Siddhasana in Hindi: इस आसन का नियमित अभ्यास दिलाएगा अनेक घातक रोगों से निजात
जैसे की इस आसन का नाम है सिद्धासन इसके नाम से ही इसका अर्थ समझ आता है एक ऐसा आसन जिससे सिद्धि को प्राप्त किया जा सकता हो । प्राचीन काल में हमारे मुनी लोग इस ही आसन को कर के बड़ी बड़ी सिद्धि प्राप्त करते थे ।
सिद्धासन को करने से एक नही कई सारे फायदे होते है और सिद्धासन को करने में बहुत ज्यादा कठिनाई भी नही होती है। इस आसन को हर कोई कर सकता है, बच्चे भी सिद्धासन को बहुत आसानी से कर सकते है । वैसे तो हमारे योग में बहुत से आसन है पर 84 लाख आसनों में सिद्धासन को सबसे ऊपर रखा गया है यानि इसे सर्वश्रेष्ठ माना गया है ।
इस Siddhasana को करने मात्र से समस्त नाड़ियो का शुद्धिकरण होता है । सिद्धासन एक ऐसा आसन है जो एक नही बल्कि कई सारी बीमारियों को जड़ से खत्म करता है । बस आपको इस आसन को नियमित रूप से करना होता है तभी आपको उसका लाभ प्राप्त होता है अगर आप 4-5 करके उसे बीच में छोड़ेंगे तो इससे कोई लाभ नही मिल पायेगा आप जो भी आसन करे उसे नियमित तौर पर करना बेहद जरूरी होता है ।
योग और व्यायाम ये ऐसी चीजे है जो बिना किसी मेडिसिन के आपको बीमारियों से निजात दिला सकती है । ऐसा ही ये सिद्धासन भी होता है । इसके परिणाम किसी चमत्कार से कम नही होते साथ ही ये आसन एकाग्रता को भी बढ़ाता है । आइये जानते है Siddhasana Yoga को करने का क्या तरीका होता है। सिद्धासन को कैसे किया जाता है।
Siddhasana Yoga: जाने इसे करने का तरीका, फायदे और सावधानियां
Siddhasana Steps :
- Siddha Asana करने के लिए सबसे पहले जमीन पर कोई आसन बिछाकर बैठ जाइये उसके बाद अपने दोनों पैरो को खोल दे और रीढ़ को बिलकुल सीधा रखे ।
- अब पहले अपने बाये पैर को मोड़िये और बाये पैर की एडी को अपने गुप्तांग के मध्य भाग में रखिये।
- फिर अपने दाये पैर को उठाकर गुप्त अंग के मध्य भाग पर रखे ।
- आपके दोनों पैरो के पंजे जांघो और पिंडलियों के बीच होना चाहिए और दोनों पैरो की टखनी एक के ऊपर एक रहनी चाहिए ।
- अपने दोनों हाथों को घुटने के ऊपर रखे ।
- अब दोनों हाथों की तर्जनी को अंगूठे से स्पर्श करते हुए ध्यान मुद्रा बनाये ।
- रीढ़ की हड्डी और सिर को बिलकुल सीधा रखे ।
- अपनी दृष्टि को नाक की और केन्द्रित करे ।
- अब अपनी आँखे बन्द करे और सांस को सामान्य रखे ।
- अब इसी अवस्था में पहले 5 मिनट तक ध्यान करे फिर धीरे से इसे बढ़ाकर 15 मिनट तक हर रोज़ सिद्धासन करे।
Siddhasana Benefits :
- सर्वप्रथम तो आप सिद्धासन को करके सिद्धि को प्राप्त कर सकते है ।
- सिद्धासन श्वास के रोगों को दूर करता है । हृदय से संबंधित बीमारियों को भी दूर करता है ।
- दमा के रोगियों को सिद्धासन करने से विशेष लाभ मिलता है ।
- इस आसन को नियमित रूप से करने पर यह एकाग्रता को बढ़ाता है इसलिए ये विधार्थियों के लिए बहुत हितकारी होता है। इसे करने से विधार्थियों को एकाग्रता के साथ उनकी याददाश्त भी बढती है ।
