Dolphin Pose: नर्वस सिस्टम से संबंधित रोगों को दूर करने में सहायक है अर्द्ध पिंचा मयूरासन
जिस तन्त्र के द्वारा हमारे शरीर के विभिन्न अंगों का नियंत्रण होता है उसे तन्त्रिका तन्त्र कहते हैं। तंत्रिका तंत्र के जरिये ही व्यक्ति वातावरण में होने वाले परिवर्तनों को समझ पाता है। तन्त्रिका तन्त्र को अंग्रेजी में नर्वस सिस्टम कहा जाता है।
नर्व्स हमारी भावनाओं से भी जुड़ी होती हैं। इसलिए इसका सही से कार्य करना जरूरी होता है। यदि यह किसी कारण वश बेकाबू हो जाती हैं तो मन विचलित हो जाता है और इसका सबसे ज्यादा प्रभाव दिमाग पर पड़ता है।
नर्वस सिस्टम के अशांत होने पर तनाव, क्रोध व दिल की धड़कनो का बढ़ना आदि समस्याएं होने लगती हैं। यदि यह सिस्टम किसी रोग या विकार से ग्रस्त हो जाए, तो उस पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है। इससे मानसिक विकलांगता भी हो सकती है।
शरीर को ठीक तरह से काम करने के लिए इसका सही से कार्य करना ज़रुरी है। यदि नर्वस सिस्टम से संबंधित कोई परेशानी होती है तो दवाओं द्वारा इसका इलाज किया जाता है। इसके अलावा योग के अंतर्गत आने वाला Dolphin Pose Yoga भी नर्वस सिस्टम को प्रोत्साहित करने में मददगार है। पढ़ें Dolphin Pose के बारे में विस्तार से।
Dolphin Pose: जानिए इस आसन को करने की विधि और इसके अभ्यास से मिलने वाले लाभ
डॉल्फिन पोज को अर्द्ध पिंचा मयूरासन (Ardha Pincha Mayurasana) भी कहा जाता है। आइये इसकी विधि और अन्य लाभों को भी जानते है:-
Dolphin Pose Steps: अर्द्ध पिंचा मयूरासन की विधि
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर मैट बिछा ले, फिर मैट पर चौपायों की पोजीशन में आ जाये।
- मैट पर योग करने के महत्व को आप यहाँ जान सकते है।
- अपने कंधे से बराबर दूरी पर अपनी हथेलियों और भुजाओ को मैट पर रखे।
- ध्यान रहे की आपके नितम्बो की सीध में आपके घुटने होने चाहिए।
- साँस को बाहर छोड़िये फिर पैर के पंजो पर आकर घुटनो को ज़मीन से ऊपर उठाइये।
- साथ ही धीरे से एड़ियों को ऊपर उठाते हुए पूरे शरीर को पैरों के पंजो पर बैलेंस कीजिये।
- नितम्बो और पीठ को ऊपर उठाते हुए साँस बहार छोड़ दे।
- आपका सर नीचे की तरफ और ऊपरी भुजाओं को बीच में होना चाहिए।
- गहरी सांस ले और कुछ देर इसी पोजीशन में बने रहे।
- फिर सांस छोड़ दे और धीरे धीरे पहले की पॉजिशन में वापस आ जायें।
- इस प्रक्रिया को दोहराए।
Dolphin Pose Benefits: अर्द्ध पिंचा मयूरासन के फायदे
- शरीर के दर्द को दूर करे – यह आसन शरीर में हो रहे दर्द को दूर करने में मदद करता है। डॉल्फिन पोज़ का नियमित अभ्यास करने से सर दर्द, पीठ दर्द और नींद ना आना जैसी तकलीफ़ दूर हो जाती है।
- तनाव को दूर करने में सहायक – आजकल अधिकांश लोग तनाव से घिरे रहते है और तनाव को दूर करने के लिए दवाओं का सेवन भी करते है। लेकिन ज्यादा दवाओं का सेवन करना हानिकारक होता है। आपको बता दें की डॉल्फिन पोज़ को नियमित रूप से करने पर तनाव दूर होता है और इससे मन भी शांत हो जाता है। इस आसन का अभ्यास यदि नियमित रूप से किया जाए तो इससे एकाग्रता भी बढ़ती है और दिमाग भी तेज होता है।
