World Malaria Day: विश्व मलेरिया दिवस के खास अवसर पर जाने इसकी विशेषताएं

मलेरिया की बीमारी एक मच्छर के काटने से होती है। अगर इसका सही समय ओर इलाज ना करवाया जाए तो इस बीमारी के चलते लोग अपनी ज़िन्दगी भी खो सकता है।

आपको मलेरिया को संक्रमणों को रोकने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। मलेरिया एक गंभीर बीमारी है जिससे बचने के लिए लोगो को अपने आस पास सफाई रखनी चाहिए।

पूरी दुनिया में 25 अप्रैल को Malaria Day बनाया जाता है जिस से की लोगो के बीच मलेरिया को लेकर जागरूकता बढ़े और लोग मलेरिया के बारे में ज्यादा से ज्यादा जान पाए।

इस लेख में हम आपको बता रहे की मलेरिया क्या होता है उस के लक्षण क्या है और उससे बचने के लिए क्या करना चाहिए। इस लेख में पढ़े World Malaria Day.

World Malaria Day: जाने और समझे मलेरिया के बारे में

World Malaria Day

मलेरिया क्या होता है ?

  • मलेरिया एक परजीवी प्लाज्मोडियम पैरासाइट फैलाने वाला रोग होता है।
  • मलेरिया बॉडी पर मच्छर के काटने से होता है।
  • यह मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है।
  • फिर बॉडी में प्लाज्मोडियम पैरासाइट रेड ब्लड सेल्स को प्रभावित करता है।
  • जिससे की कमजोरी आती और बॉडी में ब्लड कम होने लगता है।
  • अगर मलेरिया का सही समय पर इलाज नहीं किया जाए तो यह लिवर को भी प्रभावित करता है।
  • फिर इसके बाद मलेरिया के मरीज़ को पीलिया जैसी और भी बीमारिया हो सकती है।
  • जब मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो मलेरिया के लक्षण 10 से 12 दिन बाद दिखाई देते है।

मलेरिया दिवस बनाने का इतिहास

  • मलेरिया एक गंभीर बीमारियों में से एक और बहुत ही तेज़ी से यह मनुष्य में संक्रमणों को बड़ा देता है।
  • मच्छर से फैलने वाली इस बीमारी के इतने गंभीर परिणाम देखते हुए डब्लूएचओ (वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन) ने इस बीमारी का इलाज निकाला।
  • साथ ही डब्लूएचओ ने इस बीजमारी के प्रति लोगो के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए 25 अप्रैल को विश्व Malaria Day बनाने के घोषणा की।
    यह घोषणा 2007 अप्रैल 60वें सत्र में की गयी थी।
  • मलेरिया के परजीवी का पहली बार पता फ्रांसीसी सर्जन चार्ल्स लुइस अल्फोंसे लैवरेन ने लगाया था वो भी 1980 में।

भारत में मलेरिया की बीमारी

  • वैसे तो भारत ने सन 1953 में ही मलेरिया के इलाज के लिए जतन करना शुरू कर दिए थे।
  • 1953 में नेशनल मलेरिया कण्ट्रोल प्रोग्राम चलने के साथ साथ डीडीटी का छिड़काव भी करवाना शुरू क्र दिया था।
  • इसी के साथ वर्ल्ड हेल्थ एसेम्ब्ली के कहने पर 1958 में एक नयी योजना शुरू की जिसका नाम फ्रांसीसी सर्जन चार्ल्स लुइस अल्फोंसे लैवरेन था।
  • आगे चल कर इसे फ्रांसीसी सर्जन चार्ल्स लुइस अल्फोंसे लैवरेन नाम से चलाया गया।
  • लेकिन फिर भी नतीजे वैसे नहीं मिले जिसकी वहज लोगो में जागरूकता की कमी है।
  • तो मलेरिया से बचने के लिए आपको छोटी छोटी बातो का ध्यान रखना चाहिए।

