Melanoma Cancer: शरीर में तिल की अधिकता बन सकती है स्किन कैंसर का कारण
बहुत सारी बीमारियाँ ऐसी होती है जो बहुत ज्यादा घातक होती है, उनमें से एक है कैंसर की बीमारी। इस बीमारी में व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। इसलिए इसके बारे में जानकारी रखना ज़रुरी होता है। इस लेख में हम आपको मेलानोमा स्किन कैंसर के बारे में जानकारी दे रहे है।
कैंसर कई प्रकार के होते है। जिसमे से एक है स्किन कैंसर। देखा जाए तो स्किन कैंसर भी कई तरह के होते है जिसमे से स्किन कैंसर का सबसे घातक रूप में से एक होता है Melanoma स्किन कैंसर।
दरअसल शरीर में त्वचा के रंग का निर्माण मेलोनोसाईट्स के द्वारा होता है और मेलानोमा स्किन कैंसर भी इसी मेलोनोसाईट्स में पाया जाता है।
मेलोनोसाईट्स को मिलेनिन भी कहा जाता कहा जाता है। मेलोनोसाईट्स त्वचा में रंग का निर्माण करने के साथ साथ सूर्य की हानिकारक किरणों से त्वचा की रक्षा भी करता है। इसे कैंसर जैसे रोगों से दूर रखना ज़रूरी होता है। जानते है Melanoma Cancer के बारे में विस्तार से।
Melanoma Cancer: जाने मेलानोमा स्किन कैंसर के कारण, लक्षण और उपचार
मेलानोमा के लक्षण: Melanoma Symptoms
- मेलानोमा स्किन कैंसर के कुछ लक्षणों को पहचाना जा सकता है जैसे की
- त्वचा पर होने वाले तिल और मस्से के आकार में परिवर्तन होना
- त्वचा में काले और भूरे रंग के धब्बे दिखाई देना
- त्वचा पर निशान का होना, यह किसी भी आकार के हो सकते है
मेलानोमा स्किन कैंसर के होने के कारण
शरीर में तिल का होना
- शरीर पर तिल का होना भी मेलानोमा स्किन कैंसर का कारण बनता है।
- ज्यादातर इस तरह के कैंसर का खतरा ज्यादा तिल होने की वजह से ही होता है।
- ये लक्षण या तो बचपन में दिखाई देते है या फिर युवावस्था में दिखाई पड़ते है।
सूर्य की किरणों के संपर्क में रहना
- मेलानोमा कैंसर होने का मुख्य कारण होता है त्वचा का सूर्य की किरणों के संपर्क में लगातार रहना।
- इसके प्रभाव से त्वचा के सेल्स ख़राब हो जाते है। जिसके कारण मेलानोमा नामक कैंसर होने का खतरा बना रहता है।
- आपको बता दे की यह कैंसर छूने से भी फैलता है इसलिए ऐसे लोगो से दूरी बना कर रखनी चाहिए जो इस कैंसर से ग्रसित हो।
वंशानुगत होने के कारण
- मेलानोमा कैंसर छुआ छूत के कारण भी फैलता है। इसलिए यदि आपके परिवार में किसी को समस्या है तो इसके फैलने का खतरा ज्यादा होता है।
- शोध में भी ऐसा देखा गया है की पीड़ित के परिवार वालो को यह समस्या ज्यादा हुई है।
गोरी त्वचा के कारण
- यह कैंसर उन लोगो को भी हो सकता है जिनकी त्वचा का रंग गोरा होता है।
- गोरे रंग में बाकी रंगो की त्वचा की अपेक्षा मेलानोमा कैंसर होने के खतरा अधिक होता है।
पाचन तंत्र की परेशानी
- पाचन तंत्र की समस्या होने पर भी इस प्रकार का कैंसर हो सकता है।
- यदि आपका पाचन तंत्र से संबंधित किसी प्रकार का उपचार चल रहा है तो भी इसके होने के चांसेज बढ़ सकते है।
- साथ ही यदि आपके किसी अंग का ट्रांसप्लांट हुआ है तो ऐसे लोगों को भी मेलानोमा की समस्या होने का खतरा ज्यादा बना रहता है।
उम्र बढ़ने के कारण