- सिद्धासन पुरुषों के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद साबित होता है सिद्धासन पुरुषों की यौन सम्बन्धित बीमारियों को दूर करता है ।
- इसे करने से आपकी पाचन क्रिया भी मजबूत होती है, सिद्धासन पाचन को नियमित करता है।
- सिद्धासन करने से आपको ब्रह्मचर्य का पालन करने में भी सहायता मिलती है ।
- सिद्धासन को नियमित तौर पर करने से आप अपनी ध्यान शक्ति को भी बढ़ा सकते है ।
- इसे करने से स्वप्नदोष की शिकायत भी दूर होती है । यह बवासीर की बीमारी को भी धीरे-धीरे खत्म कर देता है ।
- सिद्धासन के नियमित अभ्यास से आप अपने अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते है । मधुमेह (शुगर) को भी इससे नियंत्रित रखा जा सकता है ।
- सिद्धासन से कुम्भक सिद्धि को भी प्राप्त किया जा सकता है। यह कुंडलिनी शक्ति को भी जागृत करने में सहायक होता है ।
- सिद्धासन से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है ।
इस तरह सिद्धासन के नियमित अभ्यास से आप बहुत सारी बीमारियों को दूर करके इसके फायदे उठा सकते है ।
सिद्धासन को करने से पहले रखे कुछ सावधानियां :
- सिद्धासन करते समय दोनों पंजे एक दूसरे से सटे हुए होना चाहिए ।
- इस आसन को करते समय सांस लेने की गति धीमी ही होनी चाहिए ।
- पहले आपको सिद्धासन 5 मिनट तक ही करना है और अगर आपको इस आसन को करने में कोई भी परेशानी हो रही है तो इस आसन को आप ज़बरदस्ती ना करे इस बात का ध्यान रहे ।
- अगर आप बल के प्रयोग से खुद से ये आसन करवाते है तो आपको इससे फायदे के स्थान पर नुकसान भी हो सकता है ।
- जिनकी कमर में दर्द रहता हो उन्हें सिद्धासन को करने का प्रयास नही करना चाहिए क्योंकि सिद्धासन को करते समय बिलकुल तन कर बैठना होता है, तो हो सकता है कमर दर्द के मरीज को ये शिकायत और बढ़ जाये इसलिए इन मरीज़ों को सिद्धासन नही करना चाहिए ।
- सिद्धासन को हमेशा खाली पेट करना चाहिए क्योंकि अगर आप खाना खाकर ये सिद्धासन करते है तो आपका मन ध्यान में नही लगेगा ।
- जिन लोगो के घुटने में दर्द होता हो उन्हें भी ये सिद्धासन नही करना चाहिए ।
- गर्भवती महिलाएं भी ज़बरदस्ती इस सिद्धासन को ना करे। अगर वो आसानी से सिद्धासन को करने में सक्षम हो तब ही इसे करे ।
- सिद्धासन को प्रात: काल करने से ज्यादा लाभ मिलता है और इससे पूरे दिन शरीर में ऊर्जा का संचार अच्छे से होता है।
- सिद्धासन को करते समय चित एकदम शांत रहना चाहिए ।
- सिद्धासन को प्रात: और सांय काल दोनों में से एक बार ही करे ।
- सिद्धासन को नियमित तौर पर करना चाहिए अगर आपको कोई परेशानी हो रही हो तभी इस आसन को नही करना चाहिए ।
इस तरह सिद्धासन को करने के पहले आप अपने शरीर की तकलीफों को अच्छे से जान ले उसके बाद आप इस आसन को नियमित रूप से करे और सिद्धासन के फायदे उठाये । सिद्धासन को नियमित रूप से करने पर ही आप इसके चमत्कारिक फायदों का लाभ उठा सकते है ।