Migraine and Stroke: जाने माइग्रेन और स्ट्रोक की समस्या में क्या है समानता और अंतर
आजकल लोगो में तनाव और चिंता बढ़ती जा रही है जिसके कारण उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिसमे से एक सामान्य समस्या होता है सिरदर्द की परेशानी ।
सिरदर्द की समस्या के कई अन्य कारण भी हो सकते है। सिरदर्द की समस्या आपको कभी कभी होती है तब यह सामान्य है लेकिन यदि आपको यह सिरदर्द लगातार बना रहता है तो यह माइग्रेन की समस्या भी बन सकता है।
माइग्रेन से आज बहुत लोग पीड़ित है। माइग्रेन के बढ़ने से लोगो को स्ट्रोक की समस्या भी हो सकती है। यह बीमारियाँ एक दूसरे से लिंक होती है। जिसके बारे में जानकारी रखना बहुत ही ज़रुरी होता है क्योंकि जब तक आपको इसके बारे में सही जानकारी नहीं होगी। आप इसका सही उपचार कराने में असमर्थ होंगे।
इस लेख में हम आपको Migraine और स्ट्रोक के बारे में बता रहे है जिससे आप दोनों के अंतर को भी जान पाएंगे क्योंकि कई लोग माइग्रेन और स्ट्रोक को एक ही समझ लेते है। आईये जानते है Migraine and Stroke के बारे में।
Migraine and Stroke: जाने इन दोनों समस्याओं के लक्षण बचाव और सावधानियां
क्या होता है माइग्रेन: What is Migraine
- माइग्रेन में रोगी को सर के केवल आधे भाग में तेजी से दर्द होता है। यह दर्द बहुत ज्यादा होता है जिसे सहना बहुत ही कठिन होता है।
- यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या होती है। माइग्रेन में दर्द रुक रुक कर होता है और जब भी दर्द होता है तो सर के आधे हिस्से में व्यक्ति को भरी पीड़ा का सामना करना पड़ता है।
- यह दर्द कुछ समय के लिए हो सकता है या फिर कुछ दिनों तक भी बना रह सकता है। माइग्रेन में सिरदर्द तो होता ही है परन्तु साथ में रोगी को उलटी, गैस और मितली की समस्या भी हो सकती है।
माइग्रेन के लक्षण
सिरदर्द होने के अतिरिक्त भी माइग्रेन के अन्य लक्षण होते है जो की निम्न है।
- हाँथ पैर का ठंडा पड़ना या फिर सुन्न होना
- उलटी होना
- मितली की समस्या
- कमजोरी आना
- अधिक पसीना आना
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
- आँखों में दर्द की समस्या
- धुंधला दिखाई देना
यह लक्षण कुछ समय से लेकर कुछ घंटो और दिनों तक भी बने रह सकते है।
आवश्यक जानकारी
- माइग्रेन की समस्या होने पर रोगी को भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए।
- रोगी को पर्याप्त मात्रा में नींद लेना चाहिए इससे भी दर्द से राहत मिलती है।
- डॉक्टर द्वारा दी गयी दवा को नियमित रूप से लेनी चाहिए। नियमित रूप से दवा नहीं लेने से दर्द बढ़ सकता है।
- तनाव से भी माइग्रेन की समस्या बढ़ जाती है इसलिए चिंता और तनाव से दूर रहे। तनाव को दूर करने के लिए योग व प्राणायाम भी किया जा सकता है।
- रोगी को दर्द होने पर सर पर ठंडे पानी की पट्टियाँ लगानी चाहिए, इससे राहत मिलती है।
सावधानियां
- माइग्रेन के रोगी को धूप में नहीं निकलना चाहिए। इससे दर्द बढ़ भी सकता है।
- अधिक तेज रौशनी में नहीं देखना चाहिए।
- अधिक पास से लैपटॉप, कम्प्यूटर और टीवी जैसी चीजों को नहीं देखना चाहिए। इससे आँखों पर जोर पड़ता है। यह भी माइग्रेन के दर्द का कारण बन सकता है।
