Chandra Grahan In Hindi: चंद्र ग्रहण के समय क्या करे और क्या ना करे
ग्रहण के बारे में तो आप बचपन से सुनते आ रहे होंगे। आप ने किताबों में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के बारे में पढ़ा भी होगा। हो सकता है आपने सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को देखा भी हो।
आपको बता दे की भारतीय संस्कृति में ग्रहण का विशेष स्थान है। हिन्दू धर्म में चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। जिसके कारण प्राचीन काल से चंद्र ग्रहण के दौरान हमारे पूर्वज कुछ नियमों का पालन करते आ रहे है क्योंकि इसका प्रभाव मनुष्यों पर पड़ता है।
ग्रहण में कई ऐसे कार्य हैं जिसे नहीं किये जाते है। लोग सारे कार्य छोड़कर भगवान् की आराधना करते है। आपने कभी सोचा है की ग्रहण होने से मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ सकता है ? यदि ग्रहण लगे तो क्या करना चाहिए ?
आज इस लेख में हम आपको चंद्र ग्रहण के बारे में बताने जा रहे है। हम बताएँगे की यह हमारे ऊपर किस प्रकार का असर डाल सकता है। आईये जानते है Chandra Grahan In Hindi.
Chandra Grahan In Hindi: जाने चंद्र ग्रहण के प्रभाव और सावधानियों के बारे में
क्या होता है चंद्र ग्रहण?
- चंद्र ग्रहण की स्थिति तब आती है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के मध्य आ जाती है। जिसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है। इसमें चंद्रमा का या तो पूरा भाग ढक जाता है या फिर आधा ढकता है।
- जब चन्द्रमा पूर्ण रूप से ढक जाता है तो उसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहा जाता है। और जब चन्द्रमा आधा ढका होता है तो उसे अर्ध चंद्र ग्रहण कहते है।
- चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओ को विशेष ध्यान रखना होता है साथ ही इस दौरान भोजन भी नहीं किया जाता है।
Chandra Grahan Pregnancy Effect
चंद्र ग्रहण का प्रभाव गर्भवती महिला पर पड़ता है जिसके कारण उसके शिशु को हानि पहुंच सकती है। जिसके कारण गर्भवती महिला को ग्रहण में विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।
- ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणें शिशु को हानि पंहुचा सकती है। इसलिए ग्रहण के समय महिला को घर से बाहर जाने के लिए मना किया जाता है।
- ग्रहण के दौरान किसी भी नुकीली या फिर पैनी चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जैसे कैंची, सुई या चाकू आदि। ऐसा कहा जाता है की यदि गर्भवती महिला ग्रहण के समय नुकीली चीजों का इस्तेमाल करती है तो उसका असर बच्चे के अंगो पर पड़ता है। शिशु के अंगो में विकृति आ जाती है।
- वैसे तो गर्भवती महिला को थोड़ा थोड़ा खाना दिनभर में खाते रहना चाहिए लेकिन यदि ग्रहण पड़ रहा है तो उस समय खाना नहीं खाने की सलाह दी जाती है।
- जिस कमरे में गर्भवती महिला रह रही है उसके खिड़कियों और दरवाज़ों को मोटे चादर या पेपर से ढक देना चाहिए ताकि चन्द्रमा का प्रकाश कमरे में ना आने पाए क्योंकि यह प्रकाश बच्चे को हानि पंहुचा सकता है।
- गर्भवती महिला को ग्रहण के दौरान पानी नहीं पीना चाहिए। ऐसा करने से ऐसा माना जाता है की शिशु की त्वचा सूख हो जाती है।
- महिला को ग्रहण के दौरान सोना भी वर्जित माना गया है।
- ग्रहण के समाप्त होने के बाद महिला को नहाना चाहिए ऐसा नहीं करने से बच्चे को बीमारियाँ हो सकती है।
ग्रहण के समय भोजन क्यों नहीं करना चाहिए ?
