दिल की धड़कनों के मध्य जब एक एक प्रकार की असामान्य ध्वनि सुनाई दे तो इसे हार्ट मर्मर कहते है। जब हृदय के भीतर विक्षोभकारी रक्त प्रवाह होता है तो यह इस प्रकार की ध्वनि आमतौर पर उत्पन्न होती है।
ऐसा भी हो सकता है की मर्मर एक सामान्य ध्वनि हो, या यह भी हो सकता है कि यह किसी गंभीर समस्या का संकेत दे रही हो। अर्थात इस बाबत आपको जानकारी रखने की जरुरत होती है तभी आप इसकी गंभीरता को अच्छे से समझ पाएंगे।
यह समस्या कई कारणों से हो सकता है जैसे आपके हार्ट वाल्व ठीक से काम ना कर रहे हों हो, या फिर आपकी हृदय की धड़कन सामान्य से ज्यादा हो जिसके चलते आपके हृदय को ज्यादा रक्त पंप करना पड़ता है। इन्हीं सब कारणों से यह समस्या उत्पन्न होती है।
मर्मर दो प्रकार के होते है एक हानि रहित मर्मर जिसे इनोसेन्ट मर्मर कहते हैं और दूसरा असामान्य Heart Murmur होता है। आपको बता दें की दस प्रतिशत वयस्कों और तीस प्रतिशत बच्चों को हानि रहित मर्मर होता है। आइये विस्तार से जानते है Heart Murmur Symptoms.
Heart Murmur Symptoms: हार्ट मर्मर के लक्षणों को जानें और आवश्यक सावधानियां बरतें
हार्ट मर्मर के प्रकार
यह बीमारी दो प्रकार की होती है।
वाल्वयूलर स्टेनोसिस: इस तरह की समस्या तब आती है जब बल्ब पूरी तरह से खुल नहीं पाता है। इस समस्या के कारण हार्ट फेल होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
वाल्वयूलर अपर्याप्तता: इस तरह की समस्या को लीक वाल्व भी कहा जाता है। यह तब होता है जब वाल्ब अच्छी प्रकार से बंद नहीं होती है। इसके होने से खून वापस से वॉक में ही रिसने लगता है और रिसाव के ज्यादा होने से हृदय को कार्य करने में कठिनाई आने लगती है। इससे अन्य हृदय सम्बन्धी समस्याएं भी आने लगती है।
हार्ट मर्मर के लक्षण इसके कारणों पर निर्भर करते हैं। यदि आपको हानि रहित मर्मर यानी की इनोसेन्ट हार्ट मर्मर होता है तो इसके चलते कोई लक्षण नजर नहीं आता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह हृदय की किसी समस्या के कारण नहीं होता। किंतु असामान्य हार्ट मर्मर हृदय की समस्याओं के कारण होता है। जिसमे आपको कई लक्षण देखने को मिलते हैं। त्वचा का नीला दिखना, विशेष रूप से आपकी उंगलियों पर इसके लक्षण हैं। जानते हैं इसके अन्य लक्षण
- होंठो का नीला पड़ना
- सूजन रहना या अचानक वजन का बढ़ना
- साँसों की कमी
- पुरानी खांसी
- जिगर का बढ़ना
- न्यूनतम या बिना परिश्रम के भी भारी पसीना आना
- छाती में दर्द
- चक्कर आना
- बेहोशी
- भूख की कमी और सामान्य रूप से विकास ना होना (शिशुओं में)
हार्ट मर्मर होने के कारण?
सामान्य स्थितियाँ भी आपके दिल की धड़कन को तेज कर सकती हैं जैसे की गर्भवती होने पर भी दिल की धड़कने तेज हो जाती है।
इसके अलावा
- रक्ताल्पता(एनीमिया)
- उच्च रक्त चाप
- ओवरएक्टिव थायराइड
- बुखार
उपरोक्त कारणों से भी दिल की धड़कने बढ़ जाती है।
चिकित्सक से कब मिले?
