ों की बीमारी एक आम समस्या है। मसूड़ों का कमजोर पड़ना, मसूड़ों में सूजन, मुंह से लगातार दुर्गंध आना और ब्रश करने के बाद Bleeding Gums ये सभी मसूड़ों की समस्या से संबंधित है। शुरुआत में तो इस समस्या से छुटकारा पाना सरल होता है।

पर बहुत सारे लोग इसेअनदेखा कर देते हैं जिसके कारण समस्या बढ़ जाती है। यदि इसका उपचार समय पर नहीं कराया गया तो इसके घातक परिणाम सामने आते है। कई कारणों से Gum Disease हो सकती है। दाँतों पर पाया जाने वाला प्लाक इसका सबसे बड़ा कारण होता है।

प्लाक वास्तव में बैक्टीरिया की पतली परत होती है जो दांतो पर जमती रहती है। और यदि इसे साफ नहीं किया गया तो मसूड़ों में जीवाणु सूजन पैदा कर सकते हैं। जिसके कारण मसूड़े दाँतों से अलग होने लगते हैं और मसूड़ों के नीचे प्लाक में वृद्धि होती रहती है साथ ही यहाँ पर जीवाणु अपना घर बना लेते हैं।

ये जीवाणु धीरे-धीरे Swollen Gums, हड्डी और मसूड़ों के ऊतक को गलाने लगते है। प्लाक धीरे धीरे सख्त होता जाता है जिसे कैलकुलस कहा जाता हैं। सख्त होने के कारण इसे प्लाक की तरह आसानी से हटाया नहीं जा सकता और जीवाणु की मसूड़ों को सड़ने की प्रक्रिया चलती रहती है। आइये आज के लेख में जानते हैं इन्हीं मसूड़ों से सम्बंधित समस्याओं के बारे में। पढ़ें Gum Disease In Hindi.

Gum Disease In Hindi: जानिए मसूड़ों के कारण कौन कौन सी बीमारियां होती है?

मसूड़ों की समस्या को अनदेखा करने से पेरियोडोंटाइटिस, कार्डियोवैस्कुलर रोग, मुंह का कैंसर, क्रोनिक किडनी रोग और रूमेटाइड अर्थराइटिस जैसी बीमारियाँ हो सकती है।

  1. मुंह का कैंसर: मसूड़ों की समस्या के कारण मुंह का कैंसर होता है जो आगे चलकर घातक भी हो सकता है।
  2. रूमेटाइड अर्थराइटिस: कई अध्ययन से पता चला है कि जो लोग मसूड़ों से संबंधित रोग से पीड़ित है उन्हें रूमेटाइड अर्थराइटिस अर्थात गठिया होने की सम्भावना ज्यादा रहती है।
  3. कार्डियोवैस्कुलर रोग: अध्ययन से पता चला है कि पेरियोडोंटल रोग के कारण कार्डियोवैस्कुलर रोग का खतरा भी बढ़ सकता है। पेरियोडोंटल तथा कार्डियोवैस्कुलर रोग दोनों में गंभीर सूजन आ जाती है।
  4. डिमेंशिया: किसी व्यक्ति की सोचने समझने की शक्ति और याददाश्त को यह रोग प्रभावित करता है। यह रोग भी मसूड़े की बीमारी से संबंधित है।
  5. पायरिया: मसूड़ों में पीप या पस होने को पायरिया कहते हैं। इस रोग में सांस में से बदबू आने लगती है। साथ ही मसूड़ों में से खून निकलने लगता है और धीरे धीरे दाँत गिरने लगते हैं।
  6. प्रसवकाल से पहले जन्म: कुछ शोध से ज्ञात होता हैं कि पेरियोडोंटल रोग से पीड़ित महिलाओं में प्रसवकाल से पहले बच्चे को जन्म देने की संभावना अधिक होती है। जिसके कारण प्रसवकाल पूरा करने से पहले जन्म लेने वाले बच्चे में कई प्रकार की बीमारियाँ होने का खतरा होता है।
  7. क्रोनिक किडनी रोग: केस वैस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी का एक शोध बताता है कि जिन के असली दांत नहीं हैं, उन्हें असली दांत वाले व्यक्तियों की अपेक्षा क्रोनिक किडनी रोग होने का खतरा अधिक रहता है।

