Smartphone Side Effects: बच्चों को रखें स्मार्टफोन्स से दूर, बरते ये सावधानियां

जिन घरों में छोटे बच्चे है, वो पेरेंट्स अब अपने बच्चों के प्रति सतर्क हो जाये, क्योंकि एक अध्ययन से पता चला है कि स्मार्टफोन, टैबलेट और इन जैसे अन्य उपकरणों पर अधिक समय देने से आपके बच्चे के वाक विकास (Speech Development) में देरी हो सकती है।

यह अध्ययन वर्ष 2011 से 2015 के बीच किया गया था। इसमें 6 माह से 2 वर्ष तक के 894 बच्चों को शामिल किया गया। उन बच्चों के माता-पिता के मुताबिक, 18 माह तक की जांच में करीब 20 प्रतिशत बच्चों ने औसतन 28 मिनट तक इन उपकरणों का प्रयोग किया।

भाषायी सीख में देरी से जुड़ी जांच में अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि पेरेंट्स ने बच्चों के उपकरण के इस्तेमाल का समय जितना बताया, उनके बच्चों के वाक विकास में उतनी ही देरी पायी गयी।

इसलिए हमें अपने बच्चों के बेहतर विकास के लिए उन्हें स्मार्टफोन से दूर रखने की जरुरत होती है। आइये आज के इस लेख में जानते है बच्चों को Smartphone Side Effects से बचाने के लिए क्या करना चाहिए।

Smartphone Side Effects: जाने बच्चों को स्मार्टफोन्स से दूर रखना क्यों है जरूरी?

जैसा की हमने आपको शुरूआती पंक्तियों में बताया की कैसे बच्चों के लिए स्मार्टफोन्स समस्याएं पैदा करते हैं और इस बाबत कैसे कुछ अनुसन्धानकर्ताओं ने अनुसंधान किया। इस अनुसंधान में पाया गया है कि स्क्रीन टाइम में हर 30 मिनट की देरी पर वाक विकास में विलंब का खतरा 49 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। साथ ही स्मार्टफोन या कंप्यूटर डिवाइस पर ज्यादा समय देने से बच्चों की आंखे ड्राई भी हो जाती है और उनमे सूखापन आ जाता है जिससे उन्हें छोटी उम्र से ही चश्मे का सहारा लेना पड़ता है।

स्मार्टफोन चलाने से हो रहा है आँखों में सूखापन

  • अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने 916 बच्चों का नेत्र परिक्षण किया। इस परिक्षण में बच्चों और उनके परिवार को प्रश्नावली दी गई थी।
  • जिसमें वीडीटी के इस्तेमाल, खेलकूद की गतिविधि, सीखने की शक्ति और ऑक्यूलर सरफेस डिजीज इनडेक्स में बदलाव से संबंधित स्कोर शामिल थे।
  • इस अध्ययन में पता चला कि शहरी बच्चों में, ग्रामीण बच्चों की अपेक्षा ज्यादा समस्याएं है।
  • दो समूह बनाये गए जिसमे 630 शहरी बच्चे और 286 ग्रामीण बच्चे इसमें शामिल थे।
  • शहरी समूह के कुल 8.3 फीसदी बच्चों में ड्राइ आई डिजीज (डीईडी) की समस्या मिली।
  • वहीं ग्रामीण समूह में ये आंकड़ा 2.8 फीसदी रहा। शहरी समूह में स्मार्टफोन के इस्तेमाल की दर 61.3 फीसदी और ग्रामीण समूह में 51 फीसदी थी।

मधुमेह का भी है खतरा

  • एक नए अध्ययन में ये भी पता लगा है कि दिन में 3 घंटे से अधिक समय तक टीवी, टेबलेट और स्मार्टफोन का उपयोग करने से मधुमेह रोग हो सकता है। यह Effects of Mobile Phones होते हैं।
  • ब्रिटेन के 200 प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले 9-10 साल के करीब 4,500 बच्चों पर एक अध्ययन किया गया।
  • उसमें रक्त वसा, इंसुलिन प्रतिरोध, भूखे रहने पर रक्त शर्करा का स्तर, जलन पैदा करने वाले रसायन, रक्तचाप और शरीर की वसा आदि की समस्या थी।
  • अधिक समय तक मोबाइल या टीवी में लगे रहने से बच्चो की बॉडी मूवमेंट रुक जाती है। जिससे उनका शारीरिक विकास भी रुकता है।
  • मोटे होने का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि फिजिकल एक्टिविटी रुक जाती है।

