Homosexuality in Hindi: क्या है समलैंगिकता? कैसे बचाएं बच्चों को समलैंगिक होने से

जब एक पुरुष को किसी पुरुष के प्रति और किसी महिला को किसी दूसरी महिला के प्रति आकर्षण हो जाता है तो इसी को पुरुषों के लिए होमोसेक्सुअल होना और महिलाओं के लिए लेस्बियन होना कहा जाता है । इस स्थिति में इंसान सेम सेक्स की तरफ आकर्षित हो जाता है।

वैसे कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो पुरुषों के साथ साथ महिलाओं की तरफ भी आकर्षित हो जाते हैं, ऐसे लोगों को हेट्रोसेक्सुअल और होमोसेक्सुअल दोनों कहा जा सकता है । इन्हें एक और नाम से बुलाया जाता है और वो है बाइ-सेक्सुअल ।

इन सभी सिचुएशंस को इस प्रकार हम समझ सकते हैं, जैसे किसी व्यक्ति को चाय बहुत पसंद है और किसी को कॉफी ज्यादा पसंद और किसी को चाय कॉफी दोनों पसंद है । बिलकुल इसी तरह कुछ लोगों को विपरीत सेक्स के व्यक्ति पसंद होते हैं तो कुछ लोगों को समान सेक्स के व्यक्ति और कुछ को दोनों तरह के सेक्स के व्यक्ति मतलब महिला और पुरुष दोनों की तरफ आकर्षण होता है।

चाहे वो स्ट्रेट हों, होमोसेक्सुअल हो, हेट्रोसेक्सुअल हो या फिर होमो और हेट्रो दोनों हो, इन चारो तरह के लोगों को विज्ञान की दृष्टि से नॉर्मल माना जाता है। हाँ समाजिक दृष्टि से सामान सेक्स की तरफ आकर्षित होने वालों को अभी तक बहुत से देशों में सही नहीं माना जाता है। जानते हैं Homosexuality in Hindi.

Homosexuality in Hindi: जाने आखिर क्या है समलैंगिकता

Homosexuality in Hindi

समलैंगिकता का कारण

  • आधुनिक विज्ञान कहता है की होमोसेक्सुअलिटी या समलैंगिकता के बीज व्यक्ति में जन्मजात होते हैं।
  • इसमें खुद होमोसेक्सुअल व्यक्ति का कोई हाँथ नहीं होता है साथ हीं इसमें उस व्यक्ति के माता पिता द्वारा किये गए पालन पोषण का भी कोई लेना देना नहीं होता है।
  • ऐसा कहा जाता है की जिस जोड़े में महिला दबंग और पावरफुल हो और पुरुष पावरलेस वहां बच्चे के समलैंगिक हो जाने की संभावना बढ़ जाती है।

मानसिक बीमारी है होमोसेक्सुअलिटी

  • चिकित्सा विज्ञान के अनुसार होमोसेक्सुअलिटी एक मेन्टल डिसऑर्डर अर्थात मानसिक बीमारी है।
  • चिकित्सा विज्ञान के मुताबिक़ मस्तिष्क के अंदर पिट्यूटरी नाम की एक ग्रंथि मौजूद होती है जिससे व्यक्ति के सेक्स हार्मोन कंट्रोल होते हैं।
  • ऐसा देखा जाता है की कई बार ये हार्मोन अधिक तो कई बार कम मात्रा में रिलीज होते हैं और यही अनियंत्रित हार्मोन की रिलीज के कारण व्यक्ति विपरीत सेक्स की तरफ आकर्षित हो जाता है।
  • मनुष्य के मस्तिष्क के अंदर मौजूद नयूरोंस में अगर किसी प्रकार की ख़राबी आ जाती है तब सेक्स हार्मोन का संतुलन अनबैलेंस हो जाता है और इसी के कारण मनुष्य में होमोसेक्सुअलिटी की भावना पैदा हो जाती है।

कैसे ठीक हो सकता है होमोसेक्सुअल व्यक्ति

  • होमोसेक्सुअल व्यक्ति अपनी होमोसेक्सुअलिटी की समस्या दूर कर सकता है पर ये तभी होगा जब वो खुद अपनी मर्जी से खुद को बदलना चाहता हो ।
  • अगर आप चाहें की परिवार या किसी और का दबाव बना कर व्यक्ति को बदल देंगे तो ऐसा कर पाना बहुत मुश्किल होगा।
  • इसलिए अगर किसी लड़के का किसी लकड़ी की तरफ किसी प्रकार का कोई झुकाव ना दिख रहा हो तो उसकी ज़बरदस्ती शादी बिलकुल नहीं करनी चाहिए।