- रोगी को अधिक ऊचाई वाली जगहों पर भी नहीं जाना चाहिए।
- डॉक्टर को पूछे बिना किसी भी दवा का सेवन न करे।
स्ट्रोक: What is Brain Stroke
- स्ट्रोक की समस्या तब आती है जब दिमाग तक रक्त को पहुंचाने वाली नलिकाएं नष्ट हो जाती है और रक्त दिमाग तक नहीं पहुंच पाता है।
- इस परिस्थिति को ब्रेन स्ट्रोक कहा जाता है। ब्रेन स्ट्रोक दिमाग में ब्लीडिंग होने से, खून का थक्का बनने से और रक्त के संचार के रुक जाने के कारण होता है।
- ब्रेन स्ट्रोक की समस्या होने से रोगी को याददाश्त की परेशानी, लकवा और बोलने में परेशानी जैसी समस्याएं भी हो सकती है।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण निम्न होते है।
- सिरदर्द होना
- उलटी की समस्या
- हाँथ पैरों का सुन्न होना
- भ्रम की स्थिति उत्पन्न होना
- बोलने में परेशानी
- चक्कर आना
- डिप्रेशन
- आवाज लड़खड़ाना
- लकवा लगना
यह लक्षण कुछ मिनट के लिए हो सकते है या फिर कुछ घंटो और कुछ दिनों तक के लिए भी दिखाई दे सकते है।
आवश्यक जानकारी
- स्ट्रोक से बचाव के लिए संतुलित आहार का सेवन करना अच्छा रहता है। साथ ही अपने वजन को भी नियंत्रित रखना चाहिए। वजन के बढ़ने से इसके अलावा अन्य बीमारियाँ भी हो सकती है।
- व्यायाम को अपने दैनिक जीवन में शामिल करे। यह आपको स्वस्थ्य रखने में मदद करता है।
- अपने शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने नहीं देना चाहिए। यह भी स्ट्रोक की समस्या का कारण बनता है।
- रक्त चाप को भी नियंत्रित रखे। साथ ही यदि आपको अनिंद्रा की समस्या है तो उसका भी इलाज जल्द करवाए।
- फलों और सब्जियों का सेवन करना स्ट्रोक रोगी के लिए बहुत अच्छा होता है। साथ ही शरीर को स्वस्थ रखने के लिए इनका सेवन करे। इसके अलावा फाइबर युक्त आहार का सेवन करे यह भी बहुत लाभकारी होता है।
सावधानिया
- शराब का सेवन कम करे। हो सके तो शराब पीना छोड़ दे।
- तम्बाकू और धूम्रपान जैसी चीजों से भी दूर रहे।
- जो व्यक्ति धूम्रपान करते है उनसे भी स्ट्रोक रोगी को दूर रहना चाहिए।
- वसा युक्त पदार्थों का सेवन कम से कम करना चाहिए।
- शक्कर युक्त पेय पदार्थो का सेवन नहीं करना चाहिए और शक्कर का भी कम मात्रा में उपयोग करना चाहिए।
माइग्रेन और स्ट्रोक में अंतर
माइग्रेन और स्ट्रोक दोनों ही अलग अलग रोग होते है। जिन लोगो को माइग्रेन की समस्या होती है उन्हें स्ट्रोक होने की संभावनाएं अन्य लोगो की तुलना में अधिक होती है।
उपरोक्त लक्षणों के दिखने पर देरी न करे और तुरंत डॉक्टर से जाँच करवाए और सही स्थिति का पता करे क्योंकि सही समय पर उपचार करना अच्छा होता है और यह बीमारी को बढ़ने से रोक देता है। साथ ही बीमारी को घातक होने से भी बचाव हो जाता है। इसलिए इस प्रकार के लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए। सिरदर्द की समस्या कभी कभी आम हो सकती है परन्तु यदि बार बार और तेज दर्द होता है तो डॉक्टर से ज़रुर सलाह ले।
अब तो आप समझ गए होने की दोनों के लक्षण सामान हो सकते है परन्तु ये बीमारियाँ एक नहीं है। इनसे बचने के लिए उपरोक्त जानकारी को ध्यान में रखे और उन्हें अपनाये साथ ही एक स्वस्थ्य जीवन जीए।