Ichthyosis Disease: इस बीमारी में पत्थर की मूर्ति जैसी हो जाती है त्वचा

इक्थीओसिस वल्गरिस’ एक वंशानुगत त्वचा की बीमारी है| इस बीमारी में त्वचा की मृत कोशिकाएं त्वचा की सतह पर इकट्टी होकर जम जाती है| यह बीमारी ड्राई स्कीन की अधिकता के चलते होती है|

इस बीमारी को फिश स्केल डीज़िज या फिश स्कीन डीज़िज भी कहा जाता है| अब तक यह लाइलाज बीमारी है, इसे पूरी तरह ठीक करने का इलाज अभी तक चिकित्सक नहीं खोज पाए हैं। हालाँकि मार्किट में कई मौजूद दवाइया इसके लक्षणों को कम करने का दावा करती है|

ये बीमारी बचपन में ही दिखना शुरू हो जाती है| यूएस नेशनल लायब्रेरी के मेडिसिन जेनेटिक्स के होम पेज के मुताबित इक्थीओसिस बहुत रेयर केस में होने वाली बीमारी है|

वर्ष 2014 में बार्ट्स हेल्थ नेशनल हेल्थ सर्विस के डर्मेटोलॉजी डिपार्टमेंट के अहमद एच और ओ’टोले इआ द्वारा लिखे पेज के मुताबित अब तक 3 लाख बच्चो में से केवल एक बच्चे में Ichthyosis Disease के लक्षण पाए गए है|

Ichthyosis Disease: जानिए इस त्वचा विकार के लक्षण और कारण

Ichthyosis Disease

Ichthyosis Symptoms: इक्थीओसिस के लक्षण

  • त्वचा में खुजली होना
  • त्वचा से बदबू आना|
  • त्वचा का पपड़ीदार होना।
  • त्वचा पर पॉलीगन शेप बनना।
  • त्वचा में इन्फेक्शन हो सकता है|
  • त्वचा शुष्क होने लगती है।
  • त्वचा की परत मोटी होने लगती है।
  • शुष्क त्वचा ब्राउन, ग्रे और सफेद होने लगती है।
  • शुष्क त्वचा के चलते, इसमें दर्द होता है और शरीर के कुछ हिस्से मूव करते वक्त परेशानी देते है|

इक्थीओसिस के कारण

  1. इक्थीओसिस एक आनुवंशिक विकार है जो माता-पिता से ट्रांसफर होकर बच्चो को भी प्रभावित कर सकती है|
  2. कठोर साबुन या डिटर्जेंट का उपयोग त्वचा को शुष्क बनाता है और यह भी इचीथिस के कारण बन सकता है|
  3. इत्र युक्त या कुछ अन्य साबुन या लोशन भी इस बीमारी को बढ़ावा दे सकते है|
  4. ठंडा मौसम भी इस बीमारी के होने की वजह बन सकता है| ठण्ड से त्वचा शुष्क हो जाती है और इसकी संभावना बढ़ जाती है|

इक्थीओसिस से पीड़ित एक केस की जानकारी

आपने केवल फिल्मो में देखा होगा कि किसी श्राप के चलते इंसान पत्थर बन जाते है| लेकिन नेपाल के एक शख्स के साथ यह हकीकत में हो रहा है| इस शख्स का नाम रमेश दार्जी है। यह शख्स एक  अजीब तरह की बीमारी याने इक्थीओसिस से गर्सित है|

इस बीमारी के चलते दिन पर दिन रमेश की कोमल त्वचा, मोटी और काली पपड़ी बनते जा रही है| अब तो रमेश की त्वचा इतनी कठोर हो चुकी है कि चल फिर भी नहीं सकता|

रमेश को ये बीमारी उसके पैदा होने के 15 दिनों के बाद से होने लगी, अभी वो महज 11 वर्ष का है| हैरानी वाली बात यह है कि इस बीमारी के बारे में खुद चिकित्सकों को कुछ समझ नहीं आया है|

रमेश के माता-पिता मजदूर हैं जिसके चलते उनके पास रमेश का Ichthyosis Treatment कराने के लिए पैसा नहीं हैं। लेकिन सोशल मीडिया में रमेश को लेकर चल रही मुहिम को देखते हुए ब्रिटिश सिंगर जॉस स्टोन रमेश की मदद के लिए आगे आए हैं।

Loading...

You may also like...