Mantra to Become Rich: ये है धनवान बनने का सबसे निश्चित मंत्र
किसी भी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति कैसी होगी यह सब उस इंसान के कुंडली पर निर्भर करता है। इंसान की कुंडली में सूर्य की दशा उसकी आर्थिक स्तिथि को प्रभावित करती है।
जिस किसी भी व्यक्ति के कुंडली में सूर्य गृह मजबूत होता है तो उस इंसान का भाग्य भी मजबूत होता है। और जिसकी कुंडली में सूर्य की दशा अच्छी नहीं चल रही हो तो उन लोगों के साथ भाग्य भी अपना खेल खेलने लग जाता है।
यदि आपको ऐसा लग रहा है कि आपकी कुंडली में सूर्य की दशा अच्छी नहीं चल रही है तो आपको इसके लिए सुबह सुबह एक मंत्र का उच्चारण करना होगा। फिर देखिए यह मंत्र आपको अपना कैसा चमत्कार दिखाता है।
क्योंकि यदि आपकी कुंडली में सूर्य गृह मजबूत होता है तो आपको सब चीज़ मिल सकती है। आइये तो जानते है Mantra to Become Rich कौनसा है।
Mantra to Become Rich: इसे नियमित पढ़ने से हो जायेंगे धनवान
सूर्य मंत्र और इसका जाप करने की विधि
आपको सबसे पहले सुबह उठकर भगवान सूर्य को जल अर्पित करना होगा। इस प्रक्रिया को आप हर रोज़ करे। जब भी भगवान सूर्य नारायण को जल अर्पित कर रहे हो तो आप उस जल में लाल गुलाब का फूल, सिंदूर और गुड़ को डाल ले।
फिर उसके बाद भगवान को जल अर्पित करे। भगवान सूर्य नारायण को जल चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप जरूर करे।
“ऊॅं सूर्याय नमः”
इस मंत्र का जाप कम से कम 11 बार तक अवश्य करें। फिर उसके बाद भगवान सूर्य को गुड़ का भोग लगाना न भूले। इसके बाद आप एक रोटी में गुड़ डालकर गाय को खिला दे ।
भगवान सूर्य नारायण से जुड़ी कुछ विशेष बाते भी जाने
- जब ब्रह्म जी उत्पन्न हुए थे। तब उनके मुख से ॐ महाशब्द का उच्चारण हुआ था। यह ओमकार शब्द परमब्रह्म है। और यही भगवान सूर्य नारायण का शरीर है।
- जगत के रचिता ब्रह्म जी के चार मुखों में से चार वेद आविर्भूत हुए और ओंकार के तेज से मिलकर जो रूप उत्पन्न होता है वह भगवान सूर्य नारायण हैं।
- सारे जग में सबसे पहले भगवान सूर्य प्रकृत हुए थे। इसलिए इनका नाम आदित्य पड़ा।
- भगवान सूर्य को सविता नाम से भी जानते है। सविता का अर्थ होता है, सृष्टि करने वाला। इन्हीं से यह दुनिया उत्पन्न हुई और यही परमात्मा है।
- नव ग्रहों में भगवान सूर्य को सबसे पहले पूजा जाता है।
- भगवान सूर्य की दो भुजाएं है और दोनों हाथ कमल के फूल से सुशोभित है।
- भगवान सूर्य का वर्ण लाल है। भगवान सूर्य नारायण के वाहन पर सात घोड़े है।
- भगवान सूर्य के रथ में बारह अरे हैं। जो बारह महीनों के प्रतीक हैं, ऋतुरूप छ: नेमियां और चौमासे को इंगित करती तीन नाभियां हैं। चक्र, शक्ति, पाश और अंकुश इनके मुख्य अस्त्र हैं।
- सिंह राशि के स्वामी भगवान सूर्य है। इनकी महादशा छ: वर्ष की होती है। इनकी प्रसन्नता के लिए इन्हें नित्य सूर्यार्घ्य देना चाहिए। भगवान सूर्य को खुश करने के लिए इस मंत्र को रोज जाप करना चाहिए। “ॐ घृणिं सूर्याय नम:”।
- एक बार दैत्यों ने देवताओं को पराजित कर के उनके सारे अधिकार उनसे छीन लिए थे । तब देवमाता अदिति ने इस विपत्ति से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान सूर्य की उपासना की। उपासना से खुश होकर भगवान सूर्य ने उनको वरदान में यह दिया कि वे माँ अदिति के गर्भ से अवतार लेंगे। दैत्यों को पराजित कर सनातन वेदमार्ग की स्थापना की। इसलिए भी इन्हें आदित्य कहा जाता है।
महालक्ष्मी के इस मंत्र से भी होती है धन की प्राप्ति
आप सभी लोग यह जानते है कि धनवान बनने के लिए सबसे आवश्यक यह कि धन की देवी माँ लक्ष्मी की कृपा आप सभी पर सदैव बनी रहे और वह आप से हमेशा प्रसन्न रहे। यदि माँ लक्ष्मी आप से प्रसन्न नहीं होगी तो आप धनवान कैसे बन सकते है।
यदि आप धनवान बनना चाहते है तो आपको माँ लक्ष्मी के बीज मंत्र की पूजा पूरे विधि विधान के साथ करनी होगी । इस मंत्र को करने से आप सभी पर माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी । माँ लक्ष्मी के बीज मंत्र इस प्रकार है:-
“ऊँ श्रीं महालक्ष्म्यै नम:”
जप विधि
- शुक्रवार के दिन सुबह उठकर नहाकर और साफ सुथरे वस्त्र पहनकर माँ लक्ष्मी की पूजा अर्चना करना चाहिए।
- पूजा के दौरान माँ लक्ष्मी को कमल का फूल, चंदन, केसर, पीला वस्त्र, इत्र इन सब वस्तु का पूजा में उपयोग करे और भोग में मिठाई चढ़ाए।
- पूजा करने के बाद घर में एकांत जगह पर कुश का आसन लगाकर उसमें बैठकर कमल गट्टे की माला को लेकर माँ लक्ष्मी के बीज मंत्र का जप 11 बार करें।
- हर शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी के बीज मंत्र को 11 बार जाप करने से आप सभी की हर प्रकार की समस्या का समाधान हो जाएगा।