उपचार: Gum Disease Treatment

मसूड़ों में उपरोक्त प्रकार की समस्याएं ना हो पाए इसके लिए मसूड़ों की देखभाल करना ज़रूरी होता है। मुंह की साफ सफाई पर ध्यान देना ज़रुरी है तभी आप इस तरह की समस्याओं से दूर रह सकते है। इसके अतिरिक्त आप कुछ घरेलू उपचार भी कर सकते है जैसे

निम्बू पानी करे बैक्टीरिया को ख़त्म

  • मसूड़ों में यदि सूजन है तो उसके कारण मुंह में बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते है। बैक्टीरिया को ख़त्म करना ज़रुरी होता है नहीं तो यह समस्याएं पैदा कर सकते है। इसके लिए प्रतिदिन सुबह के समय निम्बू पानी से कुल्ला करे।
  • यह बैक्टीरिया को ख़त्म करने में सहायक होता है। साथ ही मसूड़ों की समस्या भी दूर हो जाती है।

नमक के पानी से दर्द से राहत

  • मसूड़ों में यदि दर्द और सूजन की समस्या है तो आप नमक के पानी का उपयोग कर सकते है।
  • यह बहुत ही असरकारी होता है। इसका उपयोग करने के लिए एक गिलास पानी में थोड़ा सा नमक मिला लें और उससे कुल्ला करे। ऐसा करने से मुंह में होने वाला इंफेक्शन दूर हो जाता है।
  • साथ ही कुल्ला करने से दर्द से राहत मिलती है और सूजन भी कम हो जाती है। नमक के पानी के कुल्ले को दिन में कई बार करे यह आरामदायक होता है।

एलोवेरा का उपयोग

  • एलोवेरा का उपयोग करने से यदि मसूड़ों में खून आता है तो वह भी बंद हो जाता है।
  • साथ ही इसका उपयोग करने से मसूड़ों के सूजन व दर्द की समस्या भी दूर हो जाती है क्योंकि एलोवेरा में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते है। यह मुँह के संक्रमण को दूर करने में भी मदद करता है।

सरसो का तेल करे दर्द को कम

  • सरसो का तेल भी मसूड़ों की समस्याओं को दूर करने के लिए लाभकारी होता है। इसका इस्तेमाल करने से मसूड़ों का सूजन व दर्द दूर हो जाता है।
  • इसका उपयोग करने के लिए सरसो के तेल में थोड़ा सा नमक मिला ले और उसे हलके हांथो से मसूड़ों पर लगाए, ऐसा करने से राहत मिलती है।

मसूड़ों के लिए अन्य असरकारी उपाय

  • उपयुक्त उपायों के अतिरिक्त आप टी ट्री ऑयल से मसूड़ों की मसाज कर सकते है यह भी फ़ायदेमंद होती है।
  • इसके अलावा अदरक का इस्तेमाल भी किया जा सकता है यह भी बहुत पुराना नुस्खा होता है।
  • कैस्टर ऑयल का उपयोग करने से भी मसूड़ों की समस्या को कम किया जा सकता है।
  • मसूड़ों की समस्या को दूर करने के लिए पुराने लोग बबूल की छाल का भी इस्तेमाल किया करते थे यह भी बहुत ही फ़ायदेमंद होता है।
  • इसके अलावा लौंग भी मसूड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए बहुत ही अच्छी होती है।

उपरोक्त उपायों से भी यदि आपके मसूड़ों की समस्या दूर नहीं होती है तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाए। डॉक्टर आपको इसके लिए डेंटल ट्रीटमेंट की सलाह दे सकता है। साथ ही जरुरत पड़ने पर वह आपको एंटी बायोटिक दवाये या फिर पेन किलर भी दे सकता है ताकि उससे आपको सूजन, दर्द या इंफेक्शन से निजात दिलाया जा सके।

नोट – अपने दाँतो का ख्याल रखे। सुबह और रात को सोने से पहले दांतो पर ब्रश अच्छी तरह से करे। मुंह की सफाई पर हमेशा ध्यान दे यही दांतो की समस्या का मुख्य कारण बनती है। इसके अतिरिक्त समय समय पर दांतो का चेकअप भी करवाया जा सकता है। ताकि डॉक्टर आपके दांतो को साफ कर कर के Gum Infection Treatment दे जिससे दांतो की गन्दगी दूर हो जाती है।

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