Acupressure For Thyroid In Hindi: एक्‍यूप्रेशर से करें थायराइड के लक्षणों को कम

थायराइड की समस्या आजकल तेजी से बढ़ रही है। इसके होने का मुख्य कारण आपका खानपान और दिनचर्या है। जब थायराइड गंथि में हार्मोंनस की कमी या फिर कहे की गड़बड़ी के कारण प्रतिरक्षा क्षमता प्रभावित हो जाती हैं तो शरीर में कई प्रकार की परेशानियां होने लगती है। आम बोलचाल में इसे थायराइड की समस्या कहा जाता है।

Thyroid विकार दो प्रकार के होते हैं एक हाइपरथायराइडिज्म और दूसरा हाइपाथायराइड। थायराइड की समस्या होने पर इसके कई लक्षण दिखाई देते है जैसे गले में दर्द होना, सूजन, वजन का अचानक बढ़ना या फिर घटना आदि।

यदि यह समस्या लगातार बनी रहती है तो कैंसर, हृदय से संबंधित बीमारियाँ, महिलाओं में गर्भपात जैसी बड़ी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है। इसलिए जरूरी है की समय रहते है इसे ठीक कर लिया जाये।

थायराइड की समस्या से राहत प्राप्त करने के लिए एक्यूप्रेशर की मदद ली जा सकती है। एक्यूप्रेशर की मदद से थायराइड की समस्या में जल्द राहत मिल जाती है। आज के लेख में हम आपको बताने जा रहे है Acupressure For Thyroid In Hindi के बारे में।

Acupressure For Thyroid In Hindi: एक्यूप्रेशर की मदद से थायराइड का करें तत्काल उपचार

Accupressure for Thyroid in Hindi

थायराइड क्या है?

  • थायराइड की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओ को ज्यादा होती है। थायराइड एक प्रकार की ग्रंथि होती है जो की गले में पायी जाती है। यह ग्रंथि थाइराक्सिन नामक हार्मोन का निर्माण करती है।
  • थायराइड ग्रंथि के द्वारा शरीर का मेटाबॉल्जिम नियंत्रित होता है। यह ग्रंथि हमारे भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करती है। साथ ही इस ग्रंथि के जरिये मांसपेशियाँ, कोलेस्ट्रॉल, हृदय आदि भी प्रभावित होते है।
  • साइलेंट किलर के नाम से भी थायराइड को जाना जाता है। शुरुआत में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते है।
  • थायरॉयड होने के कई कारण हो सकते है जैसे की दवाओं के प्रभाव से, जीवन शैली के परिवर्तन के कारण, खानपान आदि की वजह से।

थायराइड के लक्षण

यह सही है की थायराइड के शुरुआती लक्षणों को पहचानना कठिन होता है। लेकिन कुछ लक्षणों इसकी वजह से देखने की मिल सकते हैं। जैसे –

  • थायरॉइड के होने से वजन तेजी से बढ़ने लगता है। वजन का बढ़ना इसका मुख्य कारण होता है।
  • महिलाओ में थायराइड होने से मासिक धर्म अनियमित रूप से होने लगता है। इसलिए यदि किसी भी महिला का मासिक धर्म अनियमित है तो उसे अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए।
  • थायरॉइड का मुख्य कारण थकान और कमजोरी भी होती है। थायरॉइड मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करती है जिसके कारण पाचन अच्छे से नहीं हो पाता है और खाना ऊर्जा में परिवर्तित नहीं होता है। जिसके कारण शरीर में थकान और कमजोरी आने लगती है।
  • थायरॉइड होने से रोगी को डिप्रेशन की समस्या भी हो सकती है।
  • थायराइड की समस्या होने से भूख तेज लगती है परन्तु खाना सही से नहीं खाया जाता है। यह इसलिए होता है क्योंकि शरीर में मेटाबॉलिज्म असंतुलित हो जाता है।
  • थायराइड रोगी को सर्दी के मौसम में ठंड बहुत लगती है और गर्मी के मौसम में गर्मी बहुत लगती है।
  • साथ ही थायरॉइड रोगी को भूलने की बीमारी भी हो जाती है जिससे उसे चीजों को याद रखने में समस्या आती है।
  • इसके अतिरिक्त सीने में दर्द, पेट की गड़बड़ी, चिंता, हाथ कांपना, बालों में रूखापन, त्वचा में रूखापन आदि की समस्याएं भी होती है।

उपरोक्त लक्षणों के दिखने पर देरी ना करे और डॉक्टर को ज़रुर संपर्क करे। समय पर उपचार मिलने से ही इससे आपको राहत मूल सकती है।

