Women’s Mental Health Issues: महिलाओं के मूड स्विंग की समस्या को कैसे रखें नियंत्रित

बहुत से पति कहते है की उनकी वाइफ का स्वभाव कभी तो बहुत ही अच्छा और कभी बहुत बुरा हो जाता है। उनके इस तरह के स्वभाव से वे परेशान हो जाते है और उन्हें समझ नहीं पाते।

हम आपको बता दें की उनका यह स्वभाव उनके दिमाग के कारण होता है। दरअसल महिलाओ में कई ऐसी मानसिक समस्या होती है जो उन्ही में देखने को मिलती है, यह पुरुषो में नहीं होती है।

दरअसल यह समस्या केवल आपके पत्नी के साथ ही नहीं है बल्कि अधिकतर महिलाओ में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या होती है। इसके पीछे की वजह महिलाओ पर घर और बाहर दोनों की जिम्मेदारी होना होता है, जिस वजह से वो तनाव में आ जाती है।

विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार हर तीसरी महिला किसी ना किसी मानसिक समस्या से घिरी होती है। जिसके पीछे कई सारे सोशल और बायोलॉजिकल फैक्टर्स जिम्मेदार होते है। आइये आज के लेख में विस्तार से Women’s Mental Health Issues के बारे में जानते है।

Women’s Mental Health Issues: महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य किन बातों से होता है प्रभावित

डिमेंशिया – सोचने की शक्ति पर पढता है असर

  • अधिकतर महिलाएं डिमेंशिया का शिकार होती हैं।
  • उम्र बढ़ने के साथ साथ महिलाओ में इसके होने की संभावना बढ़ती है|
  • इस समस्या में दिमाग के कुछ सेल्स नष्ट होने लगते है, जिसके चलते कुछ सेल्स के बिच संचार नहीं हो पाता|
  • इस वजह से सोचने की क्षमता कम होने लगती है और कुछ याद नहीं रहता है|

एंजाईटी डिसऑर्डर – डरना और परेशान होना

  • इंटरव्यू से पहले घबराहट होना, स्टेज पर बोलने से डरना, परीक्षा से पहले परेशान यह बाते अधिकतर लोगो में होती है|
  • लेकिन महिलाओ में यह समस्या ज्यादा कॉमन है|
  • कुछ महिलाओ में ऐसी सिचुएशन में इतनी ज्यादा नर्वस होती है, उनका यह दर एंजाईटी में बदल जाता है|
  • जब यह समस्या लगातार बनी रहती है तो धीरे धीरे एंजाईटी डिसऑर्डर में बदल जाती है|

चिंता – जीवन के प्रति नकारात्मकता लाती है

  • देखा गया है महिलाओ में पुरुषों की तुलना में ज्यादा तनाव और चिंता होती है|
  • जब महिला पर घर और बाहर दोनों की जिम्मेदारी आ जाती है तो उसे बहुत थकान होती है|
  • और रोज रोज यह थकान उसके चिंताग्रस्त होने का कारण बन जाती है|
  • वैसे तो चिंता ग्रस्त कोई इतनी भी बड़ी बात नहीं है, लेकिन इसके कारण महिलाओ में नाकारात्मक ऊर्जा भरने लगती है|

ईटिंग डिसऑर्डर

  • इस समस्या में महिलाएं ओवर ईटिंग कर लेती है।
  • वरना थोड़ा सा ही खाती है।
  • अधिकतर यह समस्या महिलाओं में तब ज्यादा देखने को मिलती है जब वे तनाव या चिंता से जूझ रही होती है।
  • महिलाएं अपनी नियमित डाइट के अकॉर्डिंग खाना नहीं खा पाती है। यह एक प्रकार की बीमारी होती है।