सिरदर्द की समस्या

  • बच्चों के लगातार मोबाइल फ़ोन के इस्तेमाल करने से उन्हें सिरदर्द की परेशानी भी हो सकती है। जो की बड़े होने पर गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकती है।
  • इसलिए उन्हें बहुत ही कम समय के लिए मोबाइल उपयोग करने को दे। एक दिन में जितना कम हो सके फोन का इस्तेमाल करने दे। इससे उन्हें सिरदर्द की समस्या नहीं होगी।

गर्दन में दर्द

  • मोबाइल फोन को चलाने के लिए गर्दन को झुकाना पड़ता है। लगातार गर्दन को झुका कर रखने से गर्दन में दर्द होने लगता है।
  • यदि यह समस्या लगातार होती है तो इससे आगे चलकर गंभीर समस्या पैदा हो जाती है।

व्यवहार में भी होता है परिवर्तन

  • मोबाइल फ़ोन के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चों के व्यवहार में भी परिवर्तन आता है।
  • उनको इसकी लत लग जाने पर वह मोबाइल फ़ोन के बिना नहीं रह पाते है।
  • यदि उनको मोबाइल फ़ोन नहीं दिया जाए तो वह जिद पर भी आ सकते है।
  • बच्चे चिड़चिड़े हो जाते है साथ ही वह अकेले में रहना पसंद करते है। उन्हें ज्यादा दोस्त बनाने का मन नहीं करता है। ज्यादा अकेला रहना भी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है।

शारीरिक गतिविधियों में देरी

  • यदि बच्चे पूरे समय मोबाइल फोन पर लगे रहते है तो इससे उनकी शारीरिक गतिविधि भी प्रभावित होती है।
  • उनका विकास जल्दी और अच्छे से नहीं होता है। एक शोध में देखा गया है की जो बच्चे एक्टिविटी करते है उनका विकास अच्छे से होता है।

इस तरह रखें बच्चों को दूर

  • आप धीरे धीरे अपने बच्चे से टीवी देखने या मोबाइल पर गेम के समय को कम करे। आप बच्चों से टीवी बंद कर कुछ और करने को कहेंगे तो वो आपकी बात नहीं मानेंगे। इसलिए आप कोशिश कीजिए कि उनके साथ बैठें औऱ उनसे बातें करें। उन्हे समझाने की कोशिश करें या अन्य किसी एक्टिविटी में उनका ध्यान लगायें।
  • बच्चों का मन इलेक्ट्रॉनिक्स चीजों से हटाकर कुछ ऐसे खेलों में लगाए जो उनकी सेहत के लिए अच्छा हो। इसके लिए आप भी उनके साथ खेल खेल सकते है। ऐसा करने से बच्चों का मन उस खेल में लगा रहेगा और वह मोबाइल फ़ोन की तरफ नहीं भागेगा।
  • आप चाहे तो अपने बच्चों को मोबाइल के स्थान पर पालतू पशु भी दे सकते है। पशुओं के साथ वह खेल भी सकते है बात भी कर सकते है और उनसे प्यार भी कर सकते है। ऐसा करने से उनका मन लगा रहेगा।
  • आप अपने बच्चों को बीच बीच में बाहर भी घुमाने ले कर जाये ऐसा करने से वह नयी चीजे सीखते है और उनका ध्यान मोबाइल से हटकर अन्य नयी चीजों पर भी लगा रहेगा। जो उनके दिमागी विकास के लिए भी ज़रुरी है।
  • बच्चों को आउटडोर गेम के लिए प्रोत्साहित करे इससे उनके शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के विकास में मदद मिलती है।

अब तो आप समझ ही गए होंगे की Smartphone for Kids जैसी चीजें बच्चों के लिए कितनी घातक होती है। इसका उपयोग बच्चों को ज्यादा नहीं करने देना चाहिए। यदि आप अपने बच्चे को बीमारियों से बचाना चाहते है तो बच्चे को पहले से ही अच्छी आदतें डाले। साथ ही आप उनके साथ व्यायाम भी कर सकते हैं इससे दोनों को लाभ मिलेगा और बच्चों के भोजन को पौष्टिक रखने का प्रयास करे। Mobile Radiation बच्चों के लिए घातक होता है। इसका भी ख्याल रखे।

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