- ऐसा कहा जाता है की ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए और यदि भोजन रखा हुआ है तो उसे भी नहीं खाना चाहिए।
- बैक्टेरिया का संक्रमण ग्रहण के समय में सबसे अधिक होता है। जिसका संक्रमण भोजन पर भी हो सकता है इसलिए ग्रहण में भोजन नहीं किया जाता है।
- ग्रहण के समय खाद्य पदार्थ, जल आदि में सूक्ष्म जीवाणु इकट्ठा हो जाते है जिससे वह दूषित हो जाता है। जिसके कारण खाद्य पदार्थों को खाना नहीं चाहिए।
- वैज्ञानिकों का मानना है की ग्रहण के समय पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है जिसके कारण यदि भोजन किया जाये तो अपच की समस्या उत्पन्न हो जाती है इसलिए ग्रहण में भोजन नहीं किया जाता है।
Moon Eclipse के दौरान रखने वाली सावधानियां
गर्भवती महिलाओ के अतिरिक्त सामान्य लोगो को भी ग्रहण में कुछ सावधानियों को बरतने की आवश्यकता होती है। जैसे –
- ग्रहण के समय खाना पीना नहीं चाहिए और जैसे ही ग्रहण समाप्त होता है स्नान करना चाहिए।
- चंद्र ग्रहण के दौरान मल- मूत्र त्याग, सर में तेल और कंघी, ब्रश आदि काम नहीं करने चाहिए।
- ग्रहण से बचाव करने के लिए घर में रखे जल और अन्न में तुलसी या फिर दूर्वा डालना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान सोना भी मना होता है। कहा जाता है की इस दौरान प्रार्थना और भगवान् की आराधना में समय बिताना चाहिए। मूर्ति पूजा करना भी ग्रहण में वर्जित होता है। ग्रहण के दौरान मंदिर के पट भी बंद रखे जाते है।
कितना होता है सूतक काल –
- ग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पहले सूतक लगता है जिसमे भी उपरोक्त चीजों को नहीं करना चाहिए।
- सूतक का अर्थ ख़राब समय या फिर ऐसे समय से होता है जब प्रकृति ज्यादा संवेदनशील होती है।
नोट – बच्चों, बूढ़ो और बीमार व्यक्ति को ग्रहण का प्रभाव नहीं लगता है। इस दौरान यह अपनी दवाओं का सेवन कर सकते है साथ ही आराम भी कर सकते है।
ग्रहण के दौरान क्या करे –
- ग्रहण के समय भगवान की आराधना करना अच्छा होता है।
- तुलसी दल को सूतक के पहले ही तोड़ लेना चाहिए और इसे खाद्य पदार्थ जो फेकने योग्य नहीं है जैसे की दूध, जल अनाज आदि में डाल देना चाहिए।
- जितना हो सके धार्मिक पुस्तकों को पढ़े। यह ग्रहण के दौरान लाभकारी होती है।
- इस दौरान बुरा नहीं सोचना चाहिए। सकारात्मक विचारों को ही मन में लाना चाहिए।
- सूतक से दौरान भी भोजन को कलह कर ख़त्म कर ले ताकि ग्रहण के दौरान न खाना पड़े।
- ग्रहण के समाप्त होने के बाद घर में घी और खीर से हवन करना अच्छा होता है ऐसा करने से आपको लाभ की प्राप्ति होती है साथ ही लंबे रोग से छुटकारा भी मिलता है।
इस तरह ग्रहण के दौरान उपरोक्त चीजों को नहीं करना चाहिए।यह मान्यताएं प्राचीन काल से चली आ रही हैं। हालाँकि वैज्ञानिक तौर पर सभी चीजों की पुष्टि पूर्ण रूप से नहीं हुयी है। परन्तु इन मान्यताओं को माना जाता आ रहा है। इसलिए इन चीजों का ध्यान रखे।