बॉडर्रलाइन पर्सनालिटी डिस्‍ऑर्डर

  • महिलाओं में अक्सर इन बीमारी के लक्षण देखने को भी मिलते है।
  • यह एक तरह की दिमागी बीमारी होती है जिसमे दिमाग काम करना बंद कर देता है।
  • इस बीमारी में अचानक से गुस्सा आता है या फिर अचानक से चिड़चिड़ होने लगती है।
  • इस बीमारी से जूझ रहे लोग असमंजस की स्थिति में रहते है।

तनाव होना

  • बदलते सामाजिक परिवेश में कामकाजी महिलाएं ज्यादा तनाव ग्रस्त होती है।
  • एक स्टडी में यह पाया गया है कि घरेलु महिला के मुकाबले कामकाजी महिलाओं को तनाव ज्यादा होता है।
  • वैसे अभी तक ज्यादातर महिलाओं में तनाव की जो वजह सामने आई है वो है असुरक्षा की भावना।
  • घरेलु महिला को सिर्फ घर के कामकाज से तनाव होता है लेकिन बाहर काम करने वाली महिला को घर और बाहर दोनों की वजह से तनाव होता है।
  • यह तनाव डिसऑर्डर होता है जिसमे महिलाये फालतू की बातो को लेकर चिंता करती है।
  • तनाव तब भी बढ़ जाता है जब महिला में हार्मोनल चैंजेस आते है।

डिप्रेशन का शिकार होना

  • पुरुषो के मुकाबले महिलाएं डिप्रेशन की बीमारी से ज्यादा पीड़ित होती है।
  • हो सकता है कि बाहर और घर में किसी स्थिति में अपने आप को अकेला पाने की वजह से कुछ चीज़े दिमाग में घर कर जाती है और उस वजह से भी डिप्रेशन की समस्या उत्पन्न होती है।
  • डिप्रेशन में महिलाओं को पैंपर करने की जरूरत होती है।
  • महिलाओं में डिप्रेशन की यह समस्या किसी भी वजह से उत्पन्न हो सकती है।
  • पुरुषो के मुकाबले महिलाओं को तनाव ज्यादा होता और ये एक ही बात पर ज्यादा विचार करती है जिस वजह से महिलाओं में डिप्रेशन की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है।
  • Depression Treatment के लिए डॉक्टर को भी जरूर दिखाए।

सीजोफ्रेनिया की समस्या होना

  • अगर किसी महिला को सीजोफ्रेनिया की समस्या होती है तो वो डिप्रेशन की समस्या से पहले से जूझ रही होती है।
  • अगर वही यह समस्या किसी पुरुष को होती है तो जरुरी नहीं की वो डिप्रेशन से जूझ रहा हो।
  • इस सीजोफ्रेनिया की समस्या में मनुष्य का व्यवहार, सोच और समझने तीनों का तरीका बदल जाता है।
  • वे कुछ समझ ही नहीं पाते है। ऐसे में जरुरी है कि उनकी बहुत केयर की जाए।  

Mental Health Care: इन समस्याओं से दूर रहने के लिए महिलाएं क्या करें?

  • हमेशा खुश रहें और ज्यादा तनाव ना ले।
  • अपने खान पान का अच्छे से ध्यान रखें।
  • अपनी परेशानियों को बताना सीखें, मन में बात ना रखे और एक्सप्रेसिव बनें।
  • पूरा वक्त केवल फॅमिली के लिए नहीं है, अपने दोस्तों के साथ भी वक्त बिताएं।

यहाँ बताई गई बीमारियों के अलावा महिलाओं में बाईपोलर डिसऑर्डर, एनोरेक्सिया नर्वोसा, बुलिमिया नर्वोसा, आदि समस्याएं भी हो सकती है। इसलिए ऊपर लेख में दी गई सभी समस्या को ध्यान रखें और महिलाओं की इन परेशानियों को समझने की कोशिश करें जिससे कि वो आपका साथ पाकर इस बीमारी से बाहर निकल पाएं। इस लेख मे यह बी बताया गया है कि महिलाओं को इन सभी समस्या से छुटकारा पाने के लिए क्या क्या करना चाहिए।

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