Peyronie Disease In Hindi: जाने आपका लिंग पेरोनीज रोग से ग्रसित तो नहीं ?
पियरॉनी डिजीज को हिंदी भाषा में लिंग वक्रता या लिंग का टेढ़ा हो जाना भी कहा जाता है। पुरुषों में होने वाली यह सबसे निराशाजनक सेक्स समस्याओं में से एक होता है । अनुमानतः करीब 5 से 23% पुरुष लिंग की वक्रता की इस समस्या से पीड़ित हैं।
जर्मनी में हुए एक अध्ययन में ऐसा पाया गया की 30 से 80 साल के उम्र वाले पुरुषों में 9.2 प्रतिशत लोगों में इस समस्या को देखा गया । अध्ययन में ऐसा पाया गया कि पियरॉनी रोग की समस्या मुख्यतः पुरुषों को उनकी उम्र के तीसवें दशक में प्रभावित करती है।
उत्तरी यूरोपीय देशों में पुरुषों के बीच लिंग वक्रता की समस्या ज्यादा देखी जाती है, काम लेकिन लिंग वक्रता की यह समस्या एशियाई अफ्रीकी और अमेरिकी पुरुषों के बीच भी देखने को मिलती है। बताया जाता है की इसकी समस्या की व्यापकता पर जनसंख्या के आधार पर भी असर पड़ता है।
वैसे तो उत्तेजित शिश्न का बायीं या फिर दाई दिशा में मुड़ा हुआ होना आम बात मानी जाती है। परन्तु अगर शिश्न ज्यादा मुड़ा हुआ हो या टेढ़ा हो तो इसे एक समस्या की तरह देखा जाता है । इसके कारण सेक्स सम्बन्ध बनाते समय समस्या पेश आ सकती हैं। इस दौरान असहनीय दर्द भी होने लग सकता है। आइये Peyronie Disease In Hindi के बारे में विस्तार से जानते हैं
Peyronie Disease In Hindi: पेरोनीज रोग के लक्षण, कारण और बचाव
क्या हैं पियरॉनी डिजीज के लक्षण
- पेरोनीज रोग के लक्षण एकदम से दिखने नहीं लगते हैं बल्कि इसका विकास धीमे धीमे होता है।
- इसके शुरूआती लक्षणों में मुख्य रूप से यह देखने को मिलता है की आपका लिंग बेहद नरम हो जाता है और कोई परेशानी नहीं दिखाई देती है।
- जब या समस्या गंभीर हो जाती है तब कठोर प्लॉक आपके लिंग के लचीलेपन को घटा देते हैं।
- इसके कारण इरेक्शन के वक़्त आपका लिंग मुड़ने पर मजबूर हो जाता है।
- इस दौरान लिंग में कभी कभी बहुत दर्द भी महसूस होता है। यह दर्द सम्भोग के वक़्त भी महसूस होता है।
कैसे होता है पियरॉनी डिजीज
- नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ में हुए एक स्टडी के मुताबिक़ करीब 1 प्रतिशत पुरुषों में पियरॉनी डिजीज की समस्या पायी जाती है।
- वैसे तो यह समस्या मध्यम उम्र समूह के पुरुषों में ज्यादा देखने को मिलती है पर युवा और वृद्ध पुरुष भी इस समस्या से ग्रसित हो सकते है।
- इस समस्या के कुछ मामालों में देखा गया है की पुरुषों में ये समस्या आनुवंशिकता की वजह से भी विकसित हो जाती है । तो हम ऐसा कह सकते हैं की इस समस्या का एक कारण अनुवांशिक भी हो सकता है।
- ये समस्या कभी कभी लिंग पर किसी प्रकार के चोट या फिर टूटन की वजह से भी हो जाती है।
- अत्यधिक हस्तमैथुन भी पियरॉनी डिजीज के होने का एक कारण हो सकता है।
- टाइट कपड़े और टाइट अंडरवीयर पहनने के कारण भी यह समस्या देखने को मिल सकती है।
- प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों को उपचार कराते समय इलाज के दौरान होने वाले विकिरणों से नुकसान होता है और इस कारण भी पियरॉनी डिजीज हो सकती है।
क्या है पियरॉनी डिजीज के उपचार ?