- उम्र बढ़ने पर कई तरह की परेशानियाँ होती है।
- जैसे जैसे उम्र बढ़ती है तो भी मेलानोमा कैंसर होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। इसलिए जो लोग बूढ़े होते है उन्हें भी यह कैंसर ज्यादा होता है।
- इसलिए नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप करवाते रहना चाहिए।
रोगी को हो सकती है दोबारा
- जिन रोगी को एक बार यह कैंसर हो चुका है और वह उसका उपचार करा चुका है ऐसे लोगों को फिर से दोबारा मेलानोमा स्किन कैंसर होने का खतरा बना रहता है।
- इसके दोबारा होने की सम्भावनाये 5 प्रतिशत तक बनी रहती है।
मेलानोमा कैंसर का निदान
- यदि उपरोक्त लक्षण नजर आते हैं तो अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर मेलानोमा कैंसर का पता लगाने की कोशिश करता है।
- यदि व्यक्ति इस कैंसर से पीड़ित होता है तो डॉक्टर को यह जानने की जरुरत होती है की यह कैंसर किस स्टेज तक पंहुचा है। इस बात की जानकारी लेने के लिए डॉक्टर को त्वचा की जाँच करनी पड़ती है।
- वह त्वचा की जाँच करने के लिए बॉयोप्सी कर सकता है क्योंकि इसके द्वारा ही कैंसर सेल्स की पहचान की जाती है। इसकी पहचान ही इसे लैब में टेस्ट के लिए भेजा जाता है।
- आपको बता दे की यदि यह कैंसर सेल लिम्फ नोड्स तक पहुंच जाता है तो यह व्यक्ति के लिए घातक भी हो सकता है।
मेलानोमा कैंसर का उपचार
- मेलानोमा कैंसर का इलाज करने के लिए सबसे पहले डॉक्टर को सर्जरी करना होता है। इसलिए जैसे ही इस बीमारी का पता चले तो Melanoma Stages को ज्यादा बढ़ने ना दे कर, बिना देर किये हुए डॉक्टर से संपर्क करना ज़रूरी होता है।
- यह कैंसर फैलता है, इसलिए यदि इसके उपचार में देरी की जाती है तो यह शरीर के कई अंगो में फैल सकता है। इसलिए सबसे पहले सर्जरी करना अनिवार्य होता है।
- सर्जरी हो जाने के बाद नियमित रूप से चेकअप करवाना होता है। इसलिए नियमित रूप से जाँच ज़रूर करवाए।
- कुछ परिस्थियाँ ऐसी होती है है इस बीमारी का देर से पता चलता है तो यदि मेलानोमा कैंसर बहुत अधिक पुराना हो गया रहता है तो इसके लिए डॉक्टर सर्जरी तो करता है साथ ही वह इंटरफेरोन नामक दवा भी देता है। यह जब दी जाती है जब कैंसर लिम्फ नोड्स तक को प्रभावित कर देता है।
मेलानोमा का लिम्फ नोड्स तक फैलना
- मेलानोमा यदि लिम्फ नोड्स तक पहुंच जाता है इसका अंतिम चरण होता है। जिसे सर्जरी के द्वारा ही हटाया जा सकता है। लेकिन यह घातक भी हो सकता है क्योंकि यह शरीर के अन्य भागो में भी फैल चूका होता है।
नोट – यदि आपको अपने शरीर में किसी भी प्रकार के धब्बे या फिर दाग दिखते है या फिर उनसे खून निकलता है तो इसमें देर नहीं करनी चाहिए। तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए, यह मेलानोमा कैंसर के लक्षण भी हो सकते है।
कैंसर के बारे में जानकारी रखना जरूरी होता है ताकि आप समय रहते इसका उपचार कर बचाव कर सके।
अनियमित खानपान और रहन सहन से दूर रहे। पौष्टिक भोजन करे। साथ ही नियमित रूप से व्यायाम और योग करे। पर्याप्त नींद ले और तनाव, चिंता से दूर रहे। अपने आप को साफ सुथरा रखे ताकी आपको स्किन से जुड़ी समस्याएं न हो।