- अधिकतर हार्ट मर्मर गंभीर नहीं होते हैं, लेकिन अगर आपको लगता है कि आपको या आपके बच्चे को हार्ट मर्मर की प्रॉब्लम है तो आप डॉक्टर से अपॉइंटमेंट ले सकते है।
- कुछ होर्ट मर्मर हानिकारक नही होते है, लेकिन इसका तात्पर्य यह नहीं है कि आप बिल्कुल बेफिक्र हो जाएं। अगर आपको हार्ट मर्मर से संबंधित कोई भी लक्षण नजर आये तो किसी हार्ट एक्सपर्ट से अवश्य मिलें।
- आपका डॉक्टर आपको बता सकता है की आपको सामान्य हार्ट मर्मर है या असामान्य हार्ट मर्मर है। साथ ही आपको चिकत्सक यह भी सलाह दे देंगे की आपको उपचार की जरुरत है या नहीं।
- आपको बता दें की यदि हार्ट मर्मर किसी क्षतिग्रस्त या अत्यधिक काम के दबाव वाले कसी वॉल्व से रक्त के गुजरने के कारण हो रहा हो। तो वॉल्व में यह परेशानी बचपन से हो सकती है। इसके कारण आगे चलकर अन्य बीमारियाँ जैसे हृदय रोग, दिल का दौरा पड़ना आदि समस्याएँ हो सकती है।
हार्ट मर्मर के उपचार: Heart Murmur Treatment
- डॉक्टर इसके लिए दवाएँ दे सकता है। लेकिन कौन सी दवाएँ देनी होगी यह व्यक्ति के हृदय की समस्या पर निर्भर करता है।
- रोगी को डाइजोक्सिन, एस्पिरिन, प्लाविक्स, वार्फरीन जैसी दवाएँ दी जाती है।
- यदि रोगी की हालत गंभीर होती है तो इसके उपचार के लिए सर्जरी की भी आवश्यकता पड़ सकती है।
हार्ट मर्मर से बचाव
- यदि व्यक्ति के गले में खराश 48 घंटे से अधिक होती है तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए और तुरंत ही डॉक्टर को दिखाना चाहिए। यदि आपको बुखार के साथ खराश हो रही है तो तुरंत ही डॉक्टर को दिखाए।
- इसके साथ ही व्यक्ति को धूम्रपान नहीं करना चाहिए, यह भी हृदय की समस्याओं को जन्म देता है साथ ही अन्य समस्याएँ भी पैदा करता है। इसलिए जितना हो सके धूम्रपान जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए और अपने परिवारवालों को भी इसके लिए जागरूक करना चाहिए।
- धूम्रपान के साथ साथ शराब का सेवन भी नहीं करना चाहिए। यह भी कई बीमारियों का कारण बनता है इसलिए अधिक शराब का सेवन शरीर के लिए हानिकारक होता है।
- ऐसा भोजन करे जिसमे वसा की मात्रा कम हो साथ ही नमक का भी उपयोग कम से कम करना चाहिए। स्वास्थ्य और संतुलित भोजन करना ही सेहत के लिए अच्छा होता है और आपको अपने दैनिक जीवन में व्यायाम को भी अपनाना चाहिए।
- हार्ट मर्मर जैसी समस्याओं के लिए वजन भी जिम्मेदार होता है इसलिए वजन को नियंत्रित रखना भी बहुत ज़रूरी होता है इसके लिए आप व्यायाम के साथ साथ योग और मेडिटेशन का भी सहारा ले सकते है।
- यदि किसी व्यक्ति को मधुमेह की समस्या है तो उसे मधुमेह को नियंत्रित रखना चाहिए यह भी हार्ट मर्मर का कारण बन सकता है।
- साथ ही डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों को नियमानुसार पालन करना चाहिए।
उपरोक्त बचाव को करने से आप हार्ट मर्मर जैसी समस्याओं से दूर रह सकते है। साथ ही अपने शरीर को फिट भी रख सकते है।
उपरोक्त लेख के द्वारा आप हार्ट मरमर की समस्या के बारे में जान ही गए होंगे तो आपको अपने स्वास्थ्य के लिए ध्यान देना चाहिए साथ ही अपने परिवारवालों को भी इसकी जानकारी दे ताकि वह भी अपने स्वास्थ्य के बारे में सोचे और हृदय से जुड़ी समस्याओं से बच सके। पौष्टिक आहार का सेवन करे और साफ पानी पिए। जितना हो सके अपने आसपास भी सफाई रखे और खुद के वजन को नियंत्रित रखे। आप समय समय पर डॉक्टर से रूटीन चेकअप भी करवा सकते है इससे भी आपको मदद मिल सकती है और डॉक्टर द्वारा बताई गयी सलाह को ज़रूर माने।