Peyronie’s Disease Cure के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले तरीकों में मुख्य हैं Peyronie Disease Natural Treatment. इसके अंतर्गत घरेलु और प्राकृतिक तरीकों से पियरॉनी डिजीज की समस्या में लाभ प्राप्त किया जा सकता है। वैसे इस समस्या के निदान के लिए हमे अपने डॉक्टर से राय ज़रूर लेनी चाहिए। बिना डॉक्टर से पूछे कुछ भी नहीं करना चाहिए नहीं तो समस्याएं और ज्यादा बढ़ सकती हैं।
विटामिन ई का करें सेवन
- कुछ अध्ययनों के माध्यम से ऐसा पता चला है की पियरॉनी डिजीज होने पर विटामिन ई का सेवन लाभ प्रदान करता है।
- अभी तक ये तो पूरी तरह साफ़ नहीं हुआ है की इस विटामिन ई के सेवन से इस समस्या को हमेशा के लिए खत्म कर सकते हैं या नहीं पर ये ज़रूर है की इसके सेवन से इस समस्या में फायदा मिलता है।
- इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए की हम अपने भोजन में विटामिन ई से भरपूर प्राकृतिक खुराक को जोड़ लें और इसका फायदा उठायें।
व्यायाम से पाएं लाभ
- पियरॉनी डिजीज होने पर हम इसका निदान प्राकृतिक तौर पर कर सकते हैं। इसका सरल और सस्ता उपचार है लिंग के लिए स्ट्रेचिंग व्यायाम।
- इसका उपयोग हमे डॉक्टर के निगरानी में या उसकी राय पर हीं करना चाहिए।
- कई मौकों पर ऐसा देखा गया है की 2 महीने तक नियमित रूप से ये व्यायाम करने पर पियरॉनी डिजीज में बहुत ज्यादा लाभ मिलता है और ये समस्या खत्म हो जाती है।
डॉक्टर द्वारा पियरॉनी डिजीज का उपचार
- अगर आप इस समस्या का उपचार डॉक्टर से करवाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपका डॉक्टर आपसे इस बारे में बात करके समस्या के रूप और परिस्थिति का सही जानकारी प्राप्त करेगा साथ हीं इसके लक्षणों के बारे में नहीं पूछेगा।
- इस जांच के वक़्त आपका डॉक्टर इस बीमारी की वजह जान्ने की कोशिश करेगा।
- वो आपके लिंग के इरेक्शन की भी जांच कर सकता है । ऐसा करने पर डॉक्टर को समस्या की सही जानकारी हो पाती है।
- कुछ मौकों पर डॉक्टर जांच के बाद पेरोनीज रोग नहीं होने की बात भी कह सकता है और शुरूआती स्थिति के लिए उपचार बता सकता है।
- पर अगर स्थिति ख़राब हुई तो बायोप्सी के जरिये ऊतक को बाहर निकाल कर इसकी प्रयोगशाला में जांच पड़ताल भी कर सकता है।
बिना उपचार के भी दूर हो सकता है पियरॉनी डिजीज
- पियरॉनी डिजीज का उपचार संभव है और कुछ पुरुषों में तो इस बीमारी को बिना उपचार के भी ठीक किया जा सकता है।
- बहुत बार डॉक्टर इस बीमारी को ठीक करने के लिए एक या फिर दो वर्ष या उससे ज्यादा समय तक वेट करने को कह देते हैं।
- जिन लोगों में रोग के सिम्टम्स मामूली होते हैं उन्हें शायद ही किसी उपचार की जरुरत पड़ती है।
- पियरॉनी डिजीज में दर्द बस इरेक्शन के वक़्त होता है और ज्यादातर यह दर्द हल्का होता है। इस दौरान अगर सेक्स सम्बन्ध संतोषजनक हो तो पुरुष को किसी प्रकार के उपचार की कोई जरूरत नहीं पड़ती है।
इस लेख में आपने जाना पियरॉनी डिजीज से जुड़ी बहुत सारी जानकारी। अगर आपको भी लगता है की आप इस समस्या से पीड़ित हैं तो लेख में बताये गए बातों का ख्याल रखें और समस्या में लाभ प्राप्त करें।