मलेरिया होने के लक्षण

  • मच्छर के काटने पर बुखार का आजाना और साथ ही ठण्ड लगना।
  • जी मचलाना, त्वचा ठंडी रहना और उलटी होना।
  • हमेशा सिर दर्द रहना और साथ ही कभी कभी सिर दर्द तेज़ हो जाना।
  • बॉडी में हमेशा थकान रहना और कमज़ोरी महसूस होना।
  • आँखों का लाल हो जाना भी मलेरिया का एक लक्षण है।
  • बुखार तेज़ी से चढ़ता है, 102 या फिर 106 डिग्री तक रहता है।
  • अगर बुखार का सही समय पर इलाज नहीं करवाया गया तो मरीज़ कोमा में भी जा सकता है।
  • साथ ही बेहोश भी हो सकता है।

मलेरिया के बुरे प्रभाव

  • शरीर में कमज़ोरी आजाना और साथ ही खून की कमी हो जाना।
  • जिगर और तिल्ली का बढ़ जाना।
  • अगर मलेरिया का सही समय पर इलाज नहीं होता है तो यह एक बहुत ही गंभीर रूप ले लेता है जिससे जान भी जा सकती है।
  • मलेरिया के चलते अनीमिया भी हो सकता है और यह किसी गर्भवती को होता है तो गर्भपात होने की संभावनाएं बन जाती है।
  • मलेरिया किडनी पर भी एक बहुत बुरा प्रभाव डालती है।
  • पाचन तंत्र भी ख़राब हो जाता है।
  • मलेरिया के चलते भूलने की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। यह याददाश्त को कमज़ोर बना देता है।

Malaria Treatment: मलेरिया के लक्षण दिखने पर करें ये काम

  • अगर आपको ऊपर दिए लक्षण अपने आप में दिखने लगे तो सबसे पहले नज़दीकी डॉक्टर को दिखाए।
  • इसके बाद ब्लड टेस्ट जरूर करवाए।
  • अपने डॉक्टर् से चल रहा ट्रीटमेंट पूरा करें।

मलेरिया के मच्छर

  • मलेरिया का मच्छर मादा एनोफिलीज साफ़ पानी में अपने अंडे देता है।
  • जैसे पोखर, तालाब, झील के किनारे, कुंए, नदी, नाले, टंकी आदि।
  • इन अंडो को मलेरिया का मच्छर बनने में 8 से 11 दिन लगते है।

अपने आस पास सफाई रखे

  • अपने छत पर रखी पानी की टंकी को खुला न रखे।
  • बेकार फेंके हुए तैर में पानी जमा न होने दें।
  • कूलर की सफाई करे उसमे भी पानी बदलते रहे।
  • अपने आस पास पानी जमा न होने दें।
  • गार्डन और किचन में पानी जमा न होने दें।
  • डेकोरेटिव वाटरफॉल्स में भी पानी बदलते रहे।
  • गमले और फूलदान में पानी भरा न रहने दें।
  • बिना ढंके बर्तन का पानी बिलकुल भी ना पिए।
  • अपने आस पास कही भी पानी रुका हुआ हो जल्दी ही साफ़ करे क्योकि ऐसी जगह पर मलेरिया के मच्छर पैदा होने की पूरी संभावना होती है।
  • रोज़ाना सफाई करे, अपने आस पास गंदगी न रखे।

Malaria Prevention: मलेरिया से बचाव के लिए

  • रात को सोने से पहले मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
  • अपने घर की खिड़कियों में और दरवाज़ों में मच्छरप्रूफ जालियाँ लगवाए।
  • नारियल और सरसो के तेल में निम् का तेल मिला कर लगाए। मच्छर काटेंगे नहीं।
  • इसके अलावा आप मच्छर भगाने वाली क्रीम भी लगा सकते है।
  • शाम को अपने घर में निम् के पत्तो का धुंआ करें।
  • मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती का भी इस्तेमाल कर सकते है।

इस ऊपर दिए लेख में आज हमने आपको बता की मलेरिया से आप कैसे बच सकते है और मलेरिया किस तरह की बीमारी है। अगर आपके आस पास भी किसी में मलेरिया के लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाए।

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