Til Ke Beej Ke Fayde: औषधीय गुणों से भरपूर है तिल
भारत में दो प्रकार का तिल पाया जाता है सफेद और काला। यह चाहे सफेद हो या काला इसके दाने-दाने में सेहत की बात होती है। इसका हुमारे खान -पान में बहुत महत्व है। आयुर्वेद में भी तिल का बड़ा महत्व है।
आयुर्वेद के अनुसार, तिल मिले हुए जल से स्नान, तिल के तेल से मालिश करने से, तिल से यज्ञ में आहुति देने से, तिल मिश्रित जल को पीने से और भोजन में तिल का प्रयोग करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और पापो से मुक्ति मिलती है।
तिल की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसका सेवन सर्दियो में करने से शरीर में उर्जा बनी रहती है। इसमे कई तरह के पोशाक तत्व जैसे प्रोटीन, कैल्शियम, काम्प्लेक्स बी, कारबोहाइड्रेट, फाइबर, ज़िंक, कॉपर और मैग्नीशियम आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। जो सेहत के लिए फायदेमंद है। तिल का प्रयोग प्राचीन काल से सेहत बनाए रखने के लिए किया जाता रहा है।
घर के व्यंजनो और खासतौर पर मकर संक्रांति पर तिल का प्रयोग लड्डू बनाने में किया जाता है। अपने खास गुणों के कारण इसके अनेक फायदे है। आइए जानते है तिल के बीज के फायदे|
तिल के बीज के फायदे: जानिए इसके स्वस्थ लाभ
तिल में मोनो सैचुरेटेड फैटी एसिड होता है जो शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करके गुड कोलेस्ट्रॉल को बड़ाने में मदद करता है। यह हृदय रोग, दिल का दौरा और अथेरोस्क्लेरोसिस की संभावना को कम करता है। आयुर्वेद में तिल मधुमेह, कफ, पित्त-कारक, निम्न-रक्तचाप में लाभ, स्तनो में दूध उत्पन्न करने वाला, गठिया, मलरोधक और वात नाशक माना जाता है। आइए जानते है Sesame Seeds Benefits in Hindi:-
बालो के लिए
- तिल के पौधे की जड़ और पत्तो को मिलाकर काढ़ा बनाकर उसे बालो पर लगाने से बालो का रंग काला होने लगता है।
- इसके फूल और गोक्शुर को समान मात्रा में लेकर, शहद या घी में मिलाकर पीस ले और लेप बना ले और इसे सर पर लगाए जहा बाल कम है। ऐसा करने से गंजापन दूर होता है।
- काले तिल के तेल को साफ़ करके उससे बालो पर लगाने से बाल कभी सफेद नहीं होते है।
पेशाब अधिक आने पर
अगर आप पेशाब अधिक आने की समस्या से परेशन है तो यह तरीका आज़माए ज़रूर लाभ मिलेगा।
एक कड़ाई में सफेद तेल 100ग्राम, अजवाइन 50ग्राम, और खसखस 50 ग्राम की मात्रा में मिलाकर हल्का गुलाबी होने तक सेक ले। इसके बाद इसे पीसकर पाउडर बना लीजिए। प्रतिदिन 2 चम्मच दिन में 2 बार सेवन करे।
कैंसर से बचाए
तिल में सेसमीन नमक एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह कैंसर को कोशिकाओ को बढ़नेसे रोकता है और उसके जीवित रसायनो को रोकने में भी मदद करता है। यह फेफड़ो के कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, पेट के कैंसर, ल्यूकेमिया और अमाशेय के कैंसर को रोकने में बहुत ही मदद करता है।
तनाव और मानसिक दुर्बलता दूर करे
तिल में नियासिन नामक विटामिन होता है। यह मानसिक कमज़ोरी को दूर करता है। जो हमारे तनाव को कम करने में मदद करता है। प्रतिदिन भोजन में या सामान्य रूप से भी इसका सेवन किया जा सकता है।
हृदय की मांसपेशियो के लिए
यह पोषक तत्वो से परिपूर्ण होता है। इसमे ज़रूरी मिनरल जैसे कैल्शियम, आयरन, ज़िंक, मैग्नीशियम और सेलीनीयम पाया जाता है, जो हृदय की मांसपेशियो को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है और हृदय को नियंत्रित अंतराल में धड़कने में मदद करता है।
कमर दर्द में
- काला तिल 20 ग्राम और सुखा हुआ खजूर दोनो को मिलाकर छोटे-छोटे टुकड़े कर लीजिए। इस मिश्रण को 1 ग्लास पानी में उबाल ले। अच्छी तरह उबल जाने के बाद इसे छान लीजिए और 1 चम्मच देसी घी मिला लीजिए। नियमित रूप से दिन में 1 बार इसका सेवन करने से कमर दर्द में शीघ्र आराम मिलता है।
- इसके अलावा कमर दर्द और पीठ दर्द दूर करने के लिए, हींग और सोंठ को मिलाकर गर्म करे और इस तिल के तेल में मिलकर दर्द वाले स्थान पर लगाए बहुत जल्दी लाभ मिलेगा।
त्वचा पर लगाए
तिल का उपयोग चेहरे और त्वचा को निखारने में किया जाता है। तिल को दूध में मिलाकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे पर प्राकृतिक चमक आने लगती है। इसके अलावा प्रतिदिन तिल के तेल की मालिश करने से त्वचा की खुश्की दूर हो जाएगी।
शरीर पर घाव हो जाने पर या त्वचा जल जाने पर तिल को पीसकर घी या कपूर के साथ लगाने से राहत मिलती है और घाव भी ठीक हो जाते है।
