Narak Chaturdashi Puja Vidhi: रूप चौदस पर इस तरह करे पूजा पाठ
नरक चतुर्दशी का पर्व दीवाली त्यौहार के एक दिन पहले मनाया जाता है। इस त्यौहार में दीप-दान किया जाता है। यह त्यौहार कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान यमराज की पूजा होती है।
जो भी व्यक्ति भगवान यमराज की पूजा करता है। तो उस इंसान की अकाल मृत्यु नहीं होती है। इस दिन हर व्यक्ति को सुबह जल्दी से उठकर भगवान यमराज को यमतर्पण करने के बाद भगवान सूर्य नारायण को जल अर्पित करना चाहिए ।
हिन्दू धर्म के शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नाम के राक्षस का वध करके सभी ऋषि मुनियों और देवताओ को मुक्त कराया था। इसलिए इस दिन को नरक चतुर्दशी या फिर रूप चौदस कहते है।
इस त्यौहार को अन्य नाम से भी आप सभी लोग जानते है। जैसे कि नरक चौदस, रूप चौदस, रूप चतुर्दशी, नरका पूजा, काली चौदस और छोटी दीवाली आदि। बंगाल में इस दिन माँ काली की पूजा अर्चना करते है। बंगाली समुदाय के लोग इस पर्व को काली चौदस कहते है।आज के लेख में हम आपको Narak Chaturdashi Puja Vidhi in Hindi बता रहे है।
Narak Chaturdashi Puja Vidhi: जानिए रूप चौदस कैसे मनाया जाता है
नरक चतुर्दशी का पर्व कब मनाया जायेगा
यह पर्व कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस बार यह त्यौहार 18 अक्टूबर 2017 दिन बुधवार को मनाया जाएगा । इस दिन शुभ महूर्त है इस प्रकार है –
अभ्यंग स्नान महूर्त 04:47 से 06:27
कुल समय 1 घंटा 40 मिनट
नरक चतुर्दशी की पूजा विधि
- नरक चतुर्दशी के दिन सूर्य उदय से पहले आप सभी को स्नान कर लेना चाहिए। इस दिन ऐसा करने का बहुत ही महत्व होता है।
- स्नान के दौरान आप सभी को पानी में तिल और तेल मिलाकर नहाना चाहिए। साथ ही शरीर में चन्दन का लेप भी लगाना चाहिए ।
- स्नान के पश्चात भगवान सूर्य नारायण को जल अर्पित करे और भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करे।
- रात के समय आप सभी को अपने घर के दहलीज पर दीपक जलना चाहिए।
- नरक चतुर्दशी के दिन भगवान हनुमान जी की भी पूजा अर्चना होती है।
कहा जाता है की इस दिन प्रातः काल तेल लगाकर अपामार्ग (चिचड़ी) की पत्तियाँ जल में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है। इस दिन पूरे विधि विधान के साथ पूजा करने वाले व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और वह स्वर्ग को प्राप्त करते हैं।
नरक चतुर्दशी दिन की कुछ अन्य बातें
- नरक चतुर्दशी के दिन सौन्दर्य को निखारने का दिन भी कहते है। इस दिन पूजा अर्चना के साथ ही साथ आप सभी को अपने हेल्थ का भी ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है।
- यह त्यौहार स्वास्थ के साथ ही सुंदरता और रूप की जरुरत का भी संदेश भी देता है।
- इस दिन जो इंसान सूर्य उदय से पहले स्नान करता है। वह इंसान नरक से मुक्ति प्राप्त करता है।
हनुमान जयंती
हिन्दू धर्म के शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन भगवान हनुमान की जयंती मनाई जाती है। कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन माँ अंजनी के गर्भ से हनुमान जी ने जन्म लिया था। इस बात का जिक्र ऋषि वाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण में मिलता है।
हमारे भारत देश में दो बार हनुमान जयंती मनाई जाती है। एक बार हनुमान जयंती चैत्र माह की पूर्णिमा को और दूसरी कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। भगवान हनुमान जी सभी इंसानों को उनके दुख और कष्ट से मुक्ति दिलाते है। जो भी इंसान हनुमान चालीसा और हनुमान अष्टक का पाठ करता है वह इंसान सभी प्रकार के दुःख और कष्टों से मुक्ती प्राप्त करता है।