थायराइड के लिए Acupressure की भूमिका

  • एक्यूप्रेशर करवाने के लिए आप एक्यूप्रेशर क्लिनिक जा सकते है।
  • या फिर आप खुद ही दबाव बिंदुओं को उत्तेजित करना सीखकर थायराइड के छोटे-मोटे लक्षणों से राहत पा सकते हैं।
  • आमतौर पर इससे अधिकांश दवाओं के बिना तत्काल राहत मिलती है।

थायराइड दवाब बिंदु: Thyroid Pressure Points

दोनों भावों के बीच का बिंदु

  • थायराइड की समस्‍याओं को कम करने के लिए एक्‍यूप्रेशर बिंदु आपकी दोनों भोंहो के बीच में स्थिति होते है, जो पिट्यूटरी फंग्‍शन को उत्‍तेजित करते हैं।
  • इसके अलावा इस बिंदु पर दबाव होने से नींद ना आना, सिरदर्द, तनाव आदि से भी निजात मिलता है।

हाथों एवं पैरों के अंगूठे के नीचे

  • इसके अतिरिक्त एक्युप्रेशर थेरेपी के अनुसार थायरायड के प्रतिबिम्ब बिंदु हाथों एवं पैरों दोनों के अंगूठे के बिलकुल नीचे ऊंचे उठे हुए भाग में स्थित होता हैं।
  • थायरायड की अवस्था में इन केन्द्रों पर घड़ी की सुई की दिशा में अर्थात बाएं से दायें प्रेशर देना चाहिए।
  • प्रत्येक बिंदु पर एक से तीन मिनट तक प्रतिदिन दो बार प्रेशर देना चाहिए।

हथेली पर

  • आप जहाँ घड़ी पहनते है वहां आगे हथेली की तरफ प्रेशर देना बहुत फ़ायदेमंद होता है।
  • यह प्रेशर पॉइंट हाइपरथायराइडिज्म में बहुत फ़ायदेमंद है।
  • इसके अलावा इसके और भी कई फायदे हैं जैसे की अस्थमा, सीने में जकड़न, याददाश्त कमजोर होना, सुबह होने वाली कमज़ोरी, वोमिटिंग आदि।

पीठ का मध्य हिस्सा

  • यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण एक्युप्रेशर बिंदु है जो की पुरुषों और महिलाओ दोनों में हाइपोथायरायडिज्म को ठीक करने में मदद करता है।
  • इस पॉइंट को सेंट्रल पाइवोट भी कहा जाता है।
  • पीठ के बीच में गर्दन के नीचे जाने वाली रेखा से पेल्विक क्षेत्र के शुरुआत के बीच के मध्य हिस्से पर आपको दबाव बनाना होगा।

एक्यूप्रेशर ही क्यों?

  • थायराइड को ठीक करने के लिए यदि आप दवाओं के सेवन के लिए नहीं जाना चाहते है तो एक्यूप्रेशर थेरेपी से भी इसका इलाज किया जा सकता है।
  • शरीर के विभिन्न हिस्सों खासतौर पर हथेलियों और पैरों के तलवों के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दबाव डालकर, रोगों का इलाज करना, इस प्रक्रिया को एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति कहा जाता है।
  • यह एक सरल और हानिरहित होने के साथ साथ अत्यंत प्रभावशाली व उपयोगी भी है।
  • एक्यूप्रेशर में उपचार और बीमारी का पता दोनों को एक ही प्रकार से किया जा सकता है।
  • इसमें खर्च भी बहुत कम होता है और यह बहुत ही असरकारी होता है।
  • थायराइड होने से वजन का बढ़ना,पैरों में ठंडापन, ध्‍यान केंद्रित करने में परेशानी, बालों का झड़ना, डिप्रेशन, कब्‍ज, थकान आदि की समस्या भी हो जाती है जिसे एक्यूप्रेशर के जरिये ठीक किया जा सकता है।

एक्यूप्रेशर चिकित्सा के द्वारा आप थायरॉइड को बिना दवा के भी ठीक कर सकते है। साथ ही यह हानि कारक भी नहीं रहता है। एक सरल विधि को अपनाकर आप थायरॉइड का उपचार करवा सकते है। एक्यूप्रेशर के केंद्रों का पता लगा कर आप वहां पर उपचार करवा सकते है। साथ ही एक्यूप्रेशर से जुड़ी अन्य जानकारी भी प्राप्त कर सकते है।

थायरॉइड जैसी समस्या से बचने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करे और पौष्टिक भोजन का सेवन करे।

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