पालन पोषण भी होता है जिम्मेदार

  • कुछ लोग ऐसा भी मानते हैं की समलैंगिकता के लिए व्यक्ति का पालन पोषण भी कुछ हद तक जिम्मेदार होता है।
  • पालन पोषण से तात्पर्य है बढती उम्र के दौरान बच्चे को किसी को-एड स्कूल में पढ़ाने के बजाये आल बॉयज स्कूल में पढ़ाना ।
  • ऐसी स्थिति में लड़कों का लड़कियों के साथ कोई मेल जोल नहीं हो पता है और इसी कारण लड़के का लड़कियों के प्रति किसी प्रकार का आकर्षण नहीं हो पाता है।
  • पर ऐसा भी नहीं है की होमोसेक्सुअलिटी के लिए सिर्फ पालन पोषण हीं पूर्ण रूप से जिम्मेदार है।

होमोसेक्सुअलिटी का इलाज

  • ऐसा लोग कहते हैं की होमोसेक्सुअलिटी का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है पर ऐसा नहीं है, होमोसेक्सुअलिटी का इलाज संभव है, लेकिन इसका इलाज हर परिस्थिति में संभव नहीं हो पाता है ।
  • ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस समस्या के वास्तविक कारकों का ठीक से पता नही लग पाता है।
  • अगर व्यक्ति में होमोसेक्सुअलिटी की समस्या के सही सही कारणों का पता चल जाए तो इसका सही इलाज भी संभव हो सकता है।

एड्स के लिए जिम्मेदार होमोसेक्सुअलिटी

  • एड्स जैसी घातक बीमारियों के लिए भी होमोसेक्सुअलिटी को काफी हद तक जिम्मेदार बताया जाता है।
  • जब कोई लड़का किसी एड्स पीड़ित लड़की के साथ सेक्स करता है तो उसे एड्स हो जाने की संभावना तकरीबन 35 फीसदी तक होती है।
  • पर यही संभावना तब बढ़ कर 100 फीसदी हो जाती है जब एक लड़का किसी दूसरे एड्स पीड़ित लड़के के साथ सेक्स करता है।

आपने ऊपर पढ़ा होमोसेक्सुअलिटी से जुड़ी कुछ आवश्यक जानकारियाँ। इससे बचाव के लिए बच्चों को शुरुआत से हीं होमोसेक्सुअलिटी के बारे में जानकारी देना शुरू कर देना चाहिए। ऐसा कर के हम बच्चों की होमोसेक्सुअल होने से बचा सकते हैं।

कैसे बताये होमोसेक्सुअलिटी से जुड़ी बातें बच्चों को

  • बच्चों को होमोसेक्सुअलिटी से जुड़ी बातें करना और उसकी जानकारी देना एक बहुत हीं कठिन कार्य है।
  • हम बच्चों को उनकी बढ़ती उम्र तथा उनके सोचने समझने की क्षमता के तहत होमोसेक्सुअलिटी से जुड़ी जानकारी दे सकते हैं ।
  • इस जानकारी को देते समय हमें ध्यान रखना चाहिए की हम बच्चों के समक्ष सरल और आसान शब्दों का उपयोग करें जिससे बच्चों को भी समझने में समस्या ना हो ।
  • बच्चों को इस से जुड़ी हर जानकारी एक बार में ना दें, बल्कि कोशिश करें की सारी जानकारी धीरे-धीरे और अलग अलग मौकों पर दी जाए ।
  • ना तो बच्चों को होमोसेक्सुअलिटी की सिर्फ बुराई बताएं और ना हीं सिर्फ अच्छाई बताएं, क्योंकि सिर्फ अच्छाई या सिर्फ बुराई बताने पर उस विषय के प्रति बच्चे की उत्सुकता ज्यादा बढ़ जाती है।
  • कोशिश करें की होमोसेक्सुअलिटी के विषय की मिली जुली हर बात अपने बच्चे को धीरे धीरे बता दें।
  • होमोसेक्सुअलिटी को मूल रूप से एक मनोविकार की तरह हीं माना जाता है। इसीलिए बच्चे को इस से जुड़ी हर बात की पूरी जानकारी होनी चाहिए जिससे वो गलत रास्ते परना जा पाए ।

इस लेख में आपने जाना होमोसेक्सुअलिटी अर्थात समलैंगिकता से जुड़ी बहुत साड़ी छोटी बड़ी जानकारियां, साथ हीं आपने जाना की कैसे आप अपने बच्चों में इस समस्या से ग्रसित होने से बचा सकते हैं। इन सभी बिंदुओं का ध्यान रखें और इस समस्या से हमेशा दूर रहें।

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