Dengue Symptoms in Hindi: जाने डेंगू बुखार के कारण, लक्षण, बचाव और उपचार

आंकड़ों के अनुसार हर वर्ष करीब 10 करोड़ लोग डेंगू से ग्रसित हो जाते हैं। अगर बात भारत की करें तो भारत में भी हर वर्ष कई लोग डेंगू की वजह से काल के गाल में चले जाते हैं। रोज़ाना अखबारों और समाचार चैनलों पर हमे डेंगू बुखार के परेशान लोगों की ख़बरे देखने को मिलती रहती हैं।

डेंगू दरअसल एक संक्रामक बीमारी है जो एक ख़ास प्रकार के मच्छर के काट लेने से फैलता है। इस रोग से हर साल कई लोगों की जान चली जाती है। हम अगर चाहें तो इस बीमारी को हमेशा के लिए खत्म कर सकते हैं और इसके लिए बस जागरूकता की जरुरत पड़ती है। अगर हमारा देश और दुनिया इस बीमारी के प्रति जागरूक हो जाते हैं तो हम इससे बच सकते हैं।

हमें मालूम है की मच्छरों का जन्म कूड़े-कचरे और गंदगी के कारण होता है। Causes of Dengue भी इन्हीं मच्छरों में से एक होते है। अगर हम सब अपने आस पास के क्षेत्रों की स्वच्छता का ख्याल रखें तो हम मच्छरों पर नियंत्रण पा सकते हैं। अगर हम मच्छरों पर नियंत्रण पा लेंगे तो खुद हीं डेंगू पर भी नियंत्रण हो जाएगा।

आज के समय की ये मांग है की लोगों को डेंगू की बीमारी के प्रति जागरूक बनाया जाए और उन्हें बताया जाए की वो अपने आस पास के इलाके को स्वच्छ रखें। इस लेक के माध्यम से मेरी ऐसी कोशिश रहेगी की मैं आपको Dengue Symptoms in Hindi से जुड़े सभी महत्वपूर्ण जानकारियों से आपको अवगत करा दूँ।

Dengue Symptoms in Hindi: जाने डेंगू बुखार क्या है और इसके होने पर क्या करें

Dengue Symptoms in Hindi

जाने डेंगू क्या है

  • डेंगू दरअसल एक विषाणुजनित रोग है जो मनुष्यों को तब अपना शिकार बनाती है जब एडीज नाम के मच्छर की प्रजाति का मच्छर काट आपको लेता है।
  • जब एडीज प्रजाति का मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तब उसके वायरस शीघ्रता के साथ रोगी के बॉडी में अपना असर दिखाने लग जाते हैं।
  • इसके असर के कारण शुरुआत में कुछ Signs of Dengue देखने को मिलते हैं, इसके अंतर्गत रोगी को हाई फीवर और हेडेक जैसे परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है।
  • इस दौरान होने वाला हाई फीवर ‘हड्डी तोड़ बुखार’ और ‘ब्रेक बोन फीवर’ के नाम से भी जाना जाता है।
  • डेंगू हो जाने पर पीड़ित के खून में प्लेटलेट्स काउंट बड़ी तेजी से घटने लग जाती है। इसके कारण कई बार जान का ख़तरा भी बढ़ जाता है।

किस मौसम में ज्यादा फैलता है डेंगू

  • वैसे तो डेंगू कभी भी फ़ैल सकता है पर ज्यादातर ऐसा देखा जाता है की यह गर्मी या फिर बरसात के समय बड़ी हीं तेजी से फैलता है।
  • डॉक्टरों का कहना है की डेंगू के मच्छर जब भी जन्म लेते हैं तो वो किस साफ़ पानी में हीं जन्म लेते हैं। हो सकता है की ये छत पर लगी पानी की किसी टंकी, घड़े और बाल्टियों में जमा पीने के पानी, कूलर में डाले जाने वाले पानी, गमलो में जमा हुए पानी आदि में जन्म ले लें।
  • कुछ लोग ऐसा सोचते हैं की ये गंदे पानी में जन्म लेते हैं तो ये गलत है। गंदे पानी में मलेरिया के मच्छर पनपते हैं डेंगू के नहीं।
  • विशेषज्ञ बताते हैं की साफ़ पानी में पनपने वाले ये डेंगू के मच्छर अधिकतर दिन के समय में हीं काटते हैं।
  • डेंगू छूने या रोगी के संपर्क में जाने से नहीं फैलता है, ये सिर्फ और सिर्फ मच्छर के काटने से ही फैलता है।