खाँसी में फायदेमंद
- सफेद तिल और काली मिर्च 2 चम्मच मिलाकर, 1 ग्लास पानी में अच्छी तरह उबाल ले। जब पानी आधा रह जाए तो इसे छान ले और हल्का गर्म ही पीले। इससे खाँसी में लाभ मिलेगा।
- सुखी खाँसी हो जाने पर 3 से 4 चम्मच तिल और मिश्री को मिलाकर पानी में उबाल ले। आधा रह जाने पर इसे हल्का गर्म ही पीले।
- इसके अलावा तिल के तेल को लहसुन के साथ हल्का गर्म करके कानो में डालने से कान का दर्द ठीक होता है।
शिशुओ के लिए
- 100 ग्राम तिल के अंदर 18 ग्राम प्रोटीन होता है, जो बच्चो के विकास और उनकी हड्डियो को मजबूत बनाना में मदद करता है।
- एक शोध के अनुसार तिल के तेल से बच्चो की मालिश करने से उनकी मांसपेशिया सक्थ होती है और उन्हे मजबूत बनाती है। इसके अलावा तिल के तेल की मालिश से उन्हे नींद भी अच्छी आती है।
- बच्चो में बिस्तर गीला करने की आदत होती है, इसके लिए 50 ग्राम तिल में 200 ग्राम गुड मिलाकर इन्हे पिसले और प्रतिदिन सुबह-शाम 5 से10 ग्राम की मात्रा खिलाए।
खून की कमी
एक अध्यन के अनुसार, यह उच्च रक्तचाप को कम करने के साथ-साथ इसका एंटी ग्लाइसेमिक प्रभाव रक्त में ग्लूकोस के स्तर को 36% तक कम करने में सहायक होता है। जब यह मधुमेह विरोधी दवा ग्लिबेनक्लेमाईड के साथ मिलकर काम करता है, इसलिए टाइप -2 मधुमेह रोगियो के लिए यह लाभप्रद साबित होता है।
खूनी बवासीर
अगर आप खूनी बवासीर से परेशान है तो 10 ग्राम काली तिल को पानी के साथ पीसकर 1 चम्मच मक्खन मिलाकर खाए। इसमे आप मिश्री का उपयोग भी कर सकते है और दिन में दो बार खा सकते है।
सूजन या मोच आने पर
- मोच में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए तिल को पीसकर पानी में मिलाए और हल्का गर्म-गर्म मोच वाले स्थान पर लगाने से लाभ मिलेगा।
- तिल का तेल 50 ग्राम, इसमे आधा चम्मच सेंधा नमक मिलाकर गर्म का लीजिए। जब यह तेल हल्का गर्म हो जाए तब रात में सोने से पहले सूजन वाले स्थान पर इससे मालिश करे।
मूह के छाले, मुहासे और फटी अड़ीया
- मूह में तकलीफ दायक छाले हो जाने पर, तिल के तेल में सेंधा नमक मिलकर छालो पर लगाए।
- चेहरे पर मुहासे होने पर तिल को पीसकर मक्खन के साथ मिलाकर लगाने से किल-मुहासे ठीक हो जाते है।
- अगर आप फटी हुई एडियो से परेशान है तो अब आपको घबराने की ज़रूरत नही है। तिल के तेल में थोडा सा सेंधा नमक और मोम को मिलाकर फटी एडियो पर लगाने से यह जल्दी भर जाते है।
दांतों के लिए
तिल दांतों के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। सुबह-शाम ब्रश करने के बाद चुटकी भर तिल को चबाने से दाँत मजबूत होते है और शरीर में कैल्शियम की आपूर्ति भी बनी रहती है।
पायरिया और दांतो के हिलने की समस्या होने पर, फिर तिल के तेल को 10-15 मिनिट तक मूह में रखे और फिर इसी से गरारे करने चाहिए। ऐसा करने से दांतो के दर्द में भी आराम मिलता है। गर्म तिल के तेल के साथ हींग का भी प्रयोग किया जा सकता है।
अन्य लाभ
- तिल के लड्डू खाने से महिलाओ में मासिक धर्म के समय में होने वाली तकलीफ़ से राहत मिलती है।
- जोड़ो के दर्द को दूर करने के लिए 1 चम्मच तिल को रात में पानी में भिगोकर रख दे और सुबह इसे पीले। इसके अलावा प्रतिदिन सुबह के समय 1 चम्मच तिल को आधा चम्मच अदरक के साथ मिलाकर चूर्ण बनाकर हल्के गर्म दूध के साथ लेना चाहिए। ऐसा करने से जोड़ो के दर्द में जल्दी आराम मिलता है।
- पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए समान मात्रा में मुनक्का, नारियल की गिरी, और मावा को अच्छी तरह मिला ले। इस मिश्रण की बराबर मात्रा में तिल पीसकर इसमे मिलाए। इसमे आप स्वादानुसार मिश्री भी मिला सकते है। सुबह के समय खाली पेट इसका सेवन करने से शरीर में बाल, बुद्धि और स्फूर्ति में वृद्धि होती है।
- कब्ज को दूर करने के लिए तिल को बारीक पीसकर गुड या मिश्री के साथ खाना खाने के बाद खाए पाचन शक्ति बढ़ेगी और कब्ज की समस्या भी दूर होगी।
- तिल का तेल गाड़ा होता है, इस कारण यह आसानी से त्वचा में मिल जाता है। जिससे यह त्वचा को अंदर से पोषण मिलता है। तिल के बने तेल से नियमित मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन की प्रक्रिया भी ठीक रहती है और शतिग्रस्त मांसपेशियो की मरम्मत भी हो जाती है।
आज हमने आपको तिल के बीज के फायदों के बारे में बताया, जो आपको स्वस्थ शरीर के साथ-साथ मानसिक रूप से भी मजबूत बनाता है।