Water Fasting: ऐसा डाइट प्लान जो बना सकता है आपको रोगी

वाटर फास्टिंग जिसे सामान्य भाषा में जल उपवास कहा जाता है इसका चलन आज कल लोगो में काफी जोरो शोरो से बना हुआ है। हालाँकि लोग आस्था के चलते उपवास करते है लेकिन उसका असर सेहत पर भी होता है जो की लाभकारी होता है।

वाटर फास्टिंग एक ऐसा उपवास है जिसमे केवल पानी का सेवन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि केवल पानी के सेवन से वजन को कम कर सकते है। आज के समय में वजन कम करने की होड़ कर किसी में लगी हुई है।

वाटर फास्टिंग में किसी भी प्रकार का अन्न या फिर पेय पदार्थ नहीं लिया जाता है। जिसके कारण शरीर में कई परिवर्तन होते है जैसे-वजन कम होना, विषाक्त पदार्थो का बाहर निकलना आदि।

पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। परन्तु क्या जल उपवास करना शरीर के लिए फ़ायदेमंद है? जानते है Water Fasting करना कितना सुरक्षित होता है।

Water Fasting: जानिए इसे कैसे करते है और उसके नुक्सान

Water Fasting

किस तरह करते है वॉटर फास्टिंग

  • वॉटर फास्टिंग करने के लिए प्रतिदिन कम से कम दो लीटर पानी पीना होता है।
  • आपको बता दे कि इसे पीने से शरीर को केवल पानी में उपस्थित पौष्टिक तत्व ही प्राप्त हो पाते है।
  • पानी में उपस्थित तत्व शरीर से गन्दगी और कीटाणु को बाहर निकालने में सहायता करते हैं।
  • कुछ लोग पानी में नींबू के टुकड़े डाल कर भी इसे पीते है।

कैसे करता है यह कार्य

  • जब आप केवल पानी का सेवन करते है और खाना खाना बंद कर देते है तो इसके साथ ही पाचन तंत्र भी कार्य करना बंद कर देता है।
  • शरीर की क्रियाएं धीमी गति से होने लगती है। शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है इसकी पूर्ति वसा के जरिये की जाती है।
  • शरीर में जमा अतिरिक्त वसा कम होने लगता है और वजन में कमी आती है।

जाने डॉक्टर्स की राय

पिछले कुछ समय से ट्विटर और इंस्टाग्राम पर लोगो को वाटर फास्टिंग के हजारों मेसेज आ रहे है। जिसमे बताया जा रहा है कि यह वजन को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी #WaterFasting का उपयोग किया जा रहा है।

डॉक्टर्स कहते है कि –

  • वाटर फास्टिंग डायटिंग का कोई सही तरीका नहीं होती है और न ही इससे वजन में कमी आती है।
  • कुछ डॉक्टर्स कहते है कि वाटर फास्टिंग सुरक्षित नहीं होती है। इससे शरीर में रोगों का खतरा बढ़ सकता है।

नूट्रिशनिस्ट डॉ अलका दुबे के मुताबिक

  • नूट्रिशनिस्ट डॉ अलका दुबे का कहना है कि यह केवल एक भ्रम है। यह केवल डाइट प्लान का हिस्सा है और इसे बिना किसी डाइट प्लान के पूरा नहीं किया जा सकता है।
  • उनका कहना है कि इससे वजन तो कम हो सकता है परन्तु रोगों के खतरे बढ़ सकते है।
  • वह कहती है कि उनके पास कुछ ऐसे केसेस भी आये है जिसमे वाटर फास्टिंग करने के बाद लोग गंभीर रूप से बीमार हुए है।
  • ज्यादा दिन तक जल उपवास करने से शरीर में कमजोरी आ सकती है और तबियत भी गंभीर हो सकती है।
  • डॉ अलका बताती है कि पानी में सारे पोषक तत्व नहीं पाए जाते है जो की शरीर के लिए आवश्यक होते है। जिसके चलते हाइपोग्लाइसीमिया जैसी भयानक बीमारी हो सकती है।
  • केवल पानी के सेवन से शरीर में शुगर की कमी हो जाती है जिसके कारण व्यक्ति चक्कर और बेहोशी भी आने लगती है।
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