जाने डेंगू के लक्षण

  • तेज ठंड लगना और तेज बुखार आना डेंगू शुरूआती लक्षण माने जाते हैं।
  • इसके कारण रोगी की कमर, मांसपेशियों, आँखों, जोड़ों और सिर में बहुत तेज दर्द भी उठता है।
  • इसकी वजह से कभी कभी हल्की खाँसी, गले में दर्द और खराश जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती है।
  • इस दौरान शरीर पर अलग अलग हिस्सों पर लाल-लाल दाने दिखाई देना और चमड़ी के नीचे लाल चट्टे नजर आने लगते हैं।
  • थकावट की समस्या, भूख कम लगना और शरीर में कमजोरी महसूस होना भी डेंगू के लक्षण माने जाते हैं।
  • उलटी, जी मिचलाना और दस्त की समस्या भी डेंगू के लक्षणों में आते हैं।
  • डेंगू के गंभीर रूप ले लेने पर आँख और नाक में से खून निकलने की समस्या भी होने लग जाती है।

डेंगू के प्रकार

डेंगू के कुछ प्रकार ज्यादा परेशानी पैदा नहीं करते हुए इनमे मरीज को किसी प्रकार का जान का खतरा नहीं होता है। इन मामलो में डेंगू मच्छर के काट लेने की वजह से कभी हल्का बुखार हो जाता है तो कभी कुछ भी फर्क नहीं पड़ता हैं। डेंगू का बुखार तीन प्रकार का होता है।

  • क्लासिकल डेंगू बुखार:
  • डेंगू हॅमरेजिक बुखार:
  • डेंगू शॉक सिंड्रोम:

डेंगू के इन तीन प्रकारों में से क्लासिकल डेंगू बुखार होने पर किसी की जान को कोई ख़तरा नहीं रहता है। इसका आम उपचार करवा कर भी इसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन अगर किसी को डेंगू हॅमरेजिक बुखार या फिर डेंगू शॉक सिंड्रोम हो जाता है तो उसे सही वक़्त पर उपचार जरूर देना चाहिए नहीं तो खतरा बढ़ जाता है।

डेंगू का उपचार

  • Dengue Treatment में डॉक्टर मुख्य रूप से रोगी के प्लेटलेट्स काउंट को नार्मल करता है। जिस मरीज का प्लेटलेट्स काउंट घट जाता है उसे बाहर से प्लेटलेट्स चढ़ाए जाते हैं।
  • इन उपचारों के अलावा कुछ और बातों पर इस दौरान ध्यान देने की जरुरत होती है जैसे..
  • इस दौरान रोगी को तरल चीजे ज्यादा देनी चाहिए ताकि बॉडी में पानी की कमी न हो पाए।
  • पीपते के पत्ते बहुत फायदेमंद होते हैं। इसे पानी के साथ पीस कर या फिर उबाल कर देने से रोगी के खून में प्लेटलेट्स बढ़ते हैं। पर इसे देने से पहले डॉक्टर की रजामंदी जरूर ले लें।
  • इस दौरान रोगी को डिस्प्रीन या एस्प्रीन जैसी गोलियां ना दें।
  • बुखार को कम करने के लिए इस दौरान पेरासिटामॉल दी जा सकती है
  • इस दौरान नारियल पानी और जूस पीना लाभदायक माना जाता है।

डेंगू से बचाव

  • जैसा की आपने ऊपर पढ़ा डेंगू एक मच्छर के काटने से होता है तो Prevention of Dengue के लिए आपको अपना बचाव मच्छरों से करना पड़ता है।
  • डेंगू साफ़ पानी में फैलता है इसलिए अपने आस पास पानी ज्यादा समय जमा न रहने दें और इन्हे बदलते रहें। कूलर में कैरोसीन तेल छिड़क दें।
  • अगर बुखार खुद से जल्दी कम नहीं हो रहा हो तो डॉक्टर के पास जा कर जांच ज़रूर करवाए।
  • अपने बच्चों को हमेशा पूरी बाजू के कपड़े पहना कर रखें।
  • घर और मोहल्ले में कीटनाशक का छिडकाव करवाए
  • इस मौसम पे ज्यादातर अपने घर की खिडकियों को बंद हीं रखे

इस लेख में आपने पढ़ा डेंगू बुखार से जुड़ी उपयोगी जानकारियाँ। ध्यान रखें की डेंगू के बारे में जागरूक रह कर हीं आप इस बीमारी से बच सकते हैं।

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