- शरीर में खिचाव लाये – इसे करने से रीढ़ की हड्डी, कंधे और हेमस्ट्रिंग में खिचाव उत्पन्न होता है जिससे यह लचीला बनता है। शरीर जितना लचीला होता है उसमे उतनी कम समस्याएं होती है।
- मज़बूती लाये – इसे करने से आपके कंधे करधनी मजबूत होते है और आपका आत्मविश्वास बढ़ता है।आत्मविश्वास बढ़ने से आप कठिन से कठिन कार्यो को कर सकते है। इसे नियमित तौर पर करने से हाथ की कलाइयों को मज़बूती मिलती है।अर्द्ध पिंचा मयूरासन को रोज करने से पैरो और हांथो को मज़बूती मिलती है
- रजोन्नति की समस्या को दूर करे – बहुत सी महिलाओ को राजोन्नति की समस्या होती है। रजोन्नति में परेशानियों से छुटकारा दिलाने में भी यह सहायक है। साथ ही यह आसन मासिक धर्म की समस्याओं को भी दूर करने में मदद करता है।
- ऑस्टियोपोरोसिस में लाभकारी – जो लोग इसे रोज करते है उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस में सहायता मिलती है। साथ ही दर्द से भी राहत मिलती है।
- पेट के लिए फ़ायदेमंद – अपने डायजेशन सिस्टम को अच्छा रखने के लिए इसे रोज करना चाहिए। इसे करने से पेट की समस्याएं नहीं होती है। आप कब्ज और गैस जैसी समस्याओं से दूर रहते है। इसके नियमित अभ्यास से भूख भी खुल जाती है।
- बीमारियों में फ़ायदेमंद – डॉलफिन पोज़ को नियमित करने से हाई ब्लड प्रेशर, साइटिका, अस्थमा जैसी बीमारियों को दूर करने में सहायता मिलती है। इसलिए इस आसन को नियमित रूप से करना चाहिए।
- हड्डियों में मज़बूती लाये – इस आसन की मदद विटामिन डी मिलता है जिससे हड्डियों को मज़बूती मिलती है साथ ही उनका विकास भी होता है। यह कैल्शियम की कमी को भी पूरा करने में मदद करता है।
- प्रजनन प्रणाली को स्वस्थ रखे – यह आसन प्रजनन अंगो को उत्तेजित करता है जिसके कारण मनुष्य के प्रजनन प्रणाली स्वस्थ रहती है।
- सिरदर्द में सहायक – इस आसन को करने से सिरदर्द की समस्या भी दूर होती है आपको इसके लिए दवाओं की जरुरत नहीं होगी साथ ही यह आपके शरीर की थकान को दूर कर शरीर में ऊर्जा भी लाता है।
अर्द्ध पिंचा मयूरासन को करने समय ध्यान रखने योग्य सावधानियां
आसन को करते समय कुछ सावधानियों का भी ध्यान में रखना ज़रूरी होता है ताकि आपको किसी प्रकार की कोई हानि नहीं हो। जैसे की –
- इस आसन को करते समय हाथो को बिलकुल सीधा रखे।
- अर्द्ध पिंचा मयूरासन को करने वक्त इस बात का भी ध्यान रखे की आपके गर्दन और पैरों में किसी प्रकार की चोट न हो।
- आपके कंधो में भी किसी प्रकार की सर्जरी या फिर चोट नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसा है तो आपको यह आसन नहीं करना चाहिए।
आज के लेख में आपने Dolphin Pose in Hindi पढ़ा जो करने में बहुत ही सरल है। लेकिन इसका अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए तभी आपको इसके लाभ मिलते रहें। आप इस आसन को कर के उपरोक्त सारे लाभों को प्राप्त कर सकते है। साथ ही इस आसन को करने से आपका शरीर भी फिट रहता है। इसलिए इसे अपने दैनिक जीवन में ज़रूर शामिल करे साथ ही अपने परिवारवालों को भी इस आसन की जानकारी दे और उन्हें भी इसे करने के लिए प्रोत्साहित करे ताकि वह भी अपने शरीर को स्वस्थ रख सके।