Atezolizumab for Bladder Cancer: ब्लैडर कैंसर के रोगियों को जिंदगी देने वाली दवा
ब्लैडर कैंसर, ब्लैडर में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण होता है। यह कैंसर, एक कैंसर कोशिका होती है, जो मूत्राशय के दीवार की अंदरूनी परत पर बढ़नी शुरु हो जाती हैI
इसकी चिकित्सा इस बात पर निर्भर करती है कि आपका कैंसर माइक्रोस्कोप के भीतर कितना आक्रामक दिखता है और इस प्रक्रिया को ट्यूमर ग्रेड भी कहा जाता हैं।
कैंसर के फैलाव की सीमा पर ब्लैडर कैंसर का उपचार निर्भर करता है कि ट्यूमर कितना ज्यादा फैला है इसको ट्यूमर स्टेज कहते हैं। अगर कैंसर की जानकारी उसके प्रारंभिक अवस्था में लग जाती है तो आपका सफल उपचार भी मुमकिन हो जाता है।
यह पुरुषो में महिलाओं की अपेक्षा तीन से चार गुना ज्यादा होने के आसार होते है। क्यूंकि यह तम्बाकू और धूम्रपान का सेवन पुरुषों में काफी ज्यादा होने के कारण होता हैI इसके अतिरिक्त जो लोग ग्रीस, पेंट, केमिकल, टेक्सटाइल और लेदर आदि से सम्बंधित काम करते हैं उनमें यूरिनरी ब्लैडर कैसर होने की संभावना रहती है।
Atezolizumab for Bladder Cancer: ब्लैडर (मूत्राशय) कैंसर से बचाने में मददगार
वैज्ञानिक कर रहे है खोज
- चिकित्सा विज्ञानी प्रतिदिन कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी की रोकथाम के लिए नयी नयी खोज करते रहते है।
- हाल ही में उन्होंने एक ऐसी दवा का आविष्कार किया है जो प्रतिरक्षा तंत्र में बदलाव करके ब्लैडर कैंसर से बचाने में सहायता कर सकती है।
- साथ ही जिन मरीजों का कैंसर लास्ट स्टेज में पहुंच चुका है वे इस दवाई को लेकर कुछ और दिन जी सकते हैं।
क्या है एटिजोलीजुमैब?
कैंसर की रोकथाम के लिए बनायीं गयी नई दवा ‘एटिजोलीजुमैब’ से नई उम्मीद मिली हैI इस दवा से मरीजों को भी पहले की अपेक्षा लंबी जिंदगी प्रदान की जा सकती है। ‘एटिजोलीजुमैब’ इम्यूनोथेरेपी में उपयोग होने वाली दवा है जो कई प्रकार के कैंसर पर असरदार हो सकती है।
प्रोफेसर हुसैन के मुताबिक कीमोथेरेपी से कैंसर कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं, और इम्यूनोथेरेपी शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है जिसके कारण कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में सहायता मिलती है।
फेफड़ों के कैंसर के संभावित इलाजों पर इस दवा का परीक्षण भी किया गया है बता दे की ब्रिटेन में कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज हैं। कैंसर विशेषज्ञों का मानना है कि 20 सालों में यह खोजी गई सबसे असरकारक दवा है I
इस तरह करती है यह दवा काम
- एटिजोलीजुमैब दवा को हर तीन हफ्ते में एक बार मरीज के शरीर में डाला जाता है|
- कैंसर कोशिकाओं की सतह पर पाए जाने वाले पीडी-एल1 को एटिजोलीजुमैब रोक देता हैI
- कैंसर कोशिकाओं को प्रतिरक्षा तंत्र द्वारा पहचान करने से पीडी-एल1 छुपाता है|
- परन्तु इस दवा के उपयोग करने के बाद यह प्रक्रिया रुक जाती है और ट्यूमर को समाप्त करने में सहायता मिलती है।
ब्रिटेन के प्लाइमाउथ डेरीफोर्ड हॉस्पिटल के कैंसर विशेषज्ञ प्रोफेसर सैयद हुसैन ने बताया कि “ब्लैडर का कैंसर ‘सिंड्रेला’ कैंसर कहलाता है. इसके लिए लक्षण प्राय: दिखाई नहीं देते हैं और कब बीमारी फैल जाती है इसका पता ही नहीं चलता. ज्यादातर मामलों में इसका असर तब पता चलता है जब कोशिकाएं मूत्राशय के बाहर ही प्रभाव डालने लगती हैं. इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को बेहतर इलाज न मिले तो साल भर के अंदर ही उसकी